गुरुवार, 18 अगस्त 2016

सोचिये कि क्या हम सब सच में देश भक्त हैं ?

आज़ादी की सालगिरह के मौके पर एक दिनी देशभक्ति से अलग कुछ सोचिये कि क्या हम सब सच में देश भक्त हैं ? 1- सड़क पर कोई इंसान मरता दिख जाता है तो उसको अस्पताल पंहुचाने के बजाय उसकी तलाशी लेने और मोबाइल,अंगूठी चुराने में सबसे आगे 2- कोई बच्चा किसी दुकान से खाने पीने की कोई चीज़ चुराता पकड़ा जाता है तो अपनी गाड़ी रोक के उसको दो हाथ लगाने में सबसे आगे। 3- चलती गाड़ी से केले के छिलके और चिप्स का खाली पैकेट सड़क पर फेंकने में सबसे आगे। 4- क्यू में लगने के बजाय जान पहचान और जुगाड़ का इंतज़ाम कर, अपना काम करवाने में सबसे आगे। 5- पब्लिक टॉयलेट में सही जगह सू सू ना कर , फर्श पर सू सू करने में सबसे आगे। 6- चलती सड़क पर कहीं भी रुक कर सू सू करने में सबसे आगे। 7- सरकार बड़े बड़े विज्ञापन दे कर खुशामद करे कि हेलमेट पहनिए। हेलमेट हमारी ही जान बचाती है। पर पुलिस को चकमा दे कर खुद को 'हीरो' फील करने में सबसे आगे 8- कार में चल रहे और सामने कोई साइकिल या रिक्शा है तो हॉर्न बजा बजा कर उसको किनारे कर खुद को आगे निकाल कर अपनी 'जीत' फील करने में सबसे आगे 9- ट्रैफिक के रूल्स तोड़ने में सबसे आगे। 10- सरकार से मोटी तनख्वाह लेने के बाद भी दफ्तर के चक्कर काटते आम इंसान को झिड़कने में सबसे आगे। 11- अपनी मांगों के लिए सड़क पर उतर कर सरकारी चीज़ों को आग लगा कर 'नेतागिरी' में सबसे आगे। 12- सड़क पर किसी का मोबाइल गिर जाए तो उठा कर स्विच ऑफ करने में सबसे आगे। पाकिस्तान को कोसना ही देशभक्ति नहीं है। अपने देश को बेहतर बनाना भी देशभक्ति है। एक अच्छा नागरिक होना भी देशभक्ति है।

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