*इक्कीस दिन इक्कीस दोहे।"*
पर घर पग नी मैलणो,
चाहै कित्ती करें मनवार ।
अरज करे है आपने,
भारत री सरकार ।।1
जे कोरोना ने रोकणो,
तो पहले रूकजो आप ।
नी रूक्या जै आज तो,
पछै रहसी पछताप ।।2
दवा नहीं इण रोग री,
बचिया ही उपचार ।
हैं रती भर मिनखपणो,
तो मत आजो थे बा'र ।।3
हाथ मिलाणो छोड ने,
दूर सूं करो नमस्कार ।
मास्क लगा ने बोलजो,
ओ ही है उपचार ।।4
साबु सूं हाथ धोवजो,
दिन में दस-दस बार ।
तो ही रुकसी देस में,
कोरोना रा परसार ।।5
कोरोना रे कोप सूं,
मचियो हाहाकार ।
मिनख हुवो तो मानजो,
मत आजो थै बा'र ।।6
पुलिस खड़ी है सड़क पर,
सब री पहरेदार ।
ऐकर मन सूं बोलजो,
इणा की जय जयकार ।।7
अठी उठी नी जावणो,
घर में कर विसराम ।
मान सलाह सरकार री,
पूरण होसी काम ।।8
ठंडी चीजों सूं भला,
करजो थै परहेज ।
पछै भली थै खावजो,
थोड़ी करलो जेज ।।9
जै चावो थै देस में,
हो खुशियों रो ताज ।
तो सरकारी आदेश ने,
थे सगळा मानो आज ।।10
खबर सही अखबार री,
जिण रो कर परसार ।
झूठी अफवा इण घड़ीमें,
मत मानो नर नार ।।11
भारत रो परधान भी,
सबनै जोड़े हाथ ।
समय बितावो आपरो,
घरवालों रै साथ ।।12
धरती अर भगवान री,
सेवा आठो याम ।
दूर करे ऐ रोग ने,
आप करो विसराम ।।13
भामाशाह भी जोर रो,
कर रहिया उपकार ।
घर में बैठ कीजिए,
इणा रा भी सत्कार ।।14
संकट री इण टेम में,
सब करजो उपकार ।
भूखे पेट गरीब ने,
रोटी री मनवार ।।15
काळाबाजारी कठी,
मत करजो रै सेठ ।
मजबूरी रो फायदो,
कितोक भरसी पेट ।।16
पीएम ने सलाम है,
सजग करिया प्रांत ।
काफी हद तक हो गयो,
कोरोना भी शांत ।।17
मिलनै री वैळा नहीं,
मन सूं राखो मेळ ।
घर वासो भगवान रो,
मत मानो थै जेळ ।।18
पढ़ो किताबों ज्ञान री,
और पढ़ो अखबार ।
दुनिया भर री खबर सूं,
पावो सच्चो सार ।।19
घर बैठा मत भूलजो,
करलो वांने याद ।
जिण रै कारण दैस री,
सीमाएं आबाद ।।20
इक्कीस दोहे हर दिन,
पढ़ता रहजो आप ।
PM मोदी री वीणती,
घर ने राखो साफ ।।21
ज़य हिंद ज़य भारत।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें