सोमवार, 23 दिसंबर 2019

चुनाव प्रचार 2020

हम तो चुनाव-प्रचार एकदम मुफ्त में करेंगे
पंचायत चुनावों की सरगर्मिया तेज है।पहले हमारे गांव में कई उम्मीदवारों ने दावेदारी  की थी लेकिन अब सिर्फ sc वाले ही दावेदारी कर रहे है। कई उम्मीदवारो नें तों  प्रचार भी शुरू कर दिया हैं कोई तो खुद का स्वार्थ सिध्द करने के लिए अपने चहजे दावेदारी के लिए मैदान में उतार कर प्रचार प्रारम्भ किया हैं परन्तु कुछ उम्मीदवार यह नही जानते कि चुनाव क्षेत्र मे बच्चो कि फौज एवं शिक्षा भी रोडा बन रहे है। कि शिक्षा के क्षेत्र में आठवीं पास ही पंचायती चुनाव में उम्मीदवारी नीभा सकता हैं। एवं जो व्यक्ति ऐसे हैं जिनके बच्चे चुनाव नियमों के दायरे में आ रहे है उन्हे यह तक पता नहीं है कि उनके विरोधी खेमे वाले लोग उनके बच्चों के जन्म के रिकार्ड खंगाल रहे हैं कई विरोधी लोगों ने तो कई विभागों से व स्कुलों सें रिकार्ड लेने के आवेदन भी लगाने की चर्चा में है। इस चुनाव में यह नियम है कि वर्ष 1995 तक दावेदारी करने वाले उम्मीदवार के चाहे कितनी भी संतान क्यों नही रही हो उसे 1995 में 1 संतान के रूप में ही माना जायेगा और यदि वर्ष 1995 से 2002 तक यदि किसी के 1 संतान हैं परन्तु यदि किसी महिला/पुरूष के इन वर्षो के अन्तराल में यदि 1 से अधिक संतान हुई है तो वह चुनाव नही लड सकता है। 1995 से 2002 तक यदि 1 संतान ही होगी तब उस महिला/पुरूष को दो बच्चो की माता-पिता मानते हुए चुनाव लडने की अनुमति दी जा सकती है।  शिक्षा के क्षेत्र में देखा जाये तों ग्रामीण इलाकों में उम्मीदवारों को ढुंढ-ढुंढ के निकाला जा रहा है। ऐसे देखा जाये तों कही-कही ग्रामीण इलाकों में महिलायें शिक्षा के क्षेत्र में ज्यादा ही पिछे है। जिससे पंचायती चुनाव में दिक्कते भी आ रही है। लेकिन सिनली गांव का कहा जाये तों sc महिला सीट की नोटरी खुलते ही ज्यादातर  युवा नौजवानों नें पंचायती चुनाव में अपनी अपनी पत्नीयो की दावेदारी कर रहे है। देखते है कि कौन होगा सिनली गांव का   संरपंच  वैसे उम्मीदवारों नें मन्दिरो में धोक लगाना व मन्नते मांगना शुरु कर दिया हैं।  अजमल कँवर रामदेव जी बाबा सबकी भली ही करेला ।

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