सोमवार, 8 जून 2015

कौन किसका जंवाई

कौन किसका जंवाई दोस्तों आज हम विचार करेंगे जवांई (पाव्णा और बेटी रे घरवाला) के साथ 2003 से पहले और उसके बाद उनके साथ किये जाने वाले व्यवहार के बारे में।।। 1 ) पहले के जवांई जब आने का पता चलता तो साळा & ससुर जी दाढ़ी बनाते और नए कपडे पहनकर स्वागत के लिए तैयार रहते थे। 2) जवांई आ जाते तो बहुत मान मनवार मिलती और छोरी (पत्नी ) दौड़कर रसोडे में घुस जाती थी सासु जी पानी पिलाती और धीरे से घूंघट से कहती आगये जी । 3) आने का समाचार मिलते ही गली मोहल्ले के लोग चाय के लिए बुलाते थे और काकिया ससुरजी या मामी ससुर जी के यहा तो करकरे आटे का हलवा (सिरा ) भी बनाते 4 )जवांई खुद को ऐसा महसूस करता था की वो पूरे गांव का जवांई है 5) जवांई के घर में आने के बाद घर के सब लोग डिसिप्लिन में आ जाते थे 6 )जवाँई बाथरूम से निकलते तो उनके हाथ lux साबुन से धूलवाते भले खुद उजाला साबुन से नहाते थे 7 )पावणा अगर रात में रुक जाते तो सुबह में उनका साला कॉलगेट और ब्रश हाथ में लेकर आस पास घूमते रहता था। 8 )जब जवांई का अपनी बीवी को लेकर जाने का समय हो जाता तो स्कूटर को पहले गैर में डालकर भन्ना भोट निकलते थे जिस से उनका ससुराल में प्रभाव बना रहता था। । । । । । । अब आज के जवांई की दुर्दशा : 1. आज के जमाई की कोई भी लुगाई लाज नहीं निकालती हैं, खुद की बीवी भी सलवार कुर्ते में आस पास घूमती रहती हैं। काकी सासुजी और मामी सासुजी कोई दूसरी रिश्तेदारी निकाल कर बोलती हैं " ओपणे जवाइं से क्या घूंघटं राख़णा " 2. साळो अगर कुंवारों हैं और अगर उसकी सगाई नहीं हो पा रही हैं तो इसका ताना जमाई को सुनाया जाएगा की" आटा साटा करते तो ब्याव हो ज्यातो " 3. पानी पीना हो तो खुद रसोड़े में जाना पड़ेगा, कोई लाकर देने वाला नहीं हैं। 4. ससुराल पक्ष की किसी शादी में जमाई को इसीलिए ज्यादा मनवार करके बुलाया जाता हैं ताकि जवांई बच्चों को संभाल सके। बीवी और सासूजी आराम से बिंदोली और महिला संगीत में डांस कर सके। कौन किसका जंवाई

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