।। राम राम सा ।।
श्री राजेश्वर भगवान की भविष्यवाणीयाँ जो आज से 80 वर्ष पूर्व की गई, वो आज सत्य सिद्ध हो रही है ।
श्री राजेश्वर भगवान ने पूरा जीवन इस कलयुग काल में भगवान श्री कृष्णा की तरह गौ सेवा को समर्पित किया ।
सुणजो रे संसारी लोगों ऐसा जमाना आवेला ।
धर्म पुण्य में ध्यान न धरसी , पाप घणो बध जावेला ।
देवों ने पूजे नहीं पापी , गोविंद ने नहीं गावेला ।
गंगा गयो पाप घण लागे , पापियों फरमावेला ।
दया कियां तन दरद उपजे , दान किया दुख पावेला ।
एक सेर रो धान बिकेला,पाणी टाँक तुलावेला ।
पंडितों ने पूछे न कोई , गुरडा वेद सुणावेला ।
चेलकिया गादी चढ बैठे,गुरुजी ने ज्ञान सुणावेला ।
............... ............... ..........
भाई ने भाई नहीं जाणे , दुसमण जीऊं देखेला ।
बेटा बाप रो केयो नी माने , घुड्क तणा अखडावेला ।
बुढलिया में अकल नहीं अब , पागल के बतलावेला ।
नेम धर्म अरू कर्म तज देसी सब दिन टका कमावेला ।
ईश्वर ने ईश्वर नहीं जाणे , आप ब्रह्मा बण जावेला ।
............... ............... .......
काली मात चलावे चक्कर ,भेरू धमक बजावेला ।
............... ............... .......
स्त्रियां गेणो तज देसी , दो दो चूडी राखेला ।
स्वाग भाग सब छोडने बेना , केसां ने सुलजावेला ।
............... ............... .........
जात पात री रीत न रेसी , एक जात बण जावेला ।
भांभी भील सरगरा संग में ,भंगी भोजन पकावेला ।
राजाराम कहे मेरे बंध्वा कर्म धर्म हट जावेला ।
कुदरत ऐसी आय बणेला , सभी एक होय जावेला ।
जय राजेश्वर ! जय सनातन धर्म !
धर्म पुण्य में ध्यान न धरसी , पाप घणो बध जावेला ।
देवों ने पूजे नहीं पापी , गोविंद ने नहीं गावेला ।
गंगा गयो पाप घण लागे , पापियों फरमावेला ।
दया कियां तन दरद उपजे , दान किया दुख पावेला ।
एक सेर रो धान बिकेला,पाणी टाँक तुलावेला ।
पंडितों ने पूछे न कोई , गुरडा वेद सुणावेला ।
चेलकिया गादी चढ बैठे,गुरुजी ने ज्ञान सुणावेला ।
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भाई ने भाई नहीं जाणे , दुसमण जीऊं देखेला ।
बेटा बाप रो केयो नी माने , घुड्क तणा अखडावेला ।
बुढलिया में अकल नहीं अब , पागल के बतलावेला ।
नेम धर्म अरू कर्म तज देसी सब दिन टका कमावेला ।
ईश्वर ने ईश्वर नहीं जाणे , आप ब्रह्मा बण जावेला ।
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काली मात चलावे चक्कर ,भेरू धमक बजावेला ।
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स्त्रियां गेणो तज देसी , दो दो चूडी राखेला ।
स्वाग भाग सब छोडने बेना , केसां ने सुलजावेला ।
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जात पात री रीत न रेसी , एक जात बण जावेला ।
भांभी भील सरगरा संग में ,भंगी भोजन पकावेला ।
राजाराम कहे मेरे बंध्वा कर्म धर्म हट जावेला ।
कुदरत ऐसी आय बणेला , सभी एक होय जावेला ।
जय राजेश्वर ! जय सनातन धर्म !
वागाराम / हरजीराम चौधरी कृषि फार्म भादरूणा सांचौर जालोर राजस्थान में रहने वाले हैं मैं एक भजन कलाकार हूं 9414903125
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