रविवार, 14 अगस्त 2016

Independence Day 2016

स्वतंत्रता की चाहत मन में, लिए बढ़ चले थे वे लोग प्राण किए न्योछावर पथ में, पराधीनता के दुख भोग। हुए शहीद महान लोग वे, उनका त्याग न जाएँ भूल याद करें उनकी क़ुर्बानी, अर्पण कर चरणों में फूल। आज़ादी मिल गई 'राज` से, मिला नहीं है अभी सुराज मिलकर सबको अब करना है, भारत बनें विश्व का ताज। लाज तिरंगे की रखनी है, यही देश की अनुपम शान ऊँचा फहरे सकल विश्व में, इसपर अर्पित अपनी जान। सोने की चिड़िया पहले सी, फिर से उन्नत अपना देश तीन रंग की छटा बिखेरे, रहे शिखर पर शान अशेष। आओ मिलकर आज शपथ लें, सच्चाई की चुन लें राह कभी झूठ का साथ न देंगे, `राष्ट्र प्रेम` हो पहली चाह। लालच भ्रष्टाचार से घिरे, लोगों का अब हो प्रतिकार सबको अवसर मिले एक से, और सभी को सम अधिकार। सत्य और निष्ठा की ज्वाला, सबके मन में जले मशाल सदा गर्व से ऊँचा चमके, हर भारतवासी का भाल।

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