।। राम राम सा ।।
डैडपंच अर पटकपंच पैला कम हुवता आजकाल घर घर ही घणा हुगा । इणां पंचा रो एक ई काम हुवै कै बण्योड़ो काम बिगाड़ो अर लापसी में लूण न्याखौ । मतलब जठै ई संप दीखै उठै कुसंप रा बीज बोवो अर जठै ई मिठास दीखै उठै खारास पटको ।
लारले विगत बरस पड़ौस रे एक गाँव मे एक पंचायती हुई
पंचायती ईण बात री हुई एक छौरे रै घर मे लुगाई तो आवती ही पण दौनु धणी लुगाई रे आपस मे टसापस हुवण सूँ घणकर पीहर मे रैवती ही । इणमे दौनु पक्षा री बराबर गळती ही।समझावण वाळा ही घणा खपिया हा। एक समझावे तो दुजुडो भारी पड़े। चार पाँच मिनख घरे आय कैय दैवे कै भाई इणमे थाँरौ रत्ती भर कसूर नी है । थांरै सब ठीक करौला अर दिन भर बैठा बैठा चाय अलम सीगरेटौ धौकडा ऊड़ावे खाय पिय आपो आपरै घरे जावै। सांची कैवणीया तो ईण दुनिया मे कोई रैया ही नी। और ना ही कोई समझणीयाँ । ईंया करतौ खासा बरस बीत ग्या
हा । आपरी तरफ सूँ मत्तो कर अर भाई तो पंचा री सलाह लेयर बिजौ ब्याव कर बीनणी लाई। पंच आ ही वाट जौवता हा । भाई बीनणी तो जबरी लाई पणण ...... थौड़ौ खरचौ कर दैवे तो थांरै कोई आँच नी आवण दौ। भाई तो आपरे सगळा गाँव नै भैळौ कर बड़ा कौड सूँ जौरदार सभा कराई । चार पांच लाख रूपया रौ चुनो लगाय दियों। जिण मिनखौ पैला कह्यो हो के थांरै आँच नी आवण दौ। बै ही ऊण लुगाई रै घर जाय अर उणरै बाप ने कैवण लागा कै एक लुगाई हुन्वता दुजी बीनणी कीकर लाय सके इणरौ न्याव करणौ पड़सी।इणमे बाई रौ काईं कसूर है... पन्च भैळा करौ....अर उणनै दण्डीत करौ ।
थौड़ा दिना सूँ गाँव वालो आपरी पटक पंचायती री गाँव मे जाजम जमाई राखी। अर आस-पास रे पांच छह गाँवो रा पंचों ने बुलाया । पण आज रै टैम न्याव करणीया कम अर चाय अलम बीड़ीयौ रा धौपटा ऊड़ावणीयां ,अर घी बाटा खावणीयां घणा है। पंचायती मे पण कदै-कदै ई ऊत रो घर जूत मिल जावै! ऐड़ो ई एक किस्सो है इण पंचायती रौ हुय ग्यौ। पंचौ एक तरफा कसुरवार कर दण्ड री रकम मुकर कीदी ।घणाकर मिनखौ ने आ वात दाय नी आयी कि कसुरवार दौनु बराबर हा तो मुकर कियौडी रकम थौड़ी ज्यादा है। छौरे रौ बाप मन मार अर चुपचाप बैठौ हो। ठावका पन्च आपस मे सलाह कर अर कह्यो के मुकर रकम रौ आदैठौ राकौ ।आ वात घणा मिनखौ रै हिये नी उतरी ।पंचायती मे कुब्बदी मिनखौ री कमी नी ही ।अर ऊहँ ऊहँ करत्ता बिना फैसलै पंचायती बिखर गयी। पंच आप आपरै घरे पूगा। कईई मिनखौ रै तो आक चोबण अर उणांरी डाळी भांगण रो ईज काम हो । कठैई फैसलौ हुगौ तो आपरी बात नी रैवेला ईंया कर’र नट ग्या। वडैरा कैवता के पटकपंच कदैई घरे नी बैठा रैवै उवै छौरै रे घरै जाय ने धोपटा उडावता फिरै ।
अलम जीमै चमना रौ ,अर मुंगे मौल रौ अन्न।
चाय रा सबरड़का मारे पटक पंचौ रौ मन्न!!
