।। राम राम सा ।।
मित्रो आज शीतला सप्तमी है आज सुबह सब शीतला माता जी की पुजा करके शीतला माता जी की( वात ) कहानी कहती है उसके बाद औरते भजन हरजस करती है उसके बाद सभी बासी भोजन करते है । ये त्योहार भी पुराना है । पहले जब हम छोटे छोटे थे तो हमारी दादी हमे गुलाल व रंग हमारे मुहँ पर टिके लगाकर शीतला माता का वाहन (घोड़ा ) बनाती थी और हम बड़े शौक से माताजी के घोड़े बनते थे । माताजी के हरजस करने के बाद हम छोटा सा खेत बना कर हाथो की अंगुलियो से हल चला कर पानी से सिचते थे । ये काम बच्चे अभी भी करते हैं पहले हम करते थे अब हमारे बच्चे करते है । कोई कोई लोग दो दिनो तक बासी भोजन ही करते है । आज के दिन कई गांवों मे गैर नृत्य के प्रोग्राम भी होते है ।
मित्रो आज शीतला सप्तमी है आज सुबह सब शीतला माता जी की पुजा करके शीतला माता जी की( वात ) कहानी कहती है उसके बाद औरते भजन हरजस करती है उसके बाद सभी बासी भोजन करते है । ये त्योहार भी पुराना है । पहले जब हम छोटे छोटे थे तो हमारी दादी हमे गुलाल व रंग हमारे मुहँ पर टिके लगाकर शीतला माता का वाहन (घोड़ा ) बनाती थी और हम बड़े शौक से माताजी के घोड़े बनते थे । माताजी के हरजस करने के बाद हम छोटा सा खेत बना कर हाथो की अंगुलियो से हल चला कर पानी से सिचते थे । ये काम बच्चे अभी भी करते हैं पहले हम करते थे अब हमारे बच्चे करते है । कोई कोई लोग दो दिनो तक बासी भोजन ही करते है । आज के दिन कई गांवों मे गैर नृत्य के प्रोग्राम भी होते है ।
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