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काणै कुत्ते लीन्या सूण, करा तो ली पण ढकसी कूण।पंच परमेसर होय है।पंचां की बात सिर माथै, पर म्हारलो नालो अठी कर ई भवैगो।पग कादै में अर जाजम पर बैठबा दे।पगां पांगली, नांव फुदकी।पगां में लीतरा, कांधै पर डुपट्टो।पगां सैं गांठ दियोड़ी हाथां सै कोनी खुलै।पड़ पड़ कै ई सवार होय है।पड़–पड़ कई सवार होय है | हिंदी– मनुष्य गलतियोँ से सीखता है।पड़ै ऊंट पर सै रूसै भाड़ैती सै।पढ्यो तो है पण गुण्यो कोनी।पढ्योडो पूछै है क दायमूं?पतली छाय खाटा सैं क्यूं खोवै?पत्थर का बाट - जत्ता भी तोलो, घाट-ही-घाट ।पपैया पीऊ–पीऊ करेँ, मोरा घणी अजग्म। छत्र करै मोरिया सिरे, नदिया बहे अथग्म॥ हिंदी– मोर के नाचने पर तथा पपीहे के पीहू–पीहू करने पर भारी वर्षा सम्भावित रहती है।पपैया पीऊ–पीऊ करेँ, मोरा घणी अजग्म। छत्र करै मोरिया सिरे, नदिया बहे अथग्म॥ हिंदी– मोर के नाचने पर तथा पपीहे के पीहू–पीहू करने पर भारी वर्षा सम्भावित रहती है।पर घर लागी पून ज्यूं आवै, घर लागी कित जाय?पर नारी पैनी छुरी, तीन ओड सै खाय। धन छीजे, जोबन हडै, पत पंचा मैँ जाय॥ हिंदी– पर स्त्री ऐसी तेज छुरी के समान होती है जो तीन प्रकार की हानि करती है— इससे धन क्षीण होता है, यौवन का नाश हो जाता है तथा लोक मेँ बदनामी होती है।पर नारी पैनी छुरी, तीन ओड सै खाय। धन छीजै, जोबन हरै, पत पंचा में जाय।परभाते गेह डंबरा, दोफारां तापन्त। रातूं तारां निमला, चेलाकरो गछंत।परभाते गेह डंबरा, सांजे सीला बाव। डंक कहै हे भड्डली, काला तणा सुभाव।परमात्मा घणदेबो है।परमारथ के काम में क्यां को पूछणुं?परया पूत कमाई थोड़ाई घालै।पराई खाई खीचड़ी में घी घणीं दीखै।पराई खीचड़ी गहणै मेल्यो जीव।पराई पीर परदेस बराबर।परायी आस जाय निरास, आपकी आस भोग-विलास।पवन गिरि छूटे पुरवाई। धर गिर छोबा, इन्द्र धपाई॥ हिंदी– पूरब से हवा चलने पर वर्षा धरती व पर्वत तक को तृप्त करेगी।पवन गिरी छूटै परवाई, ऊठे घटा छटा चढ़ आई। सारो नाज करे सरसाई, घर गिल छोलां इन्द्र धपाई।पहलां चाबां घूघरी, पाछै गावां गीत।पहलां बाबजी फूटरा घणा, फेर टाट मुंडाली।पहलां लिख कर पाछै देय, भूल पड्यां कागद सैं लेय।पहली कहदे जिको घणखाऊ कोनी बाजै।पहली पड़वा गाजै तो दिन भैतर की बाजै।पहली पेट पूजा, फेर काम दूजा।पहली रहतो यूँ तो तमियो जातो क्यूं।पहली रोहण जल हरे, बीजी बहोतर खाय, तीजी रोहण तिण हरै, चौथी समन्दर जाय।पहलो सुख नीरोगी काया, दूजो सुख हो घर में माया, तीजो सुख पुत्र अधिकारी, चोथो सुख पतिव्रता नारी, पांचवों सुख राजा में पासा, छठो सुख सुस्थाने बासा, सातवों सुख विद्याफलदाता, ए सातूं सुख रच्या विधाता।पाँच बाई पांच ठोड, मोको आयां एक ठोड।पांगली अर परबत लांघै।पांगली डाकण घरकां नै ही खाय।पांच आंगलियां पूंज्यो भारी।पांच पंच छट्ठो पटवारी, खुल्ला केस चुरावै नारी। घिरतो फिरतो दातण करै, जैंका पाप सैं कीड़ा मरै।पांच पंच मिल कीजै काज, हारे जीत आवे न लाज।पांच सात की लाकड़ी एक जणै को मार।पांचू आंगली एक सी कोनी होय।पांत में दुभांत क्यां की?पांव उभाणै जायसी, कोडी धज कंगाल।पांवरी कुत्ती, पकवानी रुखाली।पांवरी कुत्ती, पूंछ में कांगसियो।पांवरी सांड बनाती कूंची।