रविवार, 30 सितंबर 2018

करणी माँ के दोहे

राम राम सा

करणी मां के 21 दोहे
1. देवी देशाणै बुला, उण ओरण रे मांय।
दही बिलोता डोकरी भगत चराता गाय।
2.देवी देशाणै बुला, बैठूं मढ री ओट।
मन में ध्याऊं आपनै, त्याग कपट छल खोट।
3.देवी देशाणै बुला, बीकाणै री नाक।
जठै दास तिरिया घणा, दुष्ट हो गया खाक।
4.देवी देशाणै बुला खास्यूं मीठा बोर।
दर्शण पाकर आपरा नांचैला मन मोर।
5.देवी देशाणै बुला, बोरडियां री छांव।
उन धरणी माथौ धरूं, (जठै) करणी धरता पांव।
6.देवी देशाणै बुला, उण सांचै दरबार।
जय जय करणी कर रिया, सीस झुका नर नार।
7.देवी देशाणै बुला, थारै थली रै देस।
चरणां चिरजा आपरै करूं चाव सैं पेस।
8.देवी देशाणै बुला, लगा अती मत देर।
बेटे रै सिर मावड़ी हाथ नेह सुं फेर।
9.देवी देशाणै बुला, मत अरजी नैं टाल।
घट का ताला खोल जो, कट ज्या भव जंजाल।
10.देवी देशाणै बुला राख आपरै सीर।
मां बेटो मिल जीमस्यां खांड लापसी खीर।
11.देवी देशाणै बुला, चरणां टेकूं भाल ।
दुखड़ा दर्शन पावतां, कट ज्यावै तत्काल।
12.देवी देशाणै बुला, उगतो देखूं भाण ।
मां आशीसां देवजे टाबर भोलो जाण ।
13.देवी देशाणै बुला,उण निज मढ रै मांय।
मन चंचल जिण द्वार पे, दोड्यो दोड्यो जाय।
14. देवी देशाणै बुला, मचै मनां में होड।
काबा देख गिनायती नांचै कर कर कोड।
15.देवी देशाणै बुला, मति परायो जाण ।
जै निजरां सुं त्याग दे, पल में छोडूं प्राण।
16.देवी देशाणै बुला, मत कर टालमटाल।
थोडों सो भूंडो सही, हूँ तो थारो लाल।
17.देवी देशाणै बुला, पड़ै बुलायां पार।
दरस दियां बिन डोकरी छोडूं कोनी लार।
18.देवी देशाणै बुला, एकर कर दे म्हेर।
पाछै साल गुजार द्यूं, माला थारी फेर।
19.देवी देशाणै बुला, कर दे बेडा पार।
बिन थारी आशीष के चालै ना घरबार।
20.देवी देशाणै बुला, धजबन्द थारै द्वार।
जठै जीत बण ज्याय है दुनिया की हर हार।
21.देवी देशाणै बुला, खड्यो सीस जमदूत ।
आय बचालै डोकरी प्रांजल थारो पूत

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