रविवार, 30 सितंबर 2018

श्राद्धपक्ष के बारे मे कबीर दास जी

राम राम सा
मित्रो अब श्राद की सीजन है लोग पितरो को खुश करने के के लिए  अलग-अलग नये मोडर्न तरीके अपना रहे है ब्राह्मणों को फुर्सत नहीं  है अगर किसी को पंचांग के बारे मे पुछो तो यही कहेंगे कि अब समय नही है पितर  तर्पण का  सीजन है  वा भाई तर्पण के नाम पर लूटते रहो ।
जीते जी तो खाना खाने के समय दस मिनट पास मे भी नही बेठते हो अब तर्पण के लिये बराबर समय निकालते हो वाह रे दुनिया वालो !

      मित्रो श्राद्ध के लिये एक बार रामानंद जी ने कबीर जी से कहा    की हे कबीर आज श्राद्ध का दिन है और पितरो के लिये खीर बनानी है.
आप जाइये पितरो की खीर के लिये दुध ले आइये..
कबीर जी उस समय 9 वर्ष के ही थे..
कबीर जी दुध का बरतन लेकर चल पडे...
चलते चलते आगे एक गाय मरी हुई पडी थी..
कबीरजी ने आस पास से घास को उखाड कर गाय के पास डाल दिया और वही पर बैठ गये...!!!

दुध का बरतन भी पास ही रख लिया...
जब काफी देर होगयी तो रामानंद ने सोचा..
पितरो को छिकाने का टाइम हो गया है...

कबीर अभी तक नही आया..
तो रामानंद जी खुद चल पडे दुध लेने...
चले जा रहे थे तो आगे देखा की कबीर जी एक मरी हुई गाय के पास बरतन रखे बैठे है...!!!

रामानंद जी बोले अरे कबीर तु दुध लेने नही गया.?
कबीर जी बोले स्वामीजी ये गाय पहले घास खायेगी तभी तो दुध देगी...!!!

रामानंद बोले अरे ये गाय तो मरी हुई है ये घास कैसे खायेगी??

कबीर जी बोले स्वामी जी ये गाय तो आज मरी है..
जब आज मरी गाय घास नही खा सकती...!!!

तो आपके 100 साल पहले मरे हुए पितर खीर कैसे
खायेगे...??

यह सुनते ही रामानन्दजी
मौन होगये..!!
उन्हें अपनी भूलका अहेसास
हुआ.!!

*माटी का एक नाग बनाके*
*पुजे लोग लुगाया*
*जिंदा नाग जब घर में निकले*
*ले लाठी धमकाया*
 
*जिंदा बाप कोई न पुजे*
*मरे बाद पुजवाया*
*मुठ्ठीभर चावल लेके*
*कौवे को बाप बनाया*

*यह दुनिया कितनी बावरी हैं*
*जो पत्थर पुजे जाय*
*घर की चकिया कोई न पुजे*
*जिसका पिसा खाय*

-संत कबीर

भावार्थ:-
जो जीवित है उनकी सेवा करो..!!
वही सच्चा श्राद्ध है.!!
🙏🙏🙏

आरती राहुल बाबा की

आरती किजे राहुल बाबा की

जय जय राहुल बाबा ! माई सोनिया है राजीव तेरे पापा। 
सब वैज्ञानिकों  में तुम  हो श्रेष्ठ, अर्थ के  फीते  से नापा। ।
ओम् जय राहुल बाबा •••••

आलू से सोना बनाने वाली मशीन के  पहले निर्माता ।
कोन्ग्रेस जीती तो चाँद पर खेत देने वाले पहले दाता ।।
ओम जय राहुल बाबा ••••••

कभी कैलाश  कभी मन्दिर  कभी जनेऊ धारण ऐसे। 
माथे पर तिलक लगा जो प्राचीन चवन्नी चाँदी की जैसे।
ओम्.जय राहुल बाबा••••

गोटालो मे जमानत पर हो तुम बात नहीं जगछानी।
चमचे  करते  है  चमचागीरी फिरते है कानी कानी ।।
ओम जय राहुल बाबा•••••

जब इलेक्शन आवे नजदीक , तैयारी मे तुम लग जाते ऐसे ।
मेड इन के  नये उपाय खोजते ,भाजपा को हरावे  कैसे
ओम्  जय राहुल बाबा •••••

भाजपा ने मचायी धूम देश मे ,कोन्ग्रेस  के दाँत किए खट्टे।
जब भगवा लहर फैली भारत मे,  दुखी हैं सब तुम्हारे पट्ठे’।।
ओम् जय राहुल बाबा•••••

कोन्ग्रेस राज मे सभी लखपती थे , नही था कोई भूखा-नंगा।
बेरोजगार कोई नही था भारत मे,  बहती थी नोटों की गंगा।। ओम् जय राहुल बाबा

जिजा और साला चोर हो , तुम समान और नहीं कोई दूजा। 
चातुकरिता करने  वाले , आपकी नित्य करते हैं पूजा।।
ओम्...।

पप्पुजी की गुण गान की आरति  यदि कोई नर गावे ।
झुठा झुठा आरोप मोदी पर लगावे , वो ऊंचा पद पावे ।।
ओम्...।

राजस्थानी दोहा

राम राम सा

>>> शुभरात्री। <<<
तू ही म्हारो काळजो, तू ही म्हारो जीव।
घड़ी पलक नहिं आवड़ै, तुझ बिन म्हारा पीव!
जब से तुम परदेस गए, गया हमारा चैन।
'कनबतिया' कब मन भरे, तरसण लागे नैन।।
चैटिंग-चैटिंग तुम करो, वैटिंग-वैटिंग हम्म।
चौका-चूल्हा-रारमें, गई उमरिया गम्म।।
सुणो सयाणा सायबा, आ'गी करवा चौथ।
एकलड़ी रै डील नै, खा'गी करवा चौथ।।
दीवाळी सूकी गई, गया हमारा नूर।
रोशन किसका घर हुआ, दिया हमारा दूर।।
दिप-दिप कर दीवो चस्यो, चस्यो न म्हारो मन्न।
पिव म्हारो परदेस बस्यो, रस्यो न म्हारो तन्न।।
रामरमी नै मिल रया, बांथम-बांथां लोग।
थारा-म्हारा साजनां, कद होसी संजोग।।
म्हैं तो काठी धापगी, मार-मार मिसकाल।
चुप्पी कीकर धारली, सासूजी रा लाल!
जैपरियै में जा बस्यो, म्हारो प्यारो नाथ।
सोखी कोनी काटणी, सीयाळै री रात।।
म्हारो प्यारो सायबो, कोमळ-कूंपळ-फूल।
एकलड़ी रै डील में, घणी गडोवै सूळ।।
दिन तो दुख में गूजरै, आथण घणो ऊचाट।
एकलड़ी रै डील नै, खावण लागै खाट।।
पैली चिपटै गाल पर, पछै कुचरणी कान।
माछरियो मनभावणो, म्हारो राखै मान।।
माछर रै इण मान नैं, मानूं कीकर मान।
एकलड़ी रै कान में, तानां री है तान।।
थप-थप मांडूं आंगळी, थेपड़ियां में थाप।
तन में तेजी काम री, मन में थारी छाप।।
आज उमंग में आंगणो, नाचै नौ-नौ ताळ।
प्रीतम आयो पावणो, सुख बरसैलो साळ।।

करणी माँ के दोहे

राम राम सा

करणी मां के 21 दोहे
1. देवी देशाणै बुला, उण ओरण रे मांय।
दही बिलोता डोकरी भगत चराता गाय।
2.देवी देशाणै बुला, बैठूं मढ री ओट।
मन में ध्याऊं आपनै, त्याग कपट छल खोट।
3.देवी देशाणै बुला, बीकाणै री नाक।
जठै दास तिरिया घणा, दुष्ट हो गया खाक।
4.देवी देशाणै बुला खास्यूं मीठा बोर।
दर्शण पाकर आपरा नांचैला मन मोर।
5.देवी देशाणै बुला, बोरडियां री छांव।
उन धरणी माथौ धरूं, (जठै) करणी धरता पांव।
6.देवी देशाणै बुला, उण सांचै दरबार।
जय जय करणी कर रिया, सीस झुका नर नार।
7.देवी देशाणै बुला, थारै थली रै देस।
चरणां चिरजा आपरै करूं चाव सैं पेस।
8.देवी देशाणै बुला, लगा अती मत देर।
बेटे रै सिर मावड़ी हाथ नेह सुं फेर।
9.देवी देशाणै बुला, मत अरजी नैं टाल।
घट का ताला खोल जो, कट ज्या भव जंजाल।
10.देवी देशाणै बुला राख आपरै सीर।
मां बेटो मिल जीमस्यां खांड लापसी खीर।
11.देवी देशाणै बुला, चरणां टेकूं भाल ।
दुखड़ा दर्शन पावतां, कट ज्यावै तत्काल।
12.देवी देशाणै बुला, उगतो देखूं भाण ।
मां आशीसां देवजे टाबर भोलो जाण ।
13.देवी देशाणै बुला,उण निज मढ रै मांय।
मन चंचल जिण द्वार पे, दोड्यो दोड्यो जाय।
14. देवी देशाणै बुला, मचै मनां में होड।
काबा देख गिनायती नांचै कर कर कोड।
15.देवी देशाणै बुला, मति परायो जाण ।
जै निजरां सुं त्याग दे, पल में छोडूं प्राण।
16.देवी देशाणै बुला, मत कर टालमटाल।
थोडों सो भूंडो सही, हूँ तो थारो लाल।
17.देवी देशाणै बुला, पड़ै बुलायां पार।
दरस दियां बिन डोकरी छोडूं कोनी लार।
18.देवी देशाणै बुला, एकर कर दे म्हेर।
पाछै साल गुजार द्यूं, माला थारी फेर।
19.देवी देशाणै बुला, कर दे बेडा पार।
बिन थारी आशीष के चालै ना घरबार।
20.देवी देशाणै बुला, धजबन्द थारै द्वार।
जठै जीत बण ज्याय है दुनिया की हर हार।
21.देवी देशाणै बुला, खड्यो सीस जमदूत ।
आय बचालै डोकरी प्रांजल थारो पूत

शनिवार, 29 सितंबर 2018

मोबाइल की महिमा

राम राम सा

मित्रो आजकल का दौर सौशल मिडिया का है। आज सभी के पास मे स्मार्ट फोन है  आदमी हो या औरत जहाँ पहुचें की सेल्फी तो लेनी ही है  अब इन दिनो कोई भाई  गाँव जाता है तो बाजरी या मूँग ज्वार मोठ काटते हुये सेल्फी जरुर लेते है  कोई मतिरा खाते हुये । कोई नेताजी के पास मे जाकर कोई गोगाजी के मेले मे कोई तेजाजी के मेले मे कोई रामदेवजी के मेले मे  ! पर कई लोग दातुड़ौ हाथ मे लेकर सेल्फी लेते है और स्टेटस
आज गाँव मे  सुबह से लेकर शाम तक काटी बाजरी ।
बन्दे  मे  दम अभी भी है फिर भी नही ली हूँ हाजरी ।।

