गाँव री लुगायाँ, भौरानभोर उठती, पीसणो पीसती, खीचड़ो कूटती, रोट्यां पोंवती ।
गाँव री लुगायाँ, पूसपालो ल्यावंती,गायाँ ने नीरती, दूध ने दुंवती, बिलोवणो करती ।
गाँव री लुगायाँ, बुहारी काढ़ती,बरतन माँजती, कपड़ा धोंवती,टाबर बिलमावती ।
गाँव री लुगायाँ,खेत म जाँवती, निनाण कराँवती, सीट्या तुड़ावँती, खलो कढावँती ।
गाँव री लुगायाँ, पाणी ल्याँवती, गोबर थापती,माथो बाँवती, मेहंदी माँडती ।
गाँव री लुगायाँ, बरत करती, भजन गाँवती ,पीपल सींचती, का"णी सुणती ।
गाँव री लुगायाँ, तातो जिमावती, लुखी खाँवती, सगळौ काम, सळटा"र सोंवती ।
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