।। राम राम सा ।।
मित्रो चीन देश से निकला कोरोना वायरस आज उग्र रुप धारण करते हुए पूरी दूनियाँ मे एक गंभीर चुनौती बना गया है। संक्रमण की वजह से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुँचने वाली इस लाईलाज बीमारी की वजह से दुनिया के सभी देशों के लोगो मे भय का माहोल है।
इस बीमारी की वजह से अनेकों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है और दुनिया में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना के कारण लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो रहें हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि दुनिया में इस जानलेवा वायरस के आने के क्या कारण रहें हैं ?
मित्रो ये स्वयं मानव द्वारा किए गए कृत्यों का नतीजा हो सकता है । ईश्वर द्वारा रचित इस सुंदर संसार में मनुष्य के साथ सभी जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों व प्राणियों को जीने का अधिकार है। लेकिन मानव ने अपनी स्वार्थ वाली सोच के कारण यह समझ लिया है कि पृथ्वी पर सभी जगह पर सिर्फ उनका ही अधिकार है।
मानव अपनी सुविधा के लिये कभी भी, कुछ भी कर सकता है। जब चाहे तब किसी भी बेजुबान की जान ले सकता है। वैसे तो मानव की शारिरिक बनावट शाकाहार के लिए बनी है। परंतु अपनी जीभ के स्वाद के लिए मानव जीव-जंतुओं के मांस को खाने में कोई परहेज नही करता है । यदि चीन की बात की जाए,और जहाँ से कोरोना वायरस की शुरुआत हुई है वहाँ पर चीन के लोग सभी तरह के पशु पक्षी,कीड़े-मकोड़े, चमगादड़, झींगा, कीट-पतंगों तथा चूजे व चूहों कुत्तो आदि को जिन्दा ही खा जाते है। यह बात सिर्फ अकेले चीन की बात नहीं है दुनिया के सभी देशो में पशु-पक्षी जीव-जंतुओं पर क्रूरता की जा रही है। किसी भी को नही छोड़ रहे हैं।मानव उड़ने वाले मे पतंग को पानी मे नाव को चौपाइयों मे चारपाई को छोडकर सभी को खा जाता है। भारत सदियो से सन्तो का देश रहा है । जिसमे ज्यादातर आबादी शाकाहारी है लेकिन अब हमारे देश में भी जीव-जंतुओं के प्रति दया का भाव रखने वाले लोग बहुत कम रह गये है।
वैसे मानवता की दृष्टि से बेजुबान प्राणियों पर हो रही हिंसा को देखना बेहद मुश्किल कार्य है। बकरे को हलाल किया जा रहा है जिसके कारण वह दर्द से तड़प रहा है, सुअर के छोटे -छोटे जिंदा बच्चों पर गर्म खोलता हुआ पानी गिराकर उनकी खाल उतारने के प्रयास किए जा रहे हैं, मछली के दो टुकड़े करके कढ़ाई में डाला जा रहा है जबकि वो दो हिस्से होने के बाद कुछ देर तक दर्द से छटपटा रही है। एक वीडियो में इंसान अनेकों जीवित गिंझाईयों को प्लेट में डालकर अपना निवाला बना रहें हैं। मुर्गो,भेड़ो,भैसों व ऊँटो को हलाल करने की ढेरों वीडियो को तो यूट्यूब पर बड़ी आसानी से देखा जा सकता है। बेजुबानों का खून बहाकर उन्हें अपना निवाला बनाने का काम तो मानव का नही दानव का ही होता है।
दुनियाँ मे वर्तमान समय में बेजुबानों पर हो रही हिंसा से प्रकृति का चक्र पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। इसलिये पुरी दुनिया महामारी भय से सहम गई है ।
फिलहाल अभी पूरी दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस महामारी कोरोना वायरस पर विजय पाना है। लेकिन यदि समय रहते मानव ने बेजुबान जीवों को मारने व अपनी हिंसात्मक कार्रवाइयों को नही रोका गया तो प्रकृति भी न्याय करने में देर नहीं लगाएगी।
शुक्रवार, 27 मार्च 2020
सम्पुर्ण धरती पर मानव अधिकार
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