मंगलवार, 17 दिसंबर 2019

कथा प्रसंग 3

जटायु रो मेसेज आयो हो के सीता माता रो हरण पक्को  रावण ही करीयौ है ।  रावण रे मोबाइल री लोकेसन दैखता ही ठाँ पडगी के रावण लन्काजी मे पुगौ है ।सीताजी री खोज करवा रे वास्ते राम जी मेसेज कर हनुमान जी ने बुलाया अर सीता जी ने पाछी लावण सारू हनुमानजी भी हुँकार भर दी  
हनुमान जी भगवान राम सूँ  आज्ञा लेय अर जद सीता माता री खोज मे लंका जावण  वास्ते रवाना हुवण लागा जणा  राम जी  हनुमान ने  एक Samsung  रो मोबाइल अर उणमे जीयो सीम लगाय अर बोल्या के हनुमानजी  "keep in touch" और माता सीता सूँ  मिलो जद विडियों कॉल करणा मत भुलजौ। हनुमान जी बोल्या के रोमिंग लागेला, जणा  राम जी बोल्या के बिल्कुल फ्री है 499 वालो प्लान डाल्योड़ो है,आपरे कनै  तीन महीने पुरो वखत है। अबे आप जल्दी सूँ  सीता माता खोज खबर करजौ  नी तो  प्लान खत्म हुय जावेला । 
हनुमान जी हाँ मे माथौ  हिलायो अर, लंकाजी सामी पवन रे साथे उड़ता उडता रवाना हूगा। 
हनुमान जी पवन रे साथे जद  समुद्र पार कर रहया हा । समुंदर रे मार्ग  में सुरसा नाम री राक्षसी मिली । ऊणै हनुमानजी ने खावण रो  प्रयास करीयौ । सुरसा हनुमानजी ने खावण आपरौ मुन्डो  खोलयो  जणा  हनुमान जी आपरौ रूप छोटो बणाय उणरे  मुण्डा घुस ने  कान रे रास्ते सूँ  बाहर आ ग्या ।  हनुमानजी ने पैलो  विड़ियो कॉल रामजी ने  कियो । हनुमानजी राक्षसी सूँ  पीछा छुड़ाय ने आगे बढ़ ग्या।

लंका जी  पहुँच हनुमानजी सबसूँ पैहली बिभीषन सूँ  मिलीया । दोबारा विड़ियो कॉल कर बिभीषण रो introduce कियो। अर बोल्या  कै एतौ आपरा  परम भक्त है। जणा  रामजी उणने friend request भेजी अर बोल्या के लन्काजी री लड़ाई जीत्या पछे  पार्टी  दैवुला ।अर थानै लंका रो राजा बणाय   देसूँ 
हनुमानजी अशोकवाटिका मे थौड़ा रुन्खाड़ा  जड़ों समैत उखाड़कर फैंक दिया सेनिक पकड़ ने रावण दरबार मे पेश कर दिया अर कहयो के इनरे पूँछ मे आग लगाय दो
ऊण रे बाद हनुमानजी रे  पुँछ मे आग लगाय दी  अर  हनुमानजी लंका ने जलावणौ  शुरु कर दियौ , उणी टैम  रामजी रो कॉल आयो अर हनुमानजी ने फेसबुक  लाईब आवण रो कह्यो , जलदी सूँ  हनुमानजी फेसबुक पर लाईब हो आग्या ।  रामजी लंकाजी रो लाईब जलते हुये देख्यो ।  लंका जी ने जलता देख्या  पछे रामजी अति प्रसन्न हुग्या ।

अठिनै  लंका जी ने जलता देख रावण ने होमलोन री चिन्ता सतावण  लागी।

हनुमानजी सीता माता सूँ  मिलता ही  रामजी ने अंतिम विड़ियो कॉल कर सीता माता सूँ  बात कराय दी  ।

रामजी सीता माता विडियो कॉल पर बात करता भावुक हुगी । जणा राम जी सीताजी ने  जल्दी सूँ  मिलणा रो आश्वासन दियों । अर हनुमानजी ने पाछा बुलाय  दिया ।

विभीषण ने रावण ने समझावण री घणी कौशिश करी कह्यो के राम जी सूँ   बैर नी  लेंणौ । रावण ने रीस आयगी । रावण ने विभीषण रो अपमान  कर अर लंका सूँ  निकाल दियो। विभीषण रामजी के शरण में आयो अर रामजी विभीषण ने लंका रो राजा घोषित कर दियो। रामजी लक्ष्मण हनुमानजी  वानर सेना समुद्र मे पुल बनाय ने लन्काजी पुगा । रामजी व रावण रे  साथै घोर युद्ध हुयो ।  आखिरकार  रावण रामजी रे  हाथों सूँ  मारीजियो । विभीषण ने लंका रो राज्य सौंपे ने रामजी सीता जी लक्ष्मण रे साथे पुष्पकविमान माथै  बैठ अर अयोध्या रवाना होग्या ।आयोध्या WhatsApp मेसेज कर ने  फटाका लावणा रो कियो माटी रा दिवो रो ओर्डर दियो ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें