रविवार, 14 अगस्त 2016

रक्षाबंधन 2016

दूर रह कर भी हूँ बहना, पास मैं तेरे, धागा जो तेरी राखी का, बँधा हाथ में मेरे। नित्य प्रार्थना यही प्रभु से, सदा खुश रहे बहना, जीवन के सुख-वैभव भोगे, कभी ना भीगे नयना । हर तकलीफ बहन की मुझको, तू दे देना ईश्वर, दूर रहूँ मैं, फिर भी तुम्हारी, पड़े विपत्ति मुझ पर । चाह एक है बदले में, बस सदा नेह की छाया, फर्ज करेगा पूरे सब यह, तेरा माँ का जाया । जीजाजी को कहना मेरा, सादर पांवाधोक, बच्चों को आशीष यही, वे रहें सदा निरोग ॥

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