मंगलवार, 23 जून 2015

" बेटी

शादी में बेटे की कीमत मांगते भारी, यह पिता नहीं हैं, ये हैं व्यापारी ! ऐसे मंगतो के घर मत जाना,चाहे कुंवारी रह जाना !औरत की कोख से ही पैदा हुए हैं आप,फिर भी भ्रूण हत्या का करते जघन्य अपराध, ऐसे अपराधियों के घर मत जाना,चाहे कुंवारी रह जाना !संसद में बैठ नंगा विडियो चलाते, घोटालों के सिर पर अपनी तोंद बढाते, ऐसे बदमाशों के घर मत जाना,चाहे कुंवारी रह जाना !बलात्कारी हैं निर्लज्जता की हद ये तोडें, बस चले इनका तो माँ-बहन को न छोडें, ऐसे बलात्कारियों के घर मत जाना,चाहे कुंवारी रह जाना !नशे में डूब करते जिन्दगी बरबाद, न अपनो की शर्म न दूजों का लिहाज्, ऐसे नशेडियों के घर मत जाना,चाहे कुंवारी रह जाना !संत महात्मा बने फिरते, बडा तिलक लगाते, गला उनका ही काटें जिन्हें गले लगाते, ऐसे पापियों के घर मत जाना,चाहे कुंवारी रह जाना !

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