मंगलवार, 10 दिसंबर 2019

सिनली गांव

1पिछली बार कोई घोषणा पत्र नही था। पिछली बार सदस्य चुनाव था सदस्य के पास कोई पावर नहीं होता है फिर भी सिनली गाँव में तीन करोड़।के। टांके मैने मेरै हाथ। से पास कराऐ उसमें हर समाज को सीधा फायदा हुआ उसमे से सदस्य ने एक रुपया का भी कमिशन नही लिया

भलजी भाई मैने तो किसी भी नेता को घोषणापत्र से काम करते हुए आज तक नही देखा है और ना ही होता है । पिछली बार सद्स्य का चुनाव था और सदस्य के पास पावर नही होता है आपको पता थातो ये  सब फालतु का 15 लाख का खर्चा करवाने की क्या जरूरत थी आपको भी पता है पार्टी के टिकिट पर चुनाव लड़ना है निर्दलीय तो था नही । अब आप कह रहे है कि  तीन  करोड़ के टांके तो मैने अपने हाथ से पास कराये  तो  फिर क्या पंचायत समिति सद्स्य  का कोई योगदान नही था 
भलजी भाई मुझे सिर्फ एक बात का जवाब दे की  पंचायत समिति सदस्य श्रीमती मंजू देवी पंचायत समिति लूणी की वार्षिक बैठक कितनी बार उपस्थित होकर सिनली गांव के विकास के लिए कितने मुद्दे उठाए
एक भी वार्षिक बैठक में श्रीमती मंजू देवी उपस्थित नहीं रही है।पुरे पाँस साल मे एक बार भी हिस्सा नही लिया ।  जब आप कभी मुद्दा नही उठाओगे तो गाँव विकास कैसे  होगा ।

पटेल समाज के श्मशान मै भी टांका बनाया और शमशान की चार दीवार के लियै दस बार आवेदन  लेकिन सरपंच सरपंच के हाथ में रहता है और नाडा वाली सीम।मैं लाईट पहुसाई और आप ने कोई भी कार्य के लिये बोला हो तो मना किया है तो बताओ सदस्य परिवार गांव के लिये हर दिन रात कभी भी फौन करो सेवा के लिए तैयार रहता है

भलजी भाई शमशान मे टांका बनाया कान्कड मे भी बनाया है चार दिवारी के लिये दस बार आवेदन भी किया होगा लाइट भी पहुसाई है सभी का काम भी किया होगा मेरा भी किया होगा  मै कहाँ ना बोल रहा हुँ

  ठाकुर के मंदिर मैं फंकशन। के समय हाजर रहे। सब चौधरीयौ का राव के पास नाम लिखवाय और।जौगमाया मन्दिर ओर हरीरामजी राजारामजी के। मंदिर बनाने में विशेष यौगदान रहा बोलो और समाज के परशनल तो बहुत काम किये आप सबको मालूम है मैऐसा।नही कि मे इनकी सपोट करता हूँ पर सही को स्वीकार करना ही पडता हे
भलजी भाई मैने कब कहा कि गाँव के लिये सहयोग नही किया जैसा हुआ पुरे गाँव ने सहयोग किया था और ऊपर वाले की कृपा तो बहुत लोगो पर होगी। लेकिन सहयोग तो कोई भाग्य शाली ही कर सकता है । समाज के पर्सनल काम भी किये है । और स्पोर्ट तो जैसी आप करते है वैसी हमं भी करते है । लेकिन गलती को गलती कहना पड़ता है कि नही ।  