पांवरी सांड, नारनोल को भाड़ो।पांवरी सांड, पकवानी की भूखी।पांवरी सांड, लुहागरजी को भाड़ो।पाखी हालो पहली करकै।पाडै को अर पराई जाई को राम बेली।पाणी तो निवाण में जाय।पाणी पीकर के जात पूछणी?पाणी पीवै छाण, सगपण कीजै जाण।पान पड़ंतो यू कहै, सून तरुवर बनराय। इबका बिछड्या कद मिलां, दूर पड़ांगा जाय।पानी पाला पादसा, उत्तर सूं आवै।पाप को घड़ो भर कै फूटै | हिंदी– अत्यधिक पाप बढ़ जाने पर पापी का विनाश हो ही जाता है।पापी की पाण आये बिना कोनी रैवै।पापी कै मन में पाप बसै।पापी को धन परलै जाय।पापी नाव डुबोवै।पाव चून, चोबारै रसोई।पाव बीगा धरती, जी में अड़ावो न्यारो।पावणां रे खीर रांधू जनाड़े आजे ।पावणां सूं पीढ़ी कोनी चालै, जवायाँ सूं खेती कोनी चालै ।पिरवा पर पिछवा फिरै, घर बैठी पणिहार भरै।पिव बिन किसा तिंहवार।पिसारी कै तो चावण कोई लावो।पीपल तलै हां भर कर कीकर तलै नट ज्याय।पीरकां की आस करै जकी भाईड़ां नै रोवै | हिंदी– जिससे या जिस स्थान से कुछ न मिले वहाँ से कोई भी आशा रखना व्यर्थ है।पीरा ल्यावैं दांतली, घरां कुहाड़ी जाय।पीसां की खीर है।पीसै कनै पीसो आवै।पीसै हाली को बेटो झूंझणिए सै खेलै।पीसैगी सो तो पिसाई लेगी।पीसो गाँठ को, हथियार हाथ को | हिंदी– गाँठ यानि पास रखा धन तथा हाथ मेँ उठाया हथियार ही काम मेँ आता है।पीसो पास को, हथियार हाथ को।पीसो बोझां कै कोनी लागै।पीसो माई, पीसो बाप, पीसो बिना बड़ो सन्ताप।पीसो हाथ को मैल है।पीसो हाथ को, भाई साथ को ही काम आवै ।पुजारी की पागड़ी, ऊंटवाल की जोय। बेजारा की मोचड़ी, पड़ी पुराणी होय।पुराणी बहल अर चिमकणा नारा।पुल का बाया मोती निपजै | हिंदी– अवसर पर किया गया कार्य ही फल देता है।पूछता नर पंडित।पूत का पग पालणै ही दिख्यावै | हिंदी– बालक का भविष्य बचपन मेँ ही दिखाई देने लगता है।पेट की आग बुझती सी बुझै।पेट कै आगै ना है।पेट कै दर्द को माथा नै के बेरो?पेट टूटै तो गोडां नै भारी।पेट पिरोत मुंह जजमान।पेड़ की जड धरती और लूगाई की जड़ रसोई ।पैरण नै घाघरो ई कोन्यां, नांव सिणगारी।पैली पडवा गाजै, दिन बहत्तर बाजै | हिंदी– आषाढ़ की प्रतिपदा को बादल गरजने पर हवा तो चलेगी पर बरसात नहीँ होगी।पोता भू की राबड़ी, दोयता भू की खीर। मीठी लागे राबड़ी खाटी लागै खीर।पोथा सैं थोथा हुआ, पिंडत हुया न कोय। ढाई, अक्खर प्रेम का, पढ़ै सो पिंडत होय।पोही मावस मूल बिन, रोहिण (बिन) आखातीज। श्रवण बिन सलूणियुं क्यूं बावै है बीज?फन पड़े तो यूं कहे, सुण तरुवर बनराय। इबका बिछड्या कब मिलां, दूर पडांगा जाय॥ हिंदी– पत्ता पेड़ से कहता है कि तरुवर अब मैँ टूट गया हूँ पता नहीँ फिर कब मिलूँगा।फलको जेट को, बालक पेट को।फागण मर्द और ब्याह लुगाई।फागण में सी चोगणो, जै चालैगी बाल।फाटी घाघरी, रेसम को नाड़ो।फाटै नै सीमै ना, रूसै नै मनावै ना, ते काम कय्यां चालै?फाट्या कपड़ा मत देखो, घर दिल्ली है।फाड़णियाँ नै सीमणियाँ कोनी नावड़ै | हिंदी– अत्यधिक व्यय करने पर कितनी भी कमाई हो, वह कम ही रहती है।फिरै सो चरै, बंध्यो भूखां मरे।फूंकण जुगती जीब कोन्या निचली रहै।फूटे लाडू में सै को सीर।फूटेड़ो ढोल अर कूटेड़ो ढोली चीं नीं करै ।फूट्या बाग फकीर का, भरी चीलम ढुल ज्याय।फूट्यो घड़ो आवाज सै पिछाण्यू जांय।