शनिवार, 14 मार्च 2020

विलुप्त होती घटी ऊखल और मथाणी

।। राम राम सा ।।
भाइड़ो आज तो लुगायां रो दिवस हैं । मिनखौ रो दिवस कद आवेला इणरौ आज ताई कोई पतो कौनी।
आज रे दिन लुगायाँ ने घणी मोकळी बधाईयाँ
भारत देश रे ग्रामींण क्षेत्रो  रे मायं  हाल ताईं  शिक्षा री भारी  कमी है
भँला ही कैवण नैं आज लुगायाँ रो अन्तराष्ट्रीय  दिवस है ।
..पण हियै हाथ धर’र सोचो ! ओ फगत इण  री आड मे  विदेशिओं रो वैपार  है ।
पैहला आपाणौ  खानपान शुद्ध हो  और याददाश्त चौखी ही
मिनखौ ने सात सात पीढियां  नौम याद रेवतो हो । आज काल रे ईण मशीनरी जुग रे मायं  लुगायाँ रे  स्वास्थ्य  रा खास  दैनिक  तीनो औजार   ( घटी ,ऊखल, मथानी ) आज विलुप्त हो ग्या।  और
आज शहरों मे नुवां जमाना री  लुगायाँ  आपरे शरीर ने निरोगी राखण  रे खातिर  सुबह बैगी उठ ने जिम जावे । 
पुराणी समय जिकौ काम लुगायाँ बिना कोई दाम खरस किया करती ही वो काम आज रिपिया खरस कर रिया है ।
गुमनाराम पटेल सिनली

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