 शर्ट पेंट के अन्दर ही दातुड़ौ उल्टो बाजरी उलटा हाथ सूँ पकड़ी है अरे भाई एक दिन धुप मे सुबह से शाम तक काटो तो मालुम पड़े  कि  किसान कितने  सुखी है ।अगर कोई कही मिलने गये तो  हालचाल नही पुछेगे। पहले सेल्फी लेंगे । अगर कोई बच्चा ननिहाल जाकर आयेगा तो घर वाले भी हालचाल की बजाय कहेंगे बता बेटा नानी के साथ सेल्फी कैसी आई है ।ये नही पूछेगा कि नानी की  तबियत कैसी है ।
अब हम सब जानते ही है की आज के  युग को मोबाइल युग कहे तो सही रहेगा । लोग एक ही घर मे रहकर दो दो तीन तीन दिन आपस में बात नहीं करते हैं। मां  -बाप  बेटा बेटी बहु सब के सब फोन मे व्यस्त रहते है ।चाचा चाची भुआ  बहिन को भले याद ना करे पर अमेरिका या ब्रिटेन मे फ्रेंड को विश कर देंगे
 आज के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण जरुरत यही तो है!कुछ दिनों पहले जब मोबाइल  नहीं हुआ करता  था, पहले गाँव में कोई रिश्तेदार या मेहमान आता था तो सबसे पहले वो घर की राजी-ख़ुशी के बारे में पूछता,फिर घर में गाय भैन्स के धिणा व  दूध-  के बारे पूछता! फिर  मूँग बाजरी चारा खेत-खलिहान के बारे में!
उसके बाद इधर-उधर कि बातों पर चर्चा होती!पर अब आने वाले समय में  ये बाते पुरानी हो जायेगी!
एक बार मै मेरे मेहमान के घर गया  तो हम शाम को खाना खाने के बाद टीवी भी देख रहे थे और साथ मे  बाते भी कर रहे थे अचानक मेरे ध्यान में  एक बात आई और मैने  उनसे पुछ ही लिया कि आपके बच्चे व दुकान का स्टाप  बहुत ही सिधे है एकदम छुपछाप सब  सो गये है । तो वो थोड़ा मुस्कराये और फिर मुझे वो दृश्य दिखाया  तो मै देखकर दंग रह गया  वहाँ  wifi लगा है और सब के सब मोबाइल मे व्यस्त थे ।
आजकल घर में घुसते ही राजी-ख़ुशी के बाद मेहमानो की नजर सीधी  चार्जर पर  जाती है   "चार्जर कठे है सा ।थोड़ी टाईम के बाद  एक और है  काई ? दुजूड़ौ फोन री बेटरी डाऊन है?"
आज के दौर मे सम्पुर्ण  भारत मे आपको बिना मोबाइल का कोई  भी भिखारी भी नही मिलेगा ।
वाह रे मोबाइल तेरी महिमा तो  न्यारी है


गुमनाराम पटेल सिनली

शुक्रवार, 28 सितंबर 2018

जय जय राजस्थान

जय जय राजस्थान

सिंझ्या ढळगी सायबा ,चंदै भरली बांथ ।
खडी़ उडीकूं बारणैं , कद आवैला नाथ ॥
ताचक बैठी गौरडी़ , गोखै साम्हीं पंथ ।
ऊपर चमकै चांदियो ,कद आवैला कंत ॥
थारै हाथां जीम सूं , कंत पधारो आज ।
नींतर भूखी पोढ सूं , सेजां रा सिरताज ॥
भीतर ढाळूं ढोलियो , ऊपर छाऊं आंख ।
थांरै आयां सायबां , म्हारै आवै पांख ॥

हास्य कविता

हास्य कविता*

अक्ल बाटने लगे विधाता, लंबी लगी कतारी ।

सभी आदमी खड़े हुए थे, कहीं नहीं थी नारी ।

सभी नारियाँ कहाँ रह गई, था ये अचरज भारी ।

 

पता चला ब्यूटी पार्लर में, पहुँच गई थी सारी।

मेकअप की थी गहन प्रक्रिया, एक  एक पर भारी ।

बैठी थीं कुछ इंतजार में, कब आएगी बारी ।

उधर विधाता ने पुरूषों में, अक्ल बाँट दी सारी ।

ब्यूटी पार्लर से फुर्सत पाकर, जब पहुँची सब नारी ।

बोर्ड लगा था स्टॉक ख़त्म है, नहीं अक्ल अब बाकी ।

रोने लगी सभी महिलाएं , नींद खुली ब्रह्मा की ।

पूछा कैसा शोर हो रहा है, ब्रह्मलोक के द्वारे ?

पता चला कि स्टॉक अक्ल का,  पुरुष ले गए सारे ।

ब्रह्मा जी ने कहा देवियों , बहुत देर कर दी है ।

जितनी भी थी अक्ल वो मैंने, पुरुषों में भर दी है ।

लगी चीखने महिलाये , ये कैसा न्याय तुम्हारा?

