राम राम सा
मित्रो समय के साथ फेसन बदलते देर नहीं लगती है । एक समय था जब हमारे घर मेहमान आते थे । तो बैठने के लिये चटाई व दरी कि जगह भाकल का प्रयोग करते थे जो (ऊँटो व बकरियो के बालो से बना हुआ होता था ) आजकल विलुप्त होने के कगार पर है । और उसके अलावा सबसे फेमस एक दो मेहमान के लिये शक्कर की बौरीयो का प्रयोग करते थे ।और ये बौरिया भी आजकल दिखाई नही दे रही है । मै तो यही सोचता था कि पहले जैसी लोगो मे ताकत नही रही है जो सौ एक सौ बीस किलो तक वजन उठा सके। या जूट के भाव बढ़ जाने से दिक नही रही है । पर बात कुछ और ही है।
मित्रो एक दिन फैसन फेअर मे चलते चलते जा रहा था तो मेरी नजर एक दुकान पर पड़ी तो वहाँ इन बौरियो के बने पेन्ट सूट पर पड़ी तो मुझसे रहा ना गया और भाव पूछ लिया एक सूट की किमत 6500 से 8800 रुपए व नाईट पेन्ट का का भाव 1495 रुपए था जो मेरे फोटो के साथ पीछे दिख रहा है।
जिस किसी के पास नईई पुराणी बौरीया है वो सम्भाल कर रखे क्योकि अभी तक तो आदमियो के कपड़े बने है। जिस दिन औरतो के बनने लगेंगे तो बाजार मे फटी पुरानी बोरियो की अच्छी किमत आ सकती है ।
मित्रो समय के साथ फेसन बदलते देर नहीं लगती है । एक समय था जब हमारे घर मेहमान आते थे । तो बैठने के लिये चटाई व दरी कि जगह भाकल का प्रयोग करते थे जो (ऊँटो व बकरियो के बालो से बना हुआ होता था ) आजकल विलुप्त होने के कगार पर है । और उसके अलावा सबसे फेमस एक दो मेहमान के लिये शक्कर की बौरीयो का प्रयोग करते थे ।और ये बौरिया भी आजकल दिखाई नही दे रही है । मै तो यही सोचता था कि पहले जैसी लोगो मे ताकत नही रही है जो सौ एक सौ बीस किलो तक वजन उठा सके। या जूट के भाव बढ़ जाने से दिक नही रही है । पर बात कुछ और ही है।
मित्रो एक दिन फैसन फेअर मे चलते चलते जा रहा था तो मेरी नजर एक दुकान पर पड़ी तो वहाँ इन बौरियो के बने पेन्ट सूट पर पड़ी तो मुझसे रहा ना गया और भाव पूछ लिया एक सूट की किमत 6500 से 8800 रुपए व नाईट पेन्ट का का भाव 1495 रुपए था जो मेरे फोटो के साथ पीछे दिख रहा है।
जिस किसी के पास नईई पुराणी बौरीया है वो सम्भाल कर रखे क्योकि अभी तक तो आदमियो के कपड़े बने है। जिस दिन औरतो के बनने लगेंगे तो बाजार मे फटी पुरानी बोरियो की अच्छी किमत आ सकती है ।
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