ओ ईज कारण हो कै उणांरै घर री पंचायती नी हुवण दी
भलांई भला मिनख कैयग्या कै पंच परमेसर हुवै या पंचां में परमेसर रो बासो हुवै पण आजरै पंचां नै देख’र तो आ बात साव साची लागै। आ आजरै पंचां रै तो दोनां हाथां में लाडू हुवै। थौड़ाक दिना पछी एक दिन ऐड़ो ई जोग जुड़ियो जणै जिण मिनख छौरा रे बाप री जामिन ली ही ऊणा कयौ कै पंचायती पाछी म्हैं करावां । पांच गाँव रा पन्च भैला हुआ। कैई आपरी मोटर साइकिल लैय र आया हा कैई पंच जीप लैय अर आया । कारण ओ हो के पंचायती री जाजम ढाणी लगाई ही
गाँव रा पटकपंचौ अर दुजुड़ा गाँवों पंच जाजम माथै वीराज्या अर खरडौ आई दौ बड़ा बड़ा भगौला अलम गाळ अर सभा रे बीस मेभरीयोड़ा पिछौला मारे । पटकपंच बौल्यौ के रकम पैली वाली मुकर है बा ही रेहसी अर अन्दर सूँ खुसफसाहट आई के आ बात तो नी हो सके। रकम म्हें मुकर करौला । नीतर सीधी पुलिस आवेला । इत्ती बात सुणता ही एक मिनख ने इसारौ करियौ के भगौला भरियोड़ा काईं काम रा अर फटाफट मनुहार चालू राख । गाँव रा पटकपन्च पिछौला मारता भगौला ने आधा खाली कर अर एक एक पैसाब रौ मस कर कठिनै ग्या किणी ने ठाँ नी पडीयौ। दुजुड़ा गाँवों रा पन्च पूलिस रौ नाम सुणता ही एक दुजै रौ मुन्डो देखण लागा पंच केई दार तो अलम अर रोटी नै उडीकिया अर पछै मूंढो पिलाकय’र
अर ऊबा हौय अर कह्यो कै भाइयों पाछा आप आपरे गाँव हालौ । आधी गाड़ियाँ वाला डर सूँ पैली निकळ ग्या। कईई क पन्च पाळा नाटा कईई क रा उतावळ मे पगरखा लारै रैगा । जिणा ने आ कैय र लाया हा कै पछै पाछा बौलेरौ गाड़ी माथै पूगाऔला। वै पाळा नाटा । माल रा जीमाक अर जस रा भूखा पंच बातां रा ब्याल़ू करण नै आप आपरे रै घरै पूगा। पाछी पंचायती बिगड़गी। मतलब पटकपंचां री इच्छा मुजब पंचायती नीं करी जणै उवै आपरै घरमें बड़’र सौय ग्या। गाँव रा मिनख दुजुड़ा गावँ रा पंचों ने लेवण ग्या हा ऊणानै कह्यो कै पाछा गाड़ी चढाय’र म्हांनै गाँव ताईं तो छोडो। पण उठै डोकरी रै कैयांड़ी खीर कुण रांधै । सेवट कईई क पंचां नै एकण पगलै पाळा घरै जावणो पड़्यो। पंचां नै मारग में एकण लिगतर घींसतां नै देख’र एक मिनख कह्यो- कै
देखो चमना तरक रै, खुद झगड़ै री खंच।
गाड़ी चढ चढ आविया, पाळा जावै पंच।।
ऊणरे रै थौड़े दिनौ रै बाद छौरे रे बाप ने समझ पडीं कै ऐ गाँव रा पटकपंच म्हारी धूड़ ऊड़ावे है । पाछा गाँव अर दुजौडा गाँवों रा पंचों ने भैळा कर आपरी पंचायती कराई।
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