कुछ भी करो हमें तो चाहिए,  आधा भाग हमारा ।

पुरुषो में शारीरिक बल है, हम ठहरी अबलाएं ।

अक्ल हमारे लिए जरुरी , निज रक्षा कर पाएं ।

सोचकर दाढ़ी सहलाकर , तब बोले ब्रह्मा जी ।

एक वरदान तुम्हे देता हूँ , अब हो जाओ राजी ।

थोड़ी सी भी हँसी तुम्हारी , रहे पुरुष पर भारी ।

कितना भी वह अक्लमंद हो, अक्ल जायेगी मारी ।

एक औरत ने तर्क दिया,  मुश्किल बहुत होती है।

हंसने से ज्यादा महिलाये, जीवन भर रोती है ।

ब्रह्मा बोले यही कार्य तब, रोना भी कर देगा ।

औरत का रोना भी नर की, अक्ल हर लेगा ।

एक अधेड़ बोली बाबा, हंसना रोना नहीं आता ।

झगड़े में है सिद्धहस्त हम, खूब झगड़ना भाता ।

ब्रह्मा बोले चलो मान ली, यह भी बात तुम्हारी ।

झगड़े के आगे भी नर की, अक्ल जायेगी मारी ।

ब्रह्मा बोले सुनो ध्यान से, अंतिम वचन हमारा ।

तीन शस्त्र अब तुम्हे दिए, पूरा न्याय हमारा ।

इन अचूक शस्त्रों में भी, जो मानव नहीं फंसेगा ।

निश्चित समझो, उसका घर नहीं बसेगा ।

कहे कवि मित्र ध्यान से, सुन लो बात हमारी ।

बिना अक्ल के भी होती है, नर पर नारी भारी।

आन्जनी माता मन्दिर चैन्डा

राम राम सा

आज मुम्बई मे श्री श्री १००८श्री साध्वी भगवती बाई जी श्री राजाराम जी अन्नपूर्णा आश्रम चेण्डा पाली आज धारावी  आंजणा समाज भवन  मे  जोरदार  स्वागत किया गया ।  सभी भक्तों ने दाता श्री के दर्शन  किये । कुछ देर रुकने के बाद फिर वसई के लिये  रवाना हो गये और आज रात्रि विश्राम वसई रोड मे है ।
पीठाधीश्वर परम पूज्य श्री श्री 1008 साध्वी श्री भगवती बाई जी के चरणो में कोटि-कोटि नमन !!

गुरुवार, 27 सितंबर 2018

घर की यादे

जब_भी_घर_की_याद_आती_है_तो_यह_देख_लेता_हूँ

आकड़ों से लिपटते हिरण, टांके में गिरते सूखे बींटोरे...
टांके पर रखा हुआ पापा के हाथ का  मुंह काट रखा फार्च्यून रिफाइंड तेल का डिब्बा जिसके गले में दो चार नट बोल्ट भी लटके हुए है..
आगोर में कुछ जानवरों के खुरों के निशान ऐसे लग रहे कि तीन बजे वाली लू में ही रौंचते हुए वापस लौट गए...
आंगण में उल्टी पड़ी ओडी...
कभी कभी दक्ष ओर लष्मी थोम्बली को पकड़े...रोटी के सूखे टुकड़े चबा रहे है..शाम 7 बजे भोमसगर वाली बस
ट्रेक्टर को धक्का मारकर स्टार्ट करता हुआ मेरा छोटा भाई !!
वहां की धूल भरी आंधियों से रेत से अटी प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना की सड़क
पड़ौस वाली दादी माँ घी तोलते समय धूड़ का धड़ा कैसे बना लेती और बरनी में घी धार देखती...
फिर भूणिये सिक्कों के भुड़किये को भखारी में खड्डा करके छिपा देती... आज वो नहीं है...
ओर रात 11 बजे को पड़ोसी सऊयो की ढाणियों से जागरण की भजन मंडली की आवाज ओर सुबह को आसका देते हुए भोपा जी ओर बाजू में चिट्को चबाते हुए छोटे छोटे बच्चे ओर दोपहर के चार बजे ताश खेलते हुए आपके हाथ की चाय !! इतना सा याद कर लेता हूँ
इस दुनियां के तमाम दुख गांव  की चौखट पर ताश खेलने से खत्म हो जाते है...
शहर में तो अंधेरे जैसा आभास होता हैं...
ओर तुझे मालूम मुझे अंधेरा पसंद है... क्योंकि मै इस दुनियां की तमाम जिंदगियां उस अंधेरे में पढता हूँ...
मेरी स्मृति में रेगिस्तान के गांव इस दुनियां में मेरे बेहतरीन प्रेमी है...
जो मेरे लिए अतीत हो गए है...
बस याद रहता है...तो अतीत का वो रेत का रेगिस्तान जहा सुकून की नींद आती थी जो आज के शहरो मे कहा है

