।। राम राम सा ।।
मित्रो आगामी कुछ ही दिनो पंचायती राज चुनाव आने वाले है और गाँवो में सरपंच चुनाव बहुत महत्वपूर्ण होते है। आज हर कोई अपने गांव में होने वाले आगामी चुनाव में सरपंच को लेकर चर्चा करते है कि इस बार हमारी जीत पक्की है लेकिन पता तो मतगणना के बाद ही चलेगा ।
मित्रो सरपंच का चुनाव ग्रामीण राजनीती का सर्वोसर्वा चुनाव होता है ! गांव में हर तबके के लोग इस चुनाव में अपना अपना टारगेट लगा कर बैठे है । पांच साल मे कमाई कितनी होती है ये तो मुझे पता नही पर कोई कह रहा है 25 लाख दे रहा हुँ निर्विरोध सरपंच बना दो । कोई कह रहा है कि पंचायत भवन निर्माण के लिए दस लाख रुपये दे दूंगा । कोई कहता है कि मेरे अलावा गाँव मे पचास लाख खर्च करने वाला कोई है ही नही है लोग अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को जिताने के लिये आसवासन मे कोई कसर नहीं छोड़ते नजर आ रहे हैं ! जैसे बड़े नेता जनता को आसवासन देते है उसी तर्ज पर मतदाता भी सरपंच को आसवासन देते है ।
मित्रो अब थोड़े ही दिनों मे अमल,डोडा ,चाय और खाने का प्रबंध शुरु हो जायेगा ।मेरे देखते हुये सरपंसो के हर चुनाव में लगभग यही खेल चलता आ रहा है । हर बार यही लगता कि इस बार तो हमने सही उम्मीदवार का चयन किया इस बार अपने गांव की दिशा और दशा बदल
जाएगी , जो मात्र एक भर्म है, और ये भर्म हमें
हर चुनाव में हो जाता है । इस भर्म में जीने
कारण हमे कई बीमारिया हो गयी जिसमे
जातिवाद की बिमारी महत्वपूर्ण है । पुरे साल गांव के हर जाती के लोग साथ में हौद के पास बैठकर ताश खेलेंगे लेकिन चुनाव आते ही जातिवाद का बिच्छू डंक मार डालेगा । सब अपने अपने तबके का नेता चुनने मे लग जायेन्गे चाहे वो सरपंच पद के लायक का हो या ना हो ।
मित्रो जब हम किसी को भी पैसे खर्च कर वा कर सरपंच चुनेन्गे तो विकास की आशा मत करे । कई लोग चुनावो में अपना स्वार्थ सिद्ध कर अपने कार्य को पुरा करा लेते है लेकिन फिर पांच साल रोते रहते है।
आज गांव में बहुत से लोग जो चाहते की गांव में विकास हो गाँव कि योजना का हर व्यक्ति को लाभ मिले यहाँ कि शिक्षा व्यवस्था अच्छी हो हर Bpl परिवार को पुरा लाभ मिले , लेकिन होता उल्टा है जो BPL की श्रेणी मे नही आते हैं उनको लाभ मिलता है गरीब को नही ?
मेरा सभी गाँव वालो से अनुरोध है कि इस बार हमारी ग्राम पंचायत नयी बनी है तो हमारे गांव में सब मिलकर ऐसा सरपंच चुनो कि वो
सरकारी योजनाओ की मॉनिटरिंग कर
सकता हो ! गांव के लोगो सुचना के अधिकार
के बारे में बताने वाला हो ! उन्हें बता सकता है कि शासन जनता का है। गाँव मे भ्रष्टाचार नहीं होने दे गाँव की जनता को पैसो के लालस मे मुर्ख नहीं बनाये ।
हमारा सरपंच तो ऐसा होना चाहिए जो गांव का चहुंमुखी विकास करे । जो गाँव से जुड़ा हुआ हो । गांव में भेदभाव के बजाए मेल-मिलाप पर ध्यान दें।गांव का सरपंच शिक्षित होना चाहिए जो गांव की कमियों को दूर कर सकें। शिक्षित उम्मीदवार ही गांव को बेहतर बना सकता है
हमारा सरपंच ऐसा होना चाहिए जो सरकार द्वारा गांव के विकास के लिए भेजी गई राशि का सदुपयोग कर सकें। जिससे गांव भी शहर की तर्ज पर दिखाई दे सके। आज अगर हम पैसो के लिये भ्रमित हो गये तो फिर पांच साल तक विकास की आशा भी तो नही कर सकते हैं।
गुमनाराम पटेल सिनली
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