मंगलवार, 16 जून 2015

Hamara jodhpur rajasthani

भौरानभोर उठती पीसणो पीसती खीचड़ो कूटती रोट्या पोंवती गाँव की लुगायाँ। पूसपालो ल्यावंती गायाँ ने नीरती दूध ने दुवती बिलोवणो करती गाँव की लुगायाँ। बुहारी काढ़ती बरतन मांजती कपड़ा धोंवती टाबर बिलमावती गाँव की लुगायाँ। खेत जावंती निनाण करांवती सीट्या तुड़ावंती खलो कढावंती गाँव की लुगायाँ। पाणी ल्यांवती गोबर थापती माथो बांवती मेहंदी मांडती गाँव की लुगायाँ। बरत करती भजन गांवती पीपल सींचती काणी सुनती गाँव की लुगायाँ। तातो जिमावती लुखी सूखी खांवती सगळौ काम सळटाया पछै सोंवती गाँव की लुगाँया। अच्छा लगे तो शेयर करना मत भूलना।।।

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