राम राम सा
मित्रो शादी के समय जुआ खेलना ये रिवाज भी एक तरह से विचित्र है। इसमें दुल्हा दुल्हन आपस में अपने कांकन डोरे खोलते हैं और दुल्हे की भाभी उसमें दुल्हन की मुंदड़ी (अंगूठी) मिलाकर उन दोनों को एक कोरे नये कुण्ड नुमा मिटटी या अन्य के पात्र में दुध या छाछ और पानी डालकर सात बार यह खेल खिलवाती है। इसमें यह देखा जाता है। हैं उस सफेद पानी में से डाला गया डोरा और वो मुंदड़ी (अंगूठी) पहले कौन निकाल कर लाता हैं दुल्हा या दुल्हन जो ज्यादा बार लाता हैं वह जितता है। और अंत में दुल्हा दुल्हन की मुटठी को खोलकर उसमें वो अंगूठी पहना देता है। यह भी विवाह का अटपटा लगने वाला रिवाज लगता है। जिसका कोई तथ्य प्रेरक उत्तर आज तक सामने नहीं आया और भी कई ऐसे रिवाज है। जिनका कोई तथ्य नहीं निकलता है।
और मैं आपको यह बता देता हूं कि आप सभी शादी शुदा लोग इन सभी रश्मों से होकर गुजर चुके हो परन्तु शायद ही कोई इन रश्मों का तथ्य जानता हो बस करते आ रहे है। करते आ रहें है ...मुझे तो बहुत साल हो गये इसे देखते हुए लेकिन इन रिवाजों के बारे में मैं आज तक सही नहीं जान पाया
तो फिर ये रिवाज क्यों निभाये जा रहें यह सवाल मन में हर शादी में जरूर उठता है। लोगों से पुछ भी लेता हूं फिर सोचता हूं कि हमें क्या ? हमें क्या करना है। आज मेंने सोचा क्यों न ये सावाल आपके सामने भी खड़ा कर दूं अब आप ही बता सकते है कोई सटीक जबाब ढ़ूढ़ कर पेश करने की कृपा करें।
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