राम राम सा
मित्रो इण बरस सिणली गाँव मे आन्जणा समाज री सात लाडलो री ढून्ड हुवी
1 कालुराम पिता मंगलाराम जी बौका
2 चन्दाराम पिता जोगारामजी मालवी
3 चुतराराम पिता जेरुपराम जी मालवी
4 याद नही पिता जगदीश राम जी मालवी
5 धनाराम पिता कल्ला राम जी काग
6 अशोक पिता देदाराम जी काग
7 तेजाराम पिता केवलराम जी काग
संध्याकाल होलिका दहन रे तुरन्त बाद लाडकड़ौ ने होलिका री अग्नि रे औले दौले (परीक्रमा)फैरा देराय ऊण रे बाद लाडलो ने ढूंडण रो प्रोग्राम शुरु हुयौ सीणली गाँव रा गैरीया तैयारियां कर अर लाडलौ ने ढून्डण सारू उणारै घर घर गया
इण बरस गैरीया री तादाद भी बड़ी ही और जोश मे कोई कमी नी ही । खैर जोश तो होवणौ ही चाहीजे होली तो बरस मे एक बार आवे। गैरीया होली रा फागण गावता गावता एक एक लाडकड़ौ ने ढून्डणा शुरु करिया
अर ढून्ड रो जाप करीयो
"हरी हरी ने हरिया वेल,
"डावे कवले चम्पा वेल,
"ज्यों-ज्यों वेल बढती जाय,
"ज्यों-ज्यों बालक बढतौ जाय,
"घर धणीयोणी बारे आव ,
"गैरीयौ रे खाजा लाव ,
"साकलियों रो डालो लाव,
"गेरीयों री आस पुराव,
इण सात लाडकी ढून्ड रे अलावा दुजी बार हुयुडा टाबरा ने अर कैई जगह नैव पण ढून्डीजीया ।
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