बुधवार, 15 अप्रैल 2020

किसान खेती की तैयारियाँ शुरु करें

।। राम राम सा ।।
मित्रो पूरी दुनिया में फैल रहे कोरोना वायरस को लेकर दहशत का माहौल तो है। अभी तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। लाखौ की संख्या में लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं और जिस तरह से ये संक्रमण बढ रहा है उनको देखकर तो मुझे लग रहा है। दुनियाँ की बहुत बड़ी आबादी इससे प्रभावित हो सकती है। भारत में भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज़ों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हर किसी के दिमाग़ में यह सवाल है कि आख़िर यह मुसीबत कब तक जारी रहने वाली है। दुनिया भर के डॉक्टर अभी तक इसे लेकर कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं।अभी तक इसकी दवाई भी बाजार मे नही आई है । कोई लोग कह रहे है कि ये एक जैविक ह्थ्यार है जो मानव द्वारा फैलाया गया है । अगर ये जैविक हथ्यार है तो इसका असर धरती पर आने वाले कई वर्षो तक रह सकता है । और अगर ये प्राकृतिक रुप से फैला है तो ये कुछ महिनो बाद स्वयं प्रकृती द्वारा ही नष्ट हो जाएगा । प्राकर्तिक बदलाव से मई महिने के अंत तक कोरोना वायरस की दहशत पूरी दुनिया से कम हो जाएगी और लोग ख़ुद को सुरक्षित महसूस करने लगेंगे। तब तक  हमे सावधानी बरतनी चाहिये । सौशल डिस्टेंसिंग रखनी है ताकी ज्यादा लोगो मे ये बिमारी नही फैले।
मित्रो 1995 मे मैने एक किताब पढ़ी थी । नाम याद नही है लेकिन उस किताब मे एक जिक्र  जरुर था कि तीसरा विश्व युध्द बिना हत्यार के होगा । और आने वाले कुछ वर्षो मे  विश्व की 80 पर्सेंट आबादी रोग ग्रसित हो जाएगी और उस रोग से विश्व की 20 पर्सेंट आबादी खत्म हो जाएगी। उससे मुझे कुछ  सटिक तो नही दिख रहा है ।  क्योकि हाल ही के सालो मे नयी नयी बिमारिया भी बहुत बढीं है। लेकिन कुछ कम भी नही आंका जा सकता है।
भारत एक कृषी प्रधान देश है । इसलिये सरकार को व किसानो को खेती की तैयारियो के बारे मे सोचना चाहिए। नही तो भारत की अर्थ व्यवस्था बिगड़ जायेगी । क्योकि इस बिमारी को देखकर मुझे अब ऐसा महसूस होने लगा है कि भले इस बिमारी से मई अंत से इसमें सुधार होने लगेगा लेकिन पुर्णतया खत्म होने मे 6 महिने और लग सकते है । तो ये वर्ष व्यापारियो के लिये दुर्भिक्ष अकाल ही समझ सकते हैं।  इसलिये अभी भी समय रहते खेती की तैयारियाँ शुरु कर दे तो अच्छा होगा । महामारी के बाद दुनिया मे कई देश भुखमरी से ग्रसित हो सकते है । , दूनियाँ से लूटपाट की खबरे ही सुनने को को मिलेगी ,कई  देश अपना अपना खो सकते है । इसलिये की भारत देश एक कृषीप्रधान देश होते हुए मजबुत रह सकता है।  इसीलिये किसानो को अभी से तैयारियाँ शुरु कर देनी चाहिये ।  किसान ही देश के भविष्य के लिए वरदान साबित होन्गे ।
गुमनाराम पटेल सिनली

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें