ट-ढ
टका दाई ले गी अर कून्डो फोड़गी ।टका लेगी ऊर कूंडो फोड़गी।टकै की हांडी फूटी, गंडक की जात पिछाणी । हिंदी– थोड़े से नुकसान से नीच की पहचान होना।टकै-टकै न्यूत है।टको टूंसी एक न यार, तोरण मारण होग्यो त्यार ।टक्को टूंसी एक न यार, तोरण मारण होग्यो त्यार।टक्को लाग्यो न पातड़ी, घर में भू दड़कदे आ पड़ी।टपकण लागी टापरी, भीजण लागी खाट।टांडो क्यूं हो? कै सांड हां। गोबर क्यूं करो? कै गऊ का जाया हां।टाटी कै घर नै फेरतां के बार लागै?टाबर है पण बड़ा का कान कतरै।टाबरां की टोली बुरी, घर में नार बोली बुरी।टुकड़ा दे दे बछड़ा पाल्या, सींग हुया जद मारण चाल्या।टूट गई डाली, उड़ गया मोर। धी मरी, जंवाई चोर।टूटतै आकास कै बलो कोनी लागै।टूटी की बूटी कोनी | हिंदी– वृद्धावस्था मेँ जब आयु शेष नहीँ रहती तो दवा भी काम नहीँ करती है।टूटी नाड़ बुढापो आयो, टूटी खाट दलिद्दर छायो।टोलै मिलकी कांवली, आय थला बैठत। दिन चौथे के पाँचवैँ, जल थल एक करंत॥ हिंदी– जब बड़ी संख्या मेँ चीलेँ एक स्थान पर इकट्ठी हो जायेँ तो वर्षा की सम्भावना होती है।ठंडो लौह तातै नै काटै | हिंदी– धैर्यशील व्यक्ति, दूसरे के गुस्से को शांत कर देता है।ठगां कै ठग पावणा।ठग्यां ठग, ठगायां ठाकर।ठठेरै की बिल्ली खुड़कां सै कोनी डरै।ठांगर कै हेज घणूं, नापीरी कै तेज घणूं।ठाकर आया ए ठुकराणी! चूले आग न पंडै पाणी।ठाकर गया अर ठग रह्या मुलक का चोर। बै ठुकराणी मर गई, जणती ठाकर और।ठाकर तो कूलै मांड्योड़ो बी बुरो।ठाकर री गोळी, गांवरी सिरमोळी ।ठाकर व्है वो जाण समज्झै अक्खरां। सीरोही तरवार बहे सिर बक्करां।ठाकरण भागो किसाक ? कह, गैल की मार जाणिये ।ठाकरां ऊत गई। कह, गयां ही जाय है।ठाकरां की टाबर टीकर है? कह, भाई रे साले रे दो डावड़ा है। ठाकरां क्यूं गावो, कह, रोवण में ही कोनी धापां।ठाकरां खल खावो हो, कह, आ ही कुत्ता हूं खोसी है।ठाकरां गैर बखत कठे, कह, गैर बखत तो म्हे ही हां।ठाकरां ठाडा किसाक? कमजोर का तो बैरी ही पड्यां हां।ठाकरां धोला आवगा और भागो हो, कह, भाग-भाग तो धोला किया है, नहीं तो कालां में ही मार गेरता।ठाकरां भागो किसाक? कह, गैल की मार जाणिये।ठाकरां, घोड़ी ठेका तीन देसी। ठाकर यार तो पैली ही ठेकै आसी, दोय तो एकली देसी।ठाकरां, पूंचो पतलो दीखै है? कह, लाग्यां बेरो पड़सी।ठाकरां, ब्याया क कुवांरा? कह, आधा। आधा क्यूं? म्हे तो त्यार हां, आगलो मिल ज्याय तो पूरा हो ज्यावां।ठाकरां, मर्या सुण्या? कह, सांपरत खड्या हां नी।ठाडा का दो बांटा।