कही पढा था, की हर व्यक्ति के १०० भाग्य होते है ।
पर उन १०० भाग्यों में से जब १ भाग्य अच्छा होता है तब उन के घर पर 'लड़के' का जन्म होता है
और
जब १०० के १०० भाग्य अच्छे होते तब उन के घर पर 'लड़की' का जन्म होता है ।
इसीलिए ऐसा कहा जाता है की,
लड़का तो 'भाग्य' से होता है...
लेकिन लड़की 'सौभाग्य' से होती है ।
बेटी है तो कल है
पराया धन होकर भी कभी पराई नही होती।
शायद इसीलिए....किसी बाप से...
हंसकर बेटी की, विदाई नही होती।।"
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