अभी अभी पंचायत बनी उसमै सदस्य ने। दस बार जाकर आवेदन दिया पंचायत बनाने के लिए जगह के भूमि का पटा दिया आप फेसबुक उपर बोल रहै थे कि सिनली मे पंचायत के लियै जमीन नहीं है इसलिए चाली बना दो चाली वाले लोगों ने सिनली ग्राम का मज़ाक बना दिया
खाली बाहर बैठे विरौध करने। सै कुछ नहीं होता है गांव मे जाकर काम करना पडता है पहले हुए हर चुनाव मे तन मन धन से पटेल समाज के साध रहै
भलजी भाई गाँव के ओरण की कितनी जमीन पर अतिक्रमण है आप भी देख रहे है  और जब कोई वोटो के लिये सिनली गाँव के साथ पन्नेसिन्ह नगर व कागनाडा शामिल करने के कहे तो मेरे चाली गाँव कहने से क्या मजाक हुआ है । वैसे मैने व्यंगात्मक रुप से कहा था क्योकि चिकित्सा भवन किस काम के लिये बना है और वहाँ पर क्या काम होता है आप देखते ही होन्गे। और आपने कहा पहले हुए चुनावों मे  पटेल समाज के साथ तन मन और धन से सहयोग किया है वो बात भी सही है समाज व गाँव वालो ने भी सहयोग करके पंचायत समिति सदस्य मे मतदान किया  कि नही? ये तो समाज का  फर्ज होता है ।

आपसे निवेदन करता हूं कि आप दो महीने से फेसबुक और वाटसप षर समाज मै भाग।पटकनै का काम कर रहे हो आपको तेजारामजीः के घर से नाराज़गी है तौ आप तेजारामजीः को परशनल बात कर सकते हैं  कि ईस बार आपको मौका नहीं मिलेगा कयोंकि हम गाँव वाले आपसे खुश नहीं है  ।हम इस बार दूसरे को मौका दैगै मैं भलजीभाई पटेल आपसे वादा करता हूं कि तेजारामजीः पटेल चुनाव मै कभी भी भाग नहीं लेगा।
भलजी भाई मैने कब गांव मे भाग पटकवाये  मुझे किसी से कोई नाराजगी नही किसने  कहा कि तेजाराम जी के घर से नाराजगी है। बात  तो मे करता ही हुँ परचो ही की थी।  मुझे किसी से भी  नाराजगी नही है । हमारा तो कहना है कि समाज कि एकता बनाये रखे । हम समाज के पीछे है समाज से आगे नही है । 

पर आप दूसरे उम्मीदवार।का नाम तो बताओ। पहले युवा समाजसेवी हरीरामजी वगैसी। के अध्यक्ष।राजुरामजी बोका नाम दिया था उसमे भी आपने विरौथ किया तो आप बताओ कौन है उमीदवार।हम आपके साथ है भाई साहब। लिखने मै गलती हुई हो तो माफ करना
भलजी भाई उम्मीदवार का नाम  गाँव तय करेगा और हम तो सर्वोसरी गाँव  व समाज को मानते है वो ही तय करेंगे और और आप कह रहे हैं कि हमने राजाराम  बौका का नाम लिया तब विरोध किया था अब ये तो बताओ कि आपने  नाम कब लिया और  हमने विरोध कब किया । मैने किसी का भी विरोध ना तो किया है ना ही करने का मकसद है। हाँ ये बात जरुर कहता हुँ कि जिसे गाँव वालो ने पंचायत समिति सदस्य जितवाकर भेजा है वो पांच साल एक बार भी समिति जाकर ग्राम पंचायत के लिये एक भी मुद्दा नही रख पाये । तो अब हम कैसे आशा कर सकते है। पहले की तरह कही अबकी बार भी विधायक से नाराजगी कर गये तो गांव तो विकास कैसे होगा ।  पुरा गांव भी नाराजगी नही भुगतेगा।  
नाराजगी विधायक से हुई होगी गाँव की औरतो व समाज से नही थी वोट देना हमारा  अधिकार है हम  किसी को भी दे सकते है लेकिन समाज को अपमान करना ये हमारा अधिकार नही है ।  जब समाज हमारा कहना मानता है तो हमारा भी हक बनता है कि समाज की दो बाते सुने

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