मंगलवार, 23 अगस्त 2016

Su-vichar

"अक्सर सुना जाता है कि अब दुनिया बदल गई है.. . परन्तु जरा सोचिये.. *➖"मिर्ची ने अपनी तिखाश नहीं बदली,* *➖आम ने अपनी मिठास नहीं बदली,* *➖पत्तों ने अपना हरा रंग नहीं बदला,* *➖चिडियों ने चहकना नहीं छोडा,* *➖फूलों ने महकना नहीं छोडा। "* ईश्वर ने अपनी दयालुता हमेशा दी ..* प्रकृति ने अपनी कोमलता नहीं बदली...* *बदलीं हैं तो इंसान ने अपनी इंसानियत ,* और दोष देता हैं पूरी दुनिया को... दुनिया सतयुग में भी ऐसी ही थी,* त्रेता में भी, द्धापर में भी, और कलयुग में भी।* बदला है तो सिर्फ इन्सान बदला,* 👌या इन्सान की सोच बदली है।.

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