फूड़ (रांड) की फेरां तांई उच्छल।फूड़ कै घर हुई कुंवाड़ी, कुत्ता मिल चाल्या रेवाड़ी।फूड़ को मैल फागण में उतरै।फूड़ चालै, नो घर हालै।फूलां फूलगी, गैल का दिन भूलगी।फूहड़ रो मैल फागण में उतरै।फेरां के बखत दादी, बान बनौरे खाबा नै पोती।फेरां कै बखत कन्या तिसाई।फोग आलो ई बळै, सासू सूदी ई लड़ै।फोगलै रो रायतो, काचरी रो साग। बाजरी री रोटड़ी, जाग्या म्हारा भागफोगलो फूट्यो, मिणमिणी ब्याई। भैंस री धिरियाणी, छाछ नै आई।फोज कै अगाड़ी, घोड़ै कै पिछाड़ी।फोज को आगे अर ब्याह को पाछो घणूं करड़ो हयो है।बंधी भारी लाख की, खुल्ली बीखर जाय।बंधी मूठी लाख को, खुल्ली मूठी राख की।बकरी छोड्यो ढाक, ऊंट छोड्यो आक।बकरी दूध तो दे पण मींगणी करकै।बकरी रोवै जीवन नै, कसाई रोवै मांस नै।बकरै की मां कद तांई खैर (कुसल) मनावै?बखत चल्यो जाय पण बात रै ज्याय।बखत नहीं बिणजै जको बाणियूं गंवार।बगल में सोटो, नाम गरीबदास।बजनस पवन सुरिया बाजै। घड़ी पलक मांही मेह गाजै॥ हिंदी– उत्तर–पश्चिम से हवा चलने पर शीघ्र वर्षा होगी।बटोड़ै में सैं तो ऊपला ई नीकलै।बड़ सींचूं बड़ोली सींचूं, सींचूं बड़ की डाळी, राम झरोखै बैठ कर सींचै सींचण वाळीबडका जीता तो फोज भेली हो ज्याती।बड़ा घरां का बड़ा ई बारणां।बडां की बड़ी ई बात।बड़ा–बड़ा गाँव जाऊँ, बड़ा–बड़ा लाडू खाऊँ | हिंदी– स्वप्न मेँ ही धनी बनने की सोचना अथवा हवाई किले बनाना।बडी बडी बात, बगल में हाथ।बड़ी रातां का बड़ा ही तड़का ।बड़े गांव जांऊ, बड़ा लाडू खाऊं।बड़ै रूंखां बड़ा डाला।बड़ै लोगां कै कान होय है, आँख नहीँ | हिंदी– बड़े लोग सुनी–सुनाई बात पर ही विश्वास कर लेते हैँ, स्वयं जाँच–परख नहीँ कराते।बड़ो बड़कलो, बाणियूं, कांसी और कसार। ताता ही नै तोड़िये, ठंडो करै बिकार।बड्डी भू का बड्डा भाग, छोटो बनड़ो घणो सुहाग।बणिया लिखैं, पढ़ै करतार।बणी बजावै बाणियूं।बदी असाढ़ी अष्टमी, नहीं बादल, नहिं बीज, हल फाडो इंधन करो, ऊभा चाबो बीज।बदी कोर सिर नीचो।बदी राम बैर।बरसै भरणी, छोड़े परणी।बल बिना बुध बापड़ी।बलद ब्यावै तो कोनी बूडा तो होय।बलदां खेती घोड़ां राज, मरदां सुधरै पराया काज।बहुआं हाथ चोर मरावै, चोर बहू का भाई ।बांका रहज्यो बालमा, बांकां आदर होय। बांकी बन में लाकड़ी, काट न सक्कै कोय।बांझ ब्यावै तो कोनी बूडी तो होय।बांझड़ी के जाणै जापै की पीड़?बांट कर खाणा अर सुरग में जाणा।बांदी कैंका घोड़ा बकस दे?बांदी दूसरां का पग धोदे पण आपका को धोया जायं ना।बांध्यो तो बलद ई को रैवै ना।बांस चढ़ी नटणी कहै, हुयां न नटियो कोय, मैं नट कै नटणी हुई, नटै सो नटणी होय।बाई का फूल बाई कै | हिंदी- जितनी कमाई उतना खर्च ।बाई का फूल बाई ही लागगा।बाई सोवणी तो घणी ई है पण आंख में फूलो।बाईजी पेट में सै तो नीकल्या पण हांडी में सै कोनी नीकूल्या।बाऊं घू घू घूमका करै (तो) लंका को राज बिभीषण करै।बाऊं तीतर, बाऊं स्याल, बाऊं खर बोलै असराल।बागल कै बागल पावणी, एक डाली कैं तूं भी लूमज्या।बाङ खेत नै खाय - अपनों द्वारा अपने का नुकसान ।बाछड़ो खूंटै कै पाण कूदै।बाजरो सलियां, मोठ फलियां।बाजै अबला, पण छै प्रबला।बाजै टाबर, खाय बराबर।बाजै पर तान आवै।बाड़ कै सहारै दूब बधै | हिंदी– कमजोर व्यक्ति भी आश्रय पाकर बढ़ता है।बाड़ खेत नै खाय।