आज की राजनिति सोच

।। राम राम सा ।।
मित्रो मेरा कोई भी राजनितिक पार्टी से कोई विरोध नही है मैने तो जो हुआ वो भी देखा है और जो आजकल हो रहा है वह भी देख रहा हूँ  मित्रो आजकल राजनिती इतनी बड़ी गंदी होती जा रही है ।कि भारत मे अगर किसी भी पार्टी  को राज करना है तो गरीब जनता से टेक्स के रूप में पैसा इकट्ठा करो और कुछ नेताओ  सरकारी कर्मचारियों दलालो और कुछ अय्याश किस्म के उध्योगपतियो मे मिल बांट कर खाओ और देश मे कुछ भी हो रहा है उनसे कोई लेना देना नही है गरीब किसान कितनी मुसीबत मे है कोई लेना-देना नही कितने ही विदेशी घुसपेटिये भारत पर कब्जा करे किसी को कोई परेशानी नही ।सिर्फ पैसा लूटो और मजा करो ।अब कोई इमानदार नेता आया है तो उनको हटाने के लिये सिर्फ भारत की गरीब  जनता को छोड़कर देश की सभी राजनितिक पार्टियों  व दलालो सरकारी कर्मचारियों यहाँ तक की कुछ  सु. को. के वकीलो जजो तक सब ठगबन्धन करके हटाना चाहते है जैसे इलेक्शन नजदीक आ रहे है रोज नये हथकण्डे अपना रहे है जब 1989 मे stsc बना था जो 19 साल बाद अब सु को को उसमे दुरुपयोग नजर आया है और यह कह दिया की दलितो तुम्हारा हक मोदी छिन रहा है जब बात नही बनीं तो अब सर्वणो ब्राहम्णो तुम्हारा हक मोदी छिन रहा है
कभी ये कभी वो करते करते ये क्यो नही कहते हो की हमारा कमिसन  हराम की कमाई बंद हो गई है । अब कल दो तिन फेसले और सुनाये है उन पर भी राजनितिक दलों द्वारा राजनिति शुरु हो जायेगी
जब आधार लिंक से करोड़ो गैस सब्सीडी वाले चोर  और स्कूलो मे लाखो फर्जी छात्र पकड़े गये तो कितने दलालो की बैठे बैठे बिना कुछ किये बगैर मलाई चाटने को नही मिल रही है  वो तो नाराज़ होन्गे ही ना । जब एक किसान कितनी मेहनत करके सब्जी हो या अन्य अनाज को पकाता है और  उस सब्जी अनाज को दलाल ओने पौने दाम मे खरीदकर बाद मे बाजार मे महंगे दामों मे बेच रहे थे  तो कोई भी नेता कभी भी एक भी शब्द बोलने के लिये तैयार नही होते है ।सिर्फ भाव के लिये बाजार बंद करो । कभी गायो पर राजनिती कभी जातिगत राजनिती  करते रहोगे तो आने वाले समय में कहिं के नही रहोगे
आजकल तो जहाँ जाओ चमचे ही चमचे नजर आते है
फ़िल्म 'शोले' में एक क़िरदार था "हरिराम नाई",  जो कि खुद एक क़ैदी था लेकिन अपने जेलर के लिए जासूसी करता था
शोले के इस हरिराम नाई जैसे ही बहुत से लोग हैं जो बात को बिना जाँचे परखे सिर्फ हड़बड़ी में ही एक दूसरे तक पहुँचाने में लगे रहते हैं। कानाफूसी को सच मान लेते हैं और इधर से उधर बात को फैलाते चले जाते हैं। आप लाख अच्छे काम कर लो लेकिन कोई एक ग़लती जो आपने जानबूझकर नहीं की हो या उसके गलती की असल वजह कुछ और हो उसे जाने बिना ही आपकी तमाम अच्छाईयों को एक पल में भुला दिया जाता है। जब उरी हमला हुआ तब भी पूरा देश आगबबूला होकर टूट पड़ा। मोदी को हिजड़ा, कायर, चूड़ी पहन लो, फेंकू, नवाज़ शरीफ की बिरयानी खाने वाला जाने क्या क्या नहीं कहा गया।
लेकिन फिर सर्जिकल स्ट्राइक हो गई, मोदी ने पाकिस्तान में सैनिक भेजकर कई आतंकियों और आतंकी कैम्पों का सफाया कर दिया वो भी अपना एक भी सैनिक गँवाये बिना। पाकिस्तान को उसके घर में ही घुसकर मारने का ऐसा प्लान कोई भी देशवासी सपने में भी नहीं सोच सकता था लेकिन मोदी ने कर दिखाया। देश की जनता फिर मोदी मोदी करने लगी लेकिन तब भी कांग्रेस पार्टी ने इसे खून की दलाली बताया, फ़र्जीकल स्ट्राइक क़रार दिया और इन सबसे बढ़कर केजरीवाल ने तो इस सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत ही माँग लिए।
कश्मीर में सेना को खुली छूट देने के बाद से सेना आजतक तक 200 से ज़्यादा आतंकियों को जहन्नुम भेज चुकी है। जब एक सैनिक मतदान दल की जान बचाने के लिए एक पत्थरबाज़ को जीप पर बाँधकर ले गया तो उसकी आलोचना करने वाले भी बहुत थे। कांग्रेस के ही एक नेता ने सेना को गुंडा तक कह दिया था।
एक आतंकवादी को घसिटा तो भी दरद हो गया अरे मूर्खो जब देश के सेनिको को बेहरमी से मारा जाता है तब तुम्हारा दर्द कहाँ जाता है
फिर डोकलाम का मामला हुआ, भारत ने अपने कदम आखिर तक पीछे नहीं खींचे तो नहीं खींचे। चीन रोज़ नई नई धमकियाँ देता लेकिन भारत ने कभी कोई प्रतिक्रिया ही नहीं दी। आखिरकार चीन को पीछे हटना ही पड़ा। आज सिक्किम में  हवाई अड्डा बन गया है।  मोदी की बजाय अगर मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री होते तो कबका चीन के आगे घुटने टेक चुके होते नोटबंदी में पूरे देश को लाइन में खड़ा करने का भी साहस इसी मोदी में था। जिस देश में मंदिरों, मस्जिदों, क्रिकेट मैच के टिकटों की लाइन में लगकर कभी कोई नहीं मरा वहीं इस नोटबंदी की लाइन में कई लोग मर गए ? विपक्ष तो इन लोगों को 'शहीद' का दर्जा देने पर तुला था।
गुजरात मोदी का गढ़ है मोदी को हरा पाने में नाकाम कांग्रेस ने मोदी को गुजरात में हराने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना लिए। जातिवाद का ज़हर फैलाया, तीन युवाओं को नायक बनाकर उनके साथ हाथ मिलाया, मंदिर मंदिर जाकर खुद को जनेऊधारी बताया, मोदी को नकली हिन्दू बताया, जीएसटी को गब्बरसिंह टैक्स बताया, बेरोजगारों को भत्ता देने, किसानों के कर्ज़ माफ करने, पेट्रोल डीज़ल सस्ता करने का वादा किया, सोशल मीडिया पर फर्जी मैसेजेस फैलाये, विकास को पागल बताया। हर तरह के हथकंडे अपनाकर कांग्रेस ने गुजरात की जनता का विश्वास हिला तो दिया लेकिन पूरी तरह से तोड़ने में नाकाम ही रहे। मोदी की विश्वसनीयता पर गुजरात ने मोहर लगा ही दी।
जिस आदमी की दिन भर में ली हुई साँसों और दिल की धड़कनों की भी गिनती विरोधियों के पास रहती है वो मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए और अब प्रधानमंत्री रहते हुए भी भ्रष्टाचार का एक भी मामला पकड़ नहीं पाई है, जिस प्रधानमंत्री का परिवार आज भी एक बेहद सामान्य जीवन जीता है जबकि कई छुटभैये नेता भी आजकल जुगाड़ से अपनी और अपनी एक दो पीढ़ियों की जुगाड़ कर लेते हैं वहीं मोदी ने आजतक न अपने लिए न अपने परिवार के लिए कुछ जुगाड़ किया है। 2014 में कांग्रेस ने मोदी को कम आँका था, अपने दम पर मोदी बहुमत ले आयेंगे इसकी उम्मीद न तो मीडिया को न थी न ही विपक्ष को।
इसके बाद एक के बाद चुनावों में हार से बौखलाई कांग्रेस मोदी को हर क़ीमत पर सत्ता से बेदखल करना चाहती है। अब उसे समझ आ गया है कि मोदी उसके इतिहास का सबसे बड़ा रोड़ा बनकर सामने आया है जो हर कदम कांग्रेस की राह मुश्किल करता जा रहा है। इसी मोदी के समय में ही माँ बेटे पहली बार कोर्ट गए आरोपी बनकर और बाक़ायदा ज़मानत पर छूटे हैं। आज भी आरोपी ही हैं।  आज ये मोदीजी को चोर कह रहे है । यही कांग्रेस तब भी खूब बौखलाई थी, इसे बदले की राजनीति बता रही थी और ज़मानत मिलने पर कांग्रेसी ऐसे खुश हुए थे मानों विश्व कप जीत लिया हो।
अब कोन्ग्रेस  m.p.व राजस्थान मे भी रोज नये हथकण्डे अपना रही है कभी  मेड इन भोपाल तो कभी मेड इन राजस्थान कर रही है। किसी को नोटा किसी को लोटा पकड़ा रही है
  इतना ज़्यादा अपनी भावनाओं में बदलाव लाना ठीक नहीं, पहले हम तथ्यों को समझें, थोड़ा वक़्त दें, अपने नेता के इतिहास को देखें उसके अथक परिश्रम को समझें। हरिराम नाई जैसों पर विश्वास करने वालों के हाथ जरूर जलते हैं !! हर बार, बार बार हरिराम नाई न बनें .....
मोदी जैसा करिश्माई नेता सदियों में जन्म लेता हैं सारे मतभेद और मनभेद भुला कर एकजुट हो कर मोदी जी का साथ दीजिए
अपने लिए अपने बच्चे के लिए,आने वाली पीढ़ी के लिए
सुनहरे भारत के मजबूत रास्ट्र के निर्माण में सहयोग दे और भारत को अखंड बनाये
एक बार फिर से कहता हूँ की आप सबका सहयोग ही देश का विकास है
धन्यवाद
गुमना राम पटेल सिनली

