।। राम राम सा ।।
मित्रो ईस वर्ष आज आषाढ़ महीना पुरा होकर श्रावण शुरु हो गया है । देश के कई हिस्सों में बारिश का कहर जारी है तो वही पश्चिमी राजस्थान मारवाड़ के लोग बारिश ना होने की वजह से परेशान हैं आखिर इंद्र देवता कब बरसेंगे किसी जगह एक बार और किसी जगह दो बार बुवाई हो चुकी है। दस बारह दिन से आंधी चल रही है जो आज कम हुई है । फिर भी जिस तरीके से आँधी चल रही है उस हिसाब से दस बारह दिन तक तो बरसात के कोई आसार नजर आते नहीं दिख रहै हैं
मुझे तो संवत 2044 याद आ रहा है ।
पिछले साल भी कोई खास बरसात नही हुई थी इसलिये अब जैसे-जैसे बरसात में देरी हो रही है, वैसे-वैसे ही पशुओं की हालत ज्यादा खराब होने लगी है। चारे की कमी से आवारा पशु गरमी लगने और भोजन-पानी के अभाव में ज्यादा दम तोड़ने लगे हैं। आस-पास के गाँवो मे भूख से भी कई गायों की मौत हो चुकी है ।और दिनों-दिन पशुओं के मरने रफ्तार भी बढ़ती जा रही है ।
मित्रो गायो के नाम पर राजनीति करने वाले लोग लम्बा टिका लगाकर सिर्फ suv गाड़ियों मे ही घूमते मिलेंगे इसलिये आज हालात ये है कि इस मूक पशु के संरक्षण की ज़िम्मेदारी लेने को कोई सरकार कोई संगठन तैयार नही है ,गाय सिर्फ राजनीति के नारों मे जरूर ज़िंदा है। आज किसानो पर राजनीति करने वाली वर्तमान सरकार ने डीजल के दाम बढाकर किसानो की पीठ पर वार किया है। कुछ लोग कहते हैं कि कोन्ग्रेस और अकाल का गहरा रिस्ता है ।गाँव मे ब्राहमण व सुगन विसारण वाले लोगो ने भी सातम आठम बता कर पुरा आषाढ़ महीना निकाल दिया है । अब तो बुवाई की हुई फसल भी खत्म हो गई है। आज कल की महंगाई से तीन तीन बार बुवाई करने वाले किसान के क्या हालात होन्गे वो तो ऊपर वाला ही जानता है।
मित्रो मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत ने किसानो को एक साथ दो बड़े झटके दिये हैं। किसानों के कर्जमाफी व व बुवाई के समय डीजल के दाम बढाकर वो भी ये कहकर कि पिछली सरकार ने डीजल के दाम घटा कर गलती की थी उसको हमने फिर से डीजल के दाम बढ़ाकर सुधारा है।
गुमनाराम पटेल सिनली
मित्रो ईस वर्ष आज आषाढ़ महीना पुरा होकर श्रावण शुरु हो गया है । देश के कई हिस्सों में बारिश का कहर जारी है तो वही पश्चिमी राजस्थान मारवाड़ के लोग बारिश ना होने की वजह से परेशान हैं आखिर इंद्र देवता कब बरसेंगे किसी जगह एक बार और किसी जगह दो बार बुवाई हो चुकी है। दस बारह दिन से आंधी चल रही है जो आज कम हुई है । फिर भी जिस तरीके से आँधी चल रही है उस हिसाब से दस बारह दिन तक तो बरसात के कोई आसार नजर आते नहीं दिख रहै हैं
मुझे तो संवत 2044 याद आ रहा है ।
पिछले साल भी कोई खास बरसात नही हुई थी इसलिये अब जैसे-जैसे बरसात में देरी हो रही है, वैसे-वैसे ही पशुओं की हालत ज्यादा खराब होने लगी है। चारे की कमी से आवारा पशु गरमी लगने और भोजन-पानी के अभाव में ज्यादा दम तोड़ने लगे हैं। आस-पास के गाँवो मे भूख से भी कई गायों की मौत हो चुकी है ।और दिनों-दिन पशुओं के मरने रफ्तार भी बढ़ती जा रही है ।
मित्रो गायो के नाम पर राजनीति करने वाले लोग लम्बा टिका लगाकर सिर्फ suv गाड़ियों मे ही घूमते मिलेंगे इसलिये आज हालात ये है कि इस मूक पशु के संरक्षण की ज़िम्मेदारी लेने को कोई सरकार कोई संगठन तैयार नही है ,गाय सिर्फ राजनीति के नारों मे जरूर ज़िंदा है। आज किसानो पर राजनीति करने वाली वर्तमान सरकार ने डीजल के दाम बढाकर किसानो की पीठ पर वार किया है। कुछ लोग कहते हैं कि कोन्ग्रेस और अकाल का गहरा रिस्ता है ।गाँव मे ब्राहमण व सुगन विसारण वाले लोगो ने भी सातम आठम बता कर पुरा आषाढ़ महीना निकाल दिया है । अब तो बुवाई की हुई फसल भी खत्म हो गई है। आज कल की महंगाई से तीन तीन बार बुवाई करने वाले किसान के क्या हालात होन्गे वो तो ऊपर वाला ही जानता है।
मित्रो मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत ने किसानो को एक साथ दो बड़े झटके दिये हैं। किसानों के कर्जमाफी व व बुवाई के समय डीजल के दाम बढाकर वो भी ये कहकर कि पिछली सरकार ने डीजल के दाम घटा कर गलती की थी उसको हमने फिर से डीजल के दाम बढ़ाकर सुधारा है।
गुमनाराम पटेल सिनली
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