ठाडै कै धन को बोजो–बोजो रुखाळो है | हिंदी– शक्तिशाली का धन कोई नहीँ रख सकता।ठाडै को ठींगो सिर पर।ठाडै को डोको डांग नै फाड़ै ।ठाडै हीणै का दोय गैला।ठाडो मारै अर रोवण भी कोन्या दे ।ठाली ठुकराणी को पेई में हाथ जाय ।ठाली बैठी डोकरी, घर में घाल्यो घोड़ो ।ठालै बैठ्याँ सूँ बेगार भली ।ठिकाणे ठाकुर पूजीजै ।ठिकाणै सै ई ठाकर बाजै।ठोकर खार हुन्स्यार होय । हिंदी– मनुष्य को ठोकर लगकर ही अक्ल आती है।डर तो घणै खाय को है | हिंदी– डर तो अधिक खाने का है।डांगर के हेज घणूं, नापैरी के तेज घणूं | हिंदी– दूध न देने वाली गाय बछड़े से अधिक प्रेम करती है, पीहर न होने पर स्त्री अधिक झल्लाती है।डाकण अर जरख चढी।डाकण बेटा ले क दे?डाकणां के ब्यावां में नूतारां का गटका।डाकणां सै गांव का नला के छाना है।डाडी कै लाग्यां आपके पहलां बुझावै।डिगमरां कै गांव में धोबी को के काम?डूंगर चढ़तो पांगळो, सीस अणीतो भार ।डूंगर तो देखै बा का ही होय है।डूंगर बळती दिखै, पगां बळती कोनी दिखै ।डूंगरा नै छाया कोनी होय | हिंदी– महापुरुष अपनी मदद स्वयं करते हैँ, यह जनसाधारण के बस की बात नहीँ है।डूबतो सिंवाळां न हाथ घालै ।डूम गाय-गाय मरै, धणीड़ै कै भांवै ही कोन्या।डूमकी जाणै तो बखाणै।डूमणी रे रोवण में ही राग।डूर्मा आडी डोकरी, बलदां आडी भैंस।डेड घड़ा अर डीडवाणु पाऊं।डेढ छैल की नगरी में ढाई छैल आयो है, ठग्गैगो, ठगावैगो नहीं।डोकरी मुसाण कैंका? आये गये का?डोकरी र राज कथा कोय।ढक्योड़ो मत उघाड़ और भू घर तेरो ई है ।ढबां खेती,ढबां न्याव ।ढल्यो घोटी, हुयो माटी ।ढांढा मारण, खेत सुकावण, तू क्यूं चाली आधै सावण | हिंदी– आधे सावन के बीत जाने पर मनोरम हवा पशुओँ तथा कृषि के लिए हानिप्रद होती है।ढींगा कतरा ही घलाले, पतासो एक घालूं ना।ढेढ़ रे साथे धाप'र जीमो भांवै आंगळी भर कर चाखो ।ढेढ़ रो पल्लो लगावो, भांवै बाथे पड़ो ।ढेढ़ को मन ल्याह्वड़ै में ही ।ढेढ नै सुरग में भी बेगार।ढेढ रे साथे धाप र जीमो भांवै आंगली भर कर चाखो।ढेढ रो पल्लो लगावो, भांवै बाथे पड़ो।ढेढणी और रावळै जा आई ।ढेढ़ां की दुर्सीस सूं दाव थोड़ा ई मरै ।ढोल दमामा दुडबड़ी, बैठे सादर बाज। कहे डोम दिन तीन मेँ, इन्द्र करे आवाज॥ हिंदी– यदि चमड़े से मढ़े ढोल नगाड़े आवाज न करेँ तो शीघ्र वर्षा आने की सम्भावना होती है।ढोली गावतो अर टाबर रोवतो चोखो लागै ।ढोसी का डूंगर चीकमा होता तो नारनोल का कुत्ता कदेस का चाट ज्याता।पातां सामी पांत क पैल परूसणा। एक दे करतार फेर क्या चावणा।
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