बाड़ में मूत्यां कसौ बैर नीकलै? बाड़ में हाथ घालण सैं तो कांटो ही लागै।बाड़ में मूत्यां कसौ बैर नीकळै ।बाड़ में हाथ घालण सैं तो काँटा ही लाग ।बाणिया की नांट बुरी, कातिक की छांट बुरी।बाणियूं के तो आंट में दे, के खाट में दे।बाणिये को बेटी नै मांस कै सुवाद को के बेरो?बाणियो खाट में तो बामण ठाठ में।बाणियो मेवा को रूंख है।बाण्यो लिखै, पढ़ै करतार।बात को चालणूं अर संजोग को पीवाणूं।बात में हुंकारो, फौज में नंगारो ।बात में हुंकारो, फौज में नंगारो।बातां रीझै बाणियूं, गीतां सै रजपूत । बामण रीझै लाडुवां, बाकळ रीझै भूत ।बाद तो रावण का ई कोनी चाल्या।बादल कर गर्मी करै, जद बरसण की आस।बादल की छाया सै कै दिन काम सरै?बादल में दिन दीखै, फूड़ दलै न पीसै।बादल रहे रात को बासी, तो जाणो चोकस मेह आसी | हिंदी– पहले वाली रात के बादल सुबह तक छाये रहेँ तो वर्षा निश्चित रूप से होती है।बान बनौरे पोती खाय, फेरां में बखत दादी जाय।बाप कै धन सींत को, बेटी नै देसी रीत को।बाप को मार्यो मानै पुकारै, पण मा को मार्यो की नै पुकारै?बाप चराया, बाछड़ा, माय उगाई बींत। के जाणैगी बापड़ी, बड़ै घरां की रीत।बाप न मारी लूंगटी, बेटो गोलंदाज।बाप ना मारी मांखी, बेटो तीरंदाज ।बापमुई कहो चाहे मामुई।बाबजी सरूप तो था ई, ऊपर सैं राखी रमाली।बाबाजी की झोली में जेवड़ा की नीकल्या।बाबाजी को बाबाजी, तरकारी को तरकारी।बाबाजी धूणी तपो हो? कहो, भाया काय जाणै है।बाबाजी बछड़ा घेरो। कह, बछड़ा घेरता तो स्यामी क्यूं होता?बाबाजी भजन कोन्या करो। बच्चो रोवण में ई कोन्या धापां।बाबाजी में गुण होसी तो आदेस करणियां घणा।बाबाजी संख तो सुदियां बजायो, कह, देव को न देव कै बाप को, टका नो काट्या है।बाबाजी, थारा ही चरणा को परसाद है।बाबो आयो चाये, छाहे छान फाड़ कर ही आओ।बाबो आवै न ताली बाजै।बाबो गयो नो दिन, नो आया एक दिन।बाबो गयो बीज नै, सिट्टा पाक्यां आयो।बाबो मर्यो टीमली जाई, रह्या तीन का तीन।बाबो सगळां'नॅ लड़ॅ, बाबॅ'न कुण लड़ॅ ।बाबो सीवै ऐं घर में, टांग पसारै ऊं घर में।बाबो सै ने लड़ै, बाबा नै कुण लड़ै?बाबोजी का भायला, कै गूजर कै गोड़!बामण कह छूटै, बलद वह छूटै।बामण कुत्ता हाथी, कदे न जात का साथी।बामण कै हाथ में सोना को कचोलो है।बामण को जी लाडू में।बामण तो हथलेवो जुडावण को गर्जी है।बामण नाई कूकरो, जात देख घुर्राय; कायथ कागो कूकडो जात देख हरखाय।बामण नै दियां पीछै गाय पराई हो जावै, परबारे हाथां में गयां पीछै रकम पराई हो जावै, पर्णीज्यां पीछै बेटी पराई हो जावै ।बामण नै दी बूढ़ी गाय, पुत्र हुयोन दालद जाय।बामण नै दे बूड़ी गाय, धर्म नहीं तो दालद जाय।बामण नै साठ बरस तांई तो बुध आवै कोन्या, पछै जा मर।बामण बचन परमाण। गंगाजी को मींडकी गाय करके जाण।बामण सैं बामण मिल्यो, गैलला जलम का संस्कार। देण-लेण नै कुछ नहीं, नमस्कार ही नमस्कार।बामण हाथी चढ्यो बी मांगै।बामण हीर को, गुर को न पीर को।बामणियुं बतलायो, लैरां लाग्यो आयो।बायेड़ो उगै अर लिखेड़ो चूगै ।बारठजी की घोड़ी हाली हुई।बारलै गांव की छोरी, लाडु बिना दोरी।बारह बरस तांई बेड़ी में रह्यो, घड़ी तांई थोड़ी ही तुड़ासी।बारा बरस सै बाबो बोल्यो, बोल्यो पड़ै अकाल।बारा बरस सैं बांझ ब्याई, पूत ल्याई पांगलो।