दूर रह कर भी हूँ बहना, पास मैं तेरे,
धागा जो तेरी राखी का, बँधा हाथ में मेरे।
नित्य प्रार्थना यही प्रभु से, सदा खुश रहे बहना,
जीवन के सुख-वैभव भोगे, कभी ना भीगे नयना ।
हर तकलीफ बहन की मुझको, तू दे देना ईश्वर,
दूर रहूँ मैं, फिर भी तुम्हारी, पड़े विपत्ति मुझ पर ।
चाह एक है बदले में, बस सदा नेह की छाया,
फर्ज करेगा पूरे सब यह, तेरा माँ का जाया ।
जीजाजी को कहना मेरा, सादर पांवाधोक,
बच्चों को आशीष यही, वे रहें सदा निरोग ॥
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