बुधवार, 17 जून 2015

राम-भगत फुली बाई

राम-भगत फुली बाईअबार इया ही बात करता थका फुली बाई रो नाव सुण्यो | म्हे थो बा रे बारा म अत्तो जाणतो कोणी, जत्ती सूचना मने लादी बत्ती अठे मांडु हु | थाने अरज ह के जदी थार कण और सूचना होवे थो मणे भिजावो | फुली बाई जोधपुर कणे री राम-भगत ही, बस राम-राम करती अर थेपडी थापती | एकर बिरी थेपडीया एक लुगाई चुरा ली | जद फुली बाई न ठा चाल्यो, थो बे बी लुगाई कण गिया अर केयो कि म्हारी थेपडीया पाछी कर | अत्तो सुनता ही बा लुगावडी फुली बाई हु लडबा लागी | जद लोग भेला हुग्या अर फुली बाई हु पुछ्यो क थाने किया ठा के थारी थेपडीया इ कण ह | भगत फुली बाई केयो के म्हारी थेपडीया फोडस्यो जद राम -राम करसी | लोग अचरज माय पड्ग्या | थेपडीया फुटता ही राम-राम करे | सगळा न फुली बाई री भगती रो परचो मलग्यो | आ बात बठे री राणीया कण पूगी, बे फुली बाई रे कण जोधपुर आबा रो संदेसो खिणायो| फुली बाई जोधपुर पधारी, जद राणीया बाणे केयो के म्हाणे ही कि परवचन सुनावो | "गैणो-गाठो तन री सोभा , काया माटी रो हाण्डो | बैठी काई करो ये , राम भजो ओ रांडो |" अत्तोक परवचन देर, फुली बाई थो आपका पाछी गी अर थेपडीया थापबा माय रमगी |

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