बाल खोस्यां मुरदा हलका कोनी होय।बाल सोनूं कान तोड़ै।बालक देखै हीयो, बूडो देखै कीयो। हिंदी– बालक प्रेमभाव को पहचानता है जबकि वृद्ध केवल काम की बात को देखता है।बालक राजा, सेइये, ढलती लीजे छांय।बावड़ै तो बावड़ै, नहिं दूर निकल ज्याय।बावला मरगा, ओलाद छोड़गा।बावलां का कसा गांव न्यारा होय है?बावली अर भूतां खदेड़ी।बावलो अर भांग पीली।बावाड़ेड़ो पाहुणों भूत बिरौबर ।बावूं भलो न दाहिणो, ल्याली जरख सुनार।बावै सो लूणै | हिंदी– जैसा कर्म वैसा फल।बासी बचै न कुत्ता खाय।बाही को लणही, करही जो भरही।बिंदगा सो मोती।बिंदराबन में रहसी सो राधे गोविन्द कहसी।बिगड़ी घिरत बिलोवणो, नारी होय उदास। असवारी मेँह की, रहे छास की छास॥ हिंदी– दही बिलौने पर घी बिखर–बिखर जाये तो समझो जोर की वर्षा होगी।बिगड़ी तो चेली बिगड़ी बाबोजी तो सिद्ध का सिद्ध।बिजनस पवन सूरिया बाजे, घड़ी पालक मांहे मेह गाजे।बिडदायां बल आवै।बिणज करैला बाणिया और करैला रीस।बिणजी लाग्यो, बाणियूँ, चूंटी लागी गाय।बित्त भर की छोकरी, गज बर की जीभ।बिना कंठ का गावै राग, न सग, न साग, न राग।बिना खम्भा आकास खड्यो है।बिना ताल तूमरो कोनी बाजै।बिना तेल दिवो कोनी चसै।बिना पढ्यो दायमो, पढ्यो-पढ़ायो गौड़।बिना पींदै को लोटो चाहे जिन्ने गुड़ जाय।बिना बलदां गाडी कोनी चाले।बिना बाप को छोरो, बिगड़ै, बिना माय की छोरी।बिना बुलाया पावणा, घी घालूं कॅ तेल ।बिना मन का पावणां, थानै घी घालूं क तेल? बिना लिखै पावै नहीं बड़ी बस्त को भोग? बिना लूण का रांधै साग, बिना पेच का बांधै पाग।बिना रोऍ तो मा'ई बोबो कोनी दे ।बिभीछण बिना भेद कुण बतावै? बिरछां चढ़ किरकांट बिराजे, स्याह सफेद लाल रंग साजे।बिरडिये को गारड़ कोनी।बिलाई को मन मलाई में।बिल्ली बजारिया तो घणां ई करै, पण गांव का कुत्त करण के जद ना।बींद मरौ बींदणी मरौ, बांमण रै टक्कौ त्यार। ठाकर ग्या ठग रिया, रिया मुळक रा चोर॥बीगड़्योड़ा तीवण कोनी सुधरै।बीघै-बीघै भूत अर-बिसवै-बिसवै सांप।बीजली को मार्योड़ो पलकां सैं डरै।बीत्या दिन नह बावड़ै, मुवा न जीवै कोय।बीन कॅ'ई लाळ पड़ँ जणा बराती के करँ ।बीन के मूंडै ही लाल पड़ै जद जनते के करै?बीन तो आयो ई कोनी अर फेरां की त्यारी।बीन तो बडो घणूं। कै और ना बडो होयो जाय है, अब तो जल्दी करो।बीन बजण सैं रह गई, टूट गया सब तार। बीना बिचारी के करै, गया बजावणहार।बीन बीनणी छोटा-मोटा घर में कोनी थाली-लोटा।बीन बीनणी सावदान, घर में कोनी पांव धान।बीन मरो चाये बीनणी, बामण को टक्को त्यार।बुढ़ापै की जावै मायतां नै घणी प्यारी लागै।बुध बावणी, शुक्कर लावणी।बुध बावण्यां भिसपत लावण्यां ।बुध बिन विद्या वापड़ी।बुरी बुरी बामण कै सिर।बुरो टेम आवे जनां ऊँट पर बैठ्या ने गंडक खा ज्याय॥बूची बाकरी खोड़ियो गुवाल।बूडा गिण्या न बालका, तड़को गण्योन सांझ। जण जण को मन राखतां, वेश्या रहगी बांझ।बूडां बरकत होय है।बूडो बडेरो मर ज्याय जद के सामर सूनी हो ज्याय।बूढली कै घर में नार का बड़्यो। (बूढली कै घर में चोर बड़गो)बूढली नै पापड़ बेलता बोला दिन होगा।बूढळी रै कह्यां खीर कुण रांधै?बूढै बाप नै अर बूढै बैल नै बाहलै जतो ही थोड़ो।बूढो हो चाहै ज्वान, हत्या तांई काम।बूरा का लाडू खाय सो बी पिस्तावै, न खाय सो बी पिस्तावै।