सोमवार, 24 सितंबर 2018

प्राईवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर

  भारतीय  कला

एक भारतीय ने जॉब छोड़कर, कनाडा के एक बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर में
सेल्समेन की नोकरी ज्वाइन की।

बॉस ने पूछा:---  तुम्हे कुछ तज़ुर्बा है ? उसने कहा कि, मैं भारत में डॉक्टर था।

पहले दिन उस भारतीय डॉक्टर ने पूरा मन लगाकर काम किया।

शाम के 6 बजे बॉस ने पूछा:--- आज पहले दिन तुमने कितना सेल किया ?

भारतीय डॉक्टर ने कहा कि.......सर मैंने एक  सेल किया।
बॉस चौंककर बोले:---  क्या मात्र एक ही सेल ??

सामान्यत: यहाँ कार्य करने वाले हर सेल्समेन 20 से 30 सेल रोज़ाना करते हैं,
अच्छा ये बताओं तुमने कितने का सेल किया ??

93300/- पाउंड्स.....भारतीय डॉक्टर बोला।

क्या....?...लेकिन तुमने यह कैसे किया..??  आश्चर्यचकित  बॉस ने पूछा ???

भारतीय डॉक्टर ने कहा:---- एक व्यक्ति को मैंने एक छोटा मछली पकड़ने का
हुक बेचा, फिर एक मझोला और फिर अंततः एक बड़ा हुक बेचा, फिर उसे मैंने
एक बड़ी फिशिंग-रॉड और कुछ फिशिंग गियर बेचे।

फिर मैंने उससे पूछा कि, तुम मछली कहां पकड़ोगे...उसने कहा कि, वह कोस्टल
एरिया में पकड़ेगा। तब मैंने कहा कि इसके लिए तो,  एक नाव की ज़रूरत पड़ेगी,
अतः मैं उसे नीचे बोट डिपार्टमेंट में ले गया और उसे 20 फिट की डबल इंजन वाली
स्कूनर बोट बेच दी।  जब उसने कहा कि......यह बोट उसकी वोल्कस वेगन में नहीं
आएगी, तब मैं उसे अपने ऑटो मोबाइल सेक्शन में ले गया और उसे बोट कैरी करने
के लिए,  नई डीलक्स  4 × 4  ब्लेज़र बेचीं और जब मैंने उसे पूछा कि,  तुम मछली
पकड़ते वक़्त रहोगे कहां ??...उसने कुछ प्लान नहीं किया था, तो मैं उसे कैम्पिंग
सेक्शन में ले गया और वहां  उसे.....6 sleeper camper tent बेच दिये।

और तब उसने कहा कि उसने जब इतना सब कुछ ले ही लिया है तो 200 पाउण्ड
की ग्रासरी और बियर के 2 केस भी लेगा।

अब बॉस दो कदम पीछे हटा और बेहद ही भौचक्के अंदाज़ में पूछने लगा:---- 
*तुमने इतना सब उस आदमी को बेच दिया जो केवल एक  fish hook खरीदने
आया था*.....???

