डिअर मानसून ,
तुम जहा कही भी हो वापिस आ
जाओ। ।
कोई तुम्हे कुछ नहीं कहेगा
मूँग ,बाजरा , ज्वार , गवार , मोठ की तबियत बहुत ख़राब है । सब तुम्हारे बिना परेशान है।
छतरी बेचने वाले काका और रेनकोट वाले
ताऊ तुम्हे बहुत याद कर रहे हैं ……
जो कोई मानसून को यहाँ लेकर
आएगा उसे उचित इनाम
दिया जायेगा एवं नाम गुप्त
रखा जायेगा। ।
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