बेईमान का घोड़ा मैदान में थकै।बेटा जाय दालद ल्याया, बेटा हुआ स्याणा, दालद हुआ बिराणा।बेटियां की मा राणी, भरै बुढ़ापै पाणी।बेटी अर बलद जूडो कोनी गेर्यो।बेटी जाम जमारो हार्यो।बेटी रहै आप सैं, नई तो रहै न सागी बाप सैं।बेटी रूसै सासरै जाणनै, बेटो रूसै न्यारो होण नै।बेड़ा लिखिया ना टलै, दीया अंट बुलाय।बेमाता का घाल्योड़ा आंक टलै कोन्या।बै चिड़कली और देख जो भरड़ दे उड़ ज्याय।बैई कसियां बैई साज, काल करी सो करल्यो आज।बैठणियां में बैठणियूँ, भागतडांके आगै।बैठणो छाया मैं हुओ भलां कैर ही, रहणो भायां मैं हुओ भलां बैर ही ।बैठतो बाणियो अर उठती मालण सस्तो बेचै।बैठी सूती डूमणी घर में घाल्यो घोड़ो।बैद की किसी रांड को होय ना?बैम की दारू कोनी।बैरागी रो जाम, कदै न आवै काम।बैरी न्यूत बुलाइया, कर भायां सैरोस। आप कमाया कामड़ा, दई न दीजै दोस।बोई कुंहाड़ो अर बोई बैंसो।बोखी अर भूंगड़ा चाबै।बोड़ा घड़ा उघाड़ा पाणी, नार सुलखणी कय्यां जाणी। दाणा चाबै पीसती, चालै पल्ला घींसती।बोलै सोई बाछड़ा खोलै।बोल्या अर लाद्या।बोळो बूझै बोळी नै, कै रांध्यो है होळी नै?ब्या कर्यो काकै कोल्है, बो ऊंकै ओल्है बो ऊंकै ओल्है।ब्या बिगाड़ै दो जणां, के मूंजी के मेह। बो पीसो खरचै नहीं, बो दड़ादड़ देह।ब्याया नहीं तो जनेत तो गया हां।भंगण अर भींटोय खाय है कोन्या।भंडार हालै, कुत्तै की-सी हुई।भगत जगत कूं ठगत।भगतण रो जायो कै नै बाप कैवै?भगवान तो बासना का भूखा है।भगवान दे जणा छप्पर फाड र दे दे।भगवानियूं इसो भोलो कोन्या जो भूखो गायां मैं जावैगो।भठियारी पलोथण कठै सैं लगावै?भड़भूज्यां की छोरी अर केसर का तिलक।भदरा जां घर लागसी, जां घर रिध और सिद्ध।भला जाया ए बापड़ी, के भाट अर के कापड़ी।भला जाया बेमाता ।भला भली प्रिथमी छै।भलै को बखत ई कोन्या।भलो आदमी आपकी भलाई सैं डरै, नागो जाणै मेरे सै डरै।भलो कर भलो होगो, सोदो कर नफो होगो।भलो करतां बुरो होय है।भवानी का लेख को टलै ना।भांखड़ी कै कांटा को आगड़ै तांई जोर।भांग भखण है सहज पण, लहरां मुसकल होय।भांग मांगै भूंगड़ा, सुलफो मांगै घी। दारू मांगे जूतिया, खुसी हो तो पी।भाई कै मन भाई आयो, बिना बुलाये आपै आयो।भाई को भाई बैरी है।भाई नै भाई कोनी सुहावै।भाई बड़ो न भय्यो, सबसै बड़ो रूपप्यो।भाई बेटी तो ब्यावै ना अर कसर छोड़ै ना।भाई भूरा-लेखा पूरा।भाई री भीड़ भुआ सुं नी भागै।भाख फाटी, खोल-टाटी, राम देगो दाल, बाटी।भागां का बलिया, रांधी खीर, होया दलिया।भाग्यां पाछै बावड़ै बो बी मरद ई है।भाठै सूं भाठो भिड्याँ बिजली चमकै | हिंदी– दो दुष्टोँ की लड़ाई मेँ नाश हो जाता है।भाठैं सै भाठो भिड़्यां बीजली चिमकै।भाड़ै की गधी, घर-घर लदी।भाण कै घर भाई, अर सासरै जंवाई।भाण कै भाई गंडक, सासरै जुंवाई गंडक।भाण जांऊ जांऊ करै ही, बीरो लेण नै ही आयगो।भाण राड लडूंगी, कुराड नहीं लडूंगी।भादरवे जग रेलसी, छट अनुराधा होय। डंक कहे हे भड्डली, करो न चिंत कोय।भादवै की रूत भली, भली घट बसन्त।भादू की छा भूतां नै, कातिक की छा पूतां नै।भाव को भाई के करै? भाव राखै सो भाई।भींत गैल मांडणा अर पोत गैल रंग।भींत गैल मांडणा आप ही आप आ ज्यावै।भींत नै खोवै आलो, घर ने खोवै सालो।भींतड़ा नाम कि गीतड़ा नाम।भीख सैं भंडर कोनी भरै।