"NO, SIR",,,,,,,,,,

*वह तो केवल........"सरदर्द दूर करने की एक टेबलेट"  लेने आया था,  मैंने उसे
समझाया कि, मछली पकड़ना....सरदर्द दूर करने का सबसे अच्छा उपाय है*..!!

बॉस:----  तुमने इसके पहले भारत में कहा काम किया था ??

भारतीय डॉक्टर:---- जी मैं *एक प्राइवेट हॉस्पिटल में डॉक्टर था* घबराहट की
मामूली शिकायत पर हम लोग, मरीजों से  पैथोलॉजी, ईको, ईसीजी, टीएमटी,
सीटी-स्केन, एक्सरे, एमआरआई  और न जाने क्या-क्या टेस्ट....करवा देते थे।

बॉस:----   तुम मेरी कुर्सी पर बेठो,  मैं इंडिया मे ट्रेनिंग के लिये    
               प्राइवेट हॉस्पिटल ज्वाईन करने जा रहा हूँ।

मन्दिर मे दान

राम राम सा
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  मित्रोँ कुछ लोग मन्दिरो मे भिड़ के कारण पैसे दूर से ही फेक देते है । मन्दिर में पैसे फेंकना बहुत बडा अपराध है
अक्सर मेने बहुत बार देखा है कि लोग मन्दिर मे अपनी जेब से 1,2,5 का सिक्का या कितने का भी नोट निकाल कर भगवान के सामने फेंकते है फिर हाथ जोडकर प्रणाम करते है ओर मनोकामना भगवान से माँगते है ।केसी मूर्खता है यह लोगो कि :- कोइ आपके सामने पैसे फेंककर चला जाये तो क्या आपको अच्छा लगेगा ,नही लगेगा, आप उस व्यक्ति को बुलाकर कहोगे__""भिखारीसमझा है क्या""तो सोचिये भगवान को कैसी  फिलिंग आती होगी जब कोइ उनके सामने पैसे फेंकता है ।अब जो यह कहे कि भैया पत्थर कि मूर्ति मे कैसी फिलिंग, तो उनका मन्दिर जाना बेकार है । हम 10 रूपये चढाकर 10 करोड कि कामना करते है ।
भगवान के सामने शर्त रखते है कि है भगवान मेरे बेटे कि नोकरी लगने के बाद मंदिर मे भंडारा करवाऊंगा ।
मेरा ये संकट टाल दो__ मे इतने रूपये दान करूंगा ।
पहले कुछ नही करेंगे, काम होने के बाद ही करेंगे ।
है भगवान, मेरा ये काम हो जाये मै आपको मानना शुरू कर दूँगा   
क्यो भाई, भगवान को क्या जरूरत पडी है कि वो तुम्हे अपने होने का प्रमाण दे ।
एसे लोभी लालची व्यक्तियों को समझना चाहिए कि उसे तुम क्या दे दोगे जो सम्पूर्ण विश्व को पाल रहा है ।
""दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया""भगवान को आपका पैसा नही चाहिये उन्हे सिर्फ आपकी सच्ची भावना ओर प्रेम चाहिये ।
उनके सामने जब भी जाये तो अपने पद,पैसे,ज्ञान, का अहंकार त्याग कर दीन हीन बनकर जाये । क्यो कि आपके पास जो भी है यह सब उन्ही का है ।
मंदिर मे किसी के मन कि भावना तो दिखती नही है किन्तु भगवान के सामने गर्व से पैसे फेंकने वाले बहूत मिलते है, मेरा आप सबसे निवेदन है कि यदी कोइ इस प्रकार की मूर्खता करता हुआ मिले तो उसे समझाये ।मंदिर के पुजारी को मंदिर मे बोर्ड लगाना चाहिए कि पैसे फेंककर नही चढाये।
पैसे फेंकना सबसे प्रथम लक्ष्मी का अपमान है, और  द्वितीय भगवान के सामने अन्जाने मे किया गया बहुत बडा अपराध है,

जय जय राजस्थान

।। राम राम सा।।

जय जय राजस्थान


धोळी-धोळी  चांदनी, ठंडी -ठंडी रात।
सेजआ बैठी गोरड़ी,कर री  मन री  बात ।।

बाट जोवता -जोवता  में कागा रोज उडाऊ ।
जे म्हारा पिया रो आव संदेशो सोने री चांच मढाउ ।।

धोरा ऊपर झुपड़ी,गोरी उडिके बाट !
चांदनी और चकोर को, छुट गयो छ साथ।।

झड़ लागी बरखा  की ,टिप -टिप बरसे मेह।
योवन पाणी भिजता, तापे सगळी देह ।।

झिर -मिर मेवो बरसता,बिजली कड़का खाय ।
साजन का सन्देश बिना,छाती धड़का खाय ।।

काली -पीली बादली,छाई घटा घनघोर ।
घर -जल्दी सु चाल री,बरसगो बरजोर ।।

सावन का झुला पड्या,गीतड़ला को शोर ।
नाडी-सरवर लोट रहया,टाबर ढाढ़ा -ढोर ।।

चित उचटावे बीजली,पपिहो बैरी दिन -रैण।
"पिहू-पिहू" बोले मसखरो, मनड़ो करे बैचैण ।।

आप बसों परदेस में, बिलखु थां बिन राज १
सुख गयी रागनी, सुना पड्या महारा साज।।

गरम  जेठ रो बायरो,बरसाव है ताप !
ठंडी रात री  चांदनी,देव घणो संताप !!

देस दिशावर जाय कर धन  है खूब कमाया !
घर आँगन  ने भूलगया  ,वापिस घर ना आया।।

पापी पेट के कारन छुट्या घर और बार ।
कद आवोगा थे पिया,बिलख घर की नार ।।

बिलख घर की नार, जाव रतन सियालो ।
न चिठ्ठी- सन्देश  मत म्हारो हियो बालो ।।

शनिवार, 22 सितंबर 2018

छोटा सा जीवन


।।राम राम सा।।
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छोटा सा जीवन है, लगभग 80 वर्ष।
उसमें से आधा =40 वर्ष तो रात को
बीत जाता है। उसका आधा=20 वर्ष
बचपन और बुढ़ापे मे बीत जाता है।
बचा 20 वर्ष। उसमें भी कभी योग,
कभी वियोग, कभी पढ़ाई,कभी परीक्षा,
नौकरी, व्यापार और अनेक चिन्ताएँ
व्यक्ति को घेरे रखती हैँ।अब बचा ही
कितना ? 8/10 वर्ष। उसमें भी हम
शान्ति से नहीं जी सकते ? यदि हम
थोड़ी सी सम्पत्ति के लिए झगड़ा करें,
और फिर भी सारी सम्पत्ति यहीं छोड़
जाएँ, तो इतना मूल्यवान मनुष्य जीवन
प्राप्त करने का क्या लाभ हुआ?
स्वयं विचार कीजिये :- इतना कुछ होते हुए भी,
1- शब्दकोश में असंख्य शब्द होते हुए भी...
मौन होना सब से बेहतर है।
2- दुनिया में हजारों रंग होते हुए भी...
सफेद रंग सब से बेहतर है।
3- खाने के लिए दुनिया भर की चीजें होते हुए भी...
उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर है।
4-पर्यटन के लिए रमणीक स्थल होते हुए भी..
पेड़ के नीचे ध्यान लगाना सबसे बेहतर है।
5- देखने के लिए इतना कुछ होते हुए भी...
बंद आँखों से भीतर देखना सबसे बेहतर है।
6- सलाह देने वाले लोगों के होते हुए भी...
अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर है।
7- जीवन में हजारों प्रलोभन होते हुए भी...
सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतर है।
इंसान के अंदर जो समा जायें वो
" स्वाभिमान "
और
जो इंसान के बाहर छलक जायें वो
" अभिमान "

स्नान के चार प्रकार

।। राम राम सा ।।
।।जय श्री कृष्णा ।।

*सुबह के स्नान को धर्म शास्त्र में चार उपनाम दिए है ।*
1 मुनि स्नान ।
जो सुबह 4 से 5 के बिच किया जाता है ।
2 देव स्नान ।
जो सुबह 5 से 6 के बिच किया जाता है ।
3 मानव स्नान ।
जो सुबह 6 से 8 क बिच किया जाता है ।
4 राक्षसी स्नान ।
जो सुबह 8 के बाद किया जाता है ।
मुनि स्नान सर्वोत्तम है ।
देव स्नान उत्तम है ।
मानव स्नान समान्य है ।
राक्षसी स्नान धर्म में निषेध है ।
किसी भी मानवी को 8 बजे के बाद स्नान नही करना चाहिए।(यानि की 8 बजे के पहले स्नान कर लेना चाहिए)
मुनि स्नान .......
घर में सुख , शांति , समृद्धि, विध्या , बल , आरोग्य , चेतना , प्रदान करता है ।
देव स्नान ......
आप के जीवन में यश , किर्ती , धन वैभव, सुख , शान्ति, संतोष , प्रदान करता है ।
मानव स्नान.....
काम में सफलता , भाग्य ,अच्छे कर्मो की सूझ ,परिवार में एकता , मंगल मय , प्रदान करता है ।
राक्षसी स्नान.....
दरिद्रता , हानि , कलेश , धन हानि , परेशानी, प्रदान करता है ।
किसी भी मनुष्य को 8 के बाद स्नान नही करना चाहिए। (यानि की 8 बजे के पहले स्नान कर लेना चाहिए)
पुराने जमाने में इसी लिए सभी सूरज निकलने से पहले स्नान करते थे ।
खास कर जो घर की स्त्री होती थी ।
चाहे वो स्त्री माँ के रूप में हो, पत्नी के रूप में हो, बेहन के रूप में हो ।
घर के बडे बुजुर्ग यही समझाते सूरज के निकलने से पहले ही स्नान हो जाना चाहिए ।
ऐसा करने से धन , वैभव लक्ष्मी , आप के घर में सदैव वास करती है ।
उस समय...... एक मात्र व्यक्ति की कमाई से पूरा हरा भरा पारिवार पल जाता था , और आज मात्र पारिवार में चार सदस्य भी कमाते है तो भी पूरा नही होता ।
उस की वजह हम खुद ही है । पुराने नियमो को तोड़ कर अपनी सुख सुविधा के लिए नए नियम बनाए है ।
प्रकृति ......का नियम है, जो भी उस के नियमो का पालन नही करता , उस का दुष्टपरिणाम सब को मिलता है ।
अपने जीवन में कुछ नियमो को अपनाये ओर उन का पालन भी करे ।
आप का भला हो , आपके अपनों का भला हो ।
मनुष्य अवतार बार बार नही मिलता ।
अपने जीवन को सुखमय बनाये ।
जीवन जीने के कुछ जरूरी नियम बनाये ।