।।राम राम जी ।।
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मित्रो पश्चिमी राजस्थान मे हर तीन वर्षों मे एक अकाल पड़ता रहता है इस बार तो हमारे गावँ मे बरसात नही होने के कारण सम्पुर्ण अकाल ही है। हमारे गाँव के किसान भाईयो ने अब बारिश की आस छोड़ते हुए खेतों से बाजरा, मूंग, ग्वार की फसलों की कटाई समय से पहले से ही शुरू कर दी है। पर हमारे भाई भला राम जी का कहना है कि अमावस तक इन्तज़ार कर लो एक बार फिर से बरसात की संभावना बन रही है अब भाई की पूर्वानुमान पर दो तीन दिन और ही सही ।अमावस्या तो दूर नही है कहीँ जानवरो का भाग्य अच्छा हो तो बरसात हो सकती है अब हमारे गावँ के किसान भाईयों ने तो आशा छोड़ दी है यहां पर बारिश ना होने से पानी का अकाल इस कदर पड़ गया है कि गांव का तालाब सूखने के कगार पर हैं। इसके साथ ही यहां पर जानवरों के लिए चारे की परेशानी भी शुरू हो गई है। किसानों की बर्बाद हुई फसलों में बाजरा, मूंग, मोठ, ग्वार और तिल प्रमुख हैं। सिनली चाली शुभदन्ड धवा गांव एवं आसपास के सभी क्षेत्रों के किसान अपनी रही सही फसल काटने पर मजबूर हैं। किसानों का कहना है कि बारिश का इंतजार करते-करते फसलें सूख चुकी हैं। अब हम इन सूखी हुई फसलों को काटने को मजबूर हो रहे हैं। किसानों का कहना है कि बारिश नहीं होने से अब ‘भागते भूत की लंगोटी भली’ के तहत सूखी फसलों की कटाई कर कुछ दिन पशुओं के चारे का इंतजाम किया जा रहा है। कुछ गाँवो को छोड़ कर लगभग पुरे मारवाड़ में इस बार चारा, पानी और अनाज के नहीं होने से अकाल दस्तक दे चुका है। किसानों ने कहा कि यदि सरकार ने समय रहते किसानों की सहायता नहीं की तो स्थिति और भी विकट हो सकती है। हमारे गांवों में तालाब लगभग सूखने के कगार पर हैं और आने वाले समय में हमारे गांवों में लोगो व जानवरों के पीने के पानी की भंयकर समस्या पैदा हो सकती है।
अकाल मे इन्सान तो कैसे भी पेट भर लेगा पर सबसे बुरा हाल तो मूक प्राणियो का ही होगा जो पानी व चारे की घोर समस्या के कारण अपने प्राणो की बाजी लगा देते हैं।
अकाल मे इन्सान तो कैसे भी पेट भर लेगा पर सबसे बुरा हाल तो मूक प्राणियो का ही होगा जो पानी व चारे की घोर समस्या के कारण अपने प्राणो की बाजी लगा देते हैं।
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