भीज्या कान हुआ असनान।भुवां मिस लिये अर भतीजी मिस दिये।भू आई सासू हरखी, पगां लागी पर परखी।भू घर तेरै स्हैर पण राखियो ढक्यो-ढूम्यो।भू घरियाणै की, अर गाय न्याणै की।भू परोस्सया कायंगा बि मारे मन ज्यायंगा।भू बछेरा डीकरां, नीमटियां परवाण।भूख कै लगावण कोनी, नींद के बिछावण कोनी।भूख न देखै जूठ्या भात।भूखा की बावड्यावै पण झूठा की को बावड़ै ना।भूखा कै जान कोन्या।भूखै को थाली में पडयां ही इमान आवै।भूखै घर की छोरी अप भलकै बिना दोरी।भूखो ठाकर आक चाबै।भूखो तो धायां पतीजै।भूखो पूछै ज्योतसी, धायो पूछै बैद।भूखो बाण्यो हंसै अर भूखा रांगड़ कमर कसै।भूखो बामण सोवै अर भूखो जाट रोवै।भूतां के लाडुआं में इलायची को के स्वाद?भूल को टक्को भूल में गयो।भूल्यो बामण भेड़ खाई, आगै खाय तो राम-दुहाई।भेड़ की लात पगां तलै-तलै।भेड़ खटकी नै धीजै।भेड़ पर ऊन कुण छोड़ै?भेड़ भगतणी पूंछड़ै में माला।भेभण राणी चोरटी, रात्यूं सिट्टा तोड़ती।भेलै भांडा खुड़कै ही।भैंस आगै बांसरी बजाई तो गोबर को इनाम।भैंस आपको रंग देखै ना, छत्तै नै देख कर बिदकै।भैंस को पोटो सूकती सो सूकै।भैंस खल सै यारी करै तो के खाय?भैंस मरगी तो मरगी खरी को सबड़को तो मार ही लियो।भैंसो मींडो बाकरो, चौथी विधवा नार। ये च्यारूं माड़ा भला, मौटा करै बिगाड़।भोजन में लाडू अर सगाँ में साडू ।भोलै ढालै का राम रूखाला।भोलो गजब को गोलो है।भोलो मित्र दुश्मनी की गरज पालै।भौंकँ जका काटँ कोनी ।मँगो रोवे ऐक बार, सस्तो रोवे सो बार ।मँहगो रोवै एक बार, सैंगो रोवै बार-बार।मंगती अर भींट्यो खाय ई कोन्या।मंडावो चाये लिखावो, चिड़ावो चाये खिजाओ।मंढी एक अर मोडो घणा।मंदर कै अगाड़ी, थाण के पिछाड़ी।मकोड़ो कहै, मा! मैं गुड़ की भेली उठा ल्याऊं, कह, कड़तू कानी देख।मजूरी मै के हजूरी?मत मरज्यो बालक की मावड़ी, अर मत मरज्यो बूढ़ै की जोय।मतलब की मनुहार जगत जिमावै चूरमा।मतलब की मनुहार, जगत जिमावै चूरमा | हिंदी– स्वार्थ हेतु दूसरोँ की खुशामद करना।मथरा में रहसी जको राधा किसना (राधा गोविन्द) कहसी।मदकुमाऊ कुमावै तो कोनी, पण घरांतो आवै।मन का लाडु छोटा क्यों ।मन कै पाज कोनी | हिंदी– मन चंचल है, उसकी मर्यादा नहीँ होती।मन बिन मेल नही, बाड़ बिना बेल नहीं।मन मीठो तो सै मीठा, मन खाटो तो सै खाटा ।मन राजा को, करम कमेड़ी को सो।मन सूं रान्धेड़ो खाटो ई खीर लागै ।मन सै भावै, मूंड हिलावै।मन होय तो बेटो दे दे, नहीं बेटी ही कोनी दे।मन होय तो मालवै जायावै।मनै घङगी अर बाङ मैं बङगी ।मर ज्याणूं, कबूल, पण जौ को दलियो नहीं खाणूं।मरण नै सरोग पण मन हथलेवै में ही रयो।मरणूं इयान सैं ना जाणूं है।मरतां किसा गाडा जुपै है?मरद की कूब्बत राड़ में, लुगाई की कूब्बत रान्धणें में |मरद को जोबन साठ बरस जे घर में होय समाई। नर को जीवन तीस बरस हर बैल को जोबिन ढाई।मरद तो जब्बान बंको, कूख बंकी गोरिया। सुहरहल तो दूधार बंकी, तेज बंकी घोड़िया।मरद तो मूंछ्याल बंको, नैण बंकी गोरिया। सुरहल तो सींगला बंकी, पोड बंकी घोड़िया।मरदां मणकों हक्क है, मगर पचीसी मांय।मरबो तो हैजा को अर धन सट्टा को।मरी क्यां? सांस कोनी आयो।मरी रांड, हुयो बैरागी।मरु रो पत माळवो नाळी बिकानेर। कवियाँ ने काठी भळा आँधा ने अजमेर॥मरै जको तो बोली सै ही मर ज्यावै, नई तो गोली सै ई कोनी मरै।मरै पूत की आंख कचोलै सी।मरै है पण मलार गावै है।मरो मा, जीवो मांवसी, घी घाल्यो न, न गोडा चालसी।मरो हांडणी नार, मरो कठखाणूं टट्टूं।मर्या नै भूल जाय, आया नै कोनी भूलै।महलां बैठ्यो छेड़ै, जको कुरडी बैठे सैं कुहावै।महावतां सै यारी, अर दरवाजा सांकड़ा।मा का पेट सै कोई सीख कर कोनी आवै।मा कै सरायां पूत कोन्यां सरायो जाय, जगत कै सरायां सरायो जाय।मा गैग डीकरी, घड़ गैल ठीकरी।मा जी ई माजी, पण है तो पूण ई तेरा बरस की।मा पर पूत पिता पर घोड़ो, घणों नही तो थोड़म थोड़ो।मा बाप मरगा, ऐं ई घर की करगा।मा भठियारी, पूत फतेखां।मा मरी आधी रात, बाप मर्यो परभात।मा मैं बड़ो हुयां बामणां ही बामणां नै मारस्यूं, कह, बेट बडो ही क्यूं होसी।मा! मामा किसाक? बेटा, मेरा ई भाई।मा, न मा को जायो, देसड़लो परायो।मां कैवतां मूंडो भरीजै।मां, मायड़भोम अर मायड़भासा रौ दरजौ सुरग सूं ईं उचौ हुवै ।मां मरी आधी रात, बाप मर्यो परभात | हिंदी– बार–बार विपत्तियाँ आना।मां री गाळियां, घी री नाळियां। अर्थ - मां की गालियां, घी की नालियां। मां ललकारती-फटकारती है तो संतान के भले की खातिर। उसके मन में दूर-दूर तक कोई दुर्भावना नहीं रहती। मां की गालियां ममता का ही दूसरा रूप है।मां, घोड़ा री पूंछ पकड़ूं, कांईं दे'सी कै घोड़ो मतै ई दे दे'सी। अर्थ - गलत काम का अंजाम हमेशा बुरा होता है।मांग कर छाय ल्यावै, सूरज नै छांटो दे।मांग्यां तो मोत ई कोनी मिलै।मांग्यो आवै माल, जांकै कांई कमी रै लाल?मांज्या थाल! उतर्यां बार।मांटी का ढालिया, अंग्रेजी किवाड़।मांटी की भीँत डिगती बार कोनी लगावै | हिंदी– मिट्टी की दीवार गिरने मेँ समय नहीँ लगता।माता कै तो सारा बेटा-बेटी इकसार होय है।माथो मूंड्यां जती नहीं।मान का तो मुट्ठी भूंगड़ा ही घणा।मान बड़ा क दान?माना चाली सासरै, मनावण हालो कुण?मानै तो देव, नहीं भींत को लेव।मानो तो देव नहीं तो भींत को लेव।मामा को ब्या अर मा परोसगारी।माया अंट की, विद्या कंठ की | हिंदी– जो पैसा अपने पास हो तथा जो ज्ञान कंठस्थ हो वही काम आता है।माया तेरा तीन नाम, परस्या, परसो, परसराम।माया मिलगी सूम नै, ना खरचै, ना खाय।माया सै छाया भली।मार कर भाग ज्याणूं, खाकर सो ज्याणूं।मार कुसार, छाणा की मार।मार कै आगै भूत भागै।मारण हालै को तो हाथ पकड़्यो जाय, बोलण हालै की जीब कोनी पकड़ी जाय।मारणियै सैं जिवाणियूं ठाडो (बडो) है।मारणूं ऊंदरो, खोदणूं डूंगर | हिंदी– छोटे कार्य के लिए बड़ा कष्ट उठाना।मारले सो मीर।मारवड़ा की मूढ़ता, मिटसी दोरी मिन्त।मारवाड़ मनसूबे डूबी, पूरबी गाणा में। खानदेस खुरदों में डूबी, दक्षिण डूबी दाणा में॥मारै आप, लगावै ताप।मारै नहीं जको बलो उठावै।मार्यो-कूट्यो एक नांव, जीम्यो-जूठ्यो (खायो-पीयो) एक नांव।माल गैल जगात माल सैं चाल आवै।माल सैँ चाल आवै | हिंदी– धन आने पर अक्ल पैदा हो जाती है।मालिक को मालिक कुण?माली अर मूला छीदा ही भला।मावां पोवां धोंधूकार, फागण मास उड़ावै छार, चैत मासा बीज ल्हकोवै, भर बैसाखां केसू धोवै, जेठ जाय पन्तो तो कुण रोकै सावण भादवा जल बरसंतो।मिंया नै सलाम की खातर क्यूं रूसायो?मिनख कमावै च्यार पहर, ब्याज कमावै आठ पहर ।मिनख को के बड़ो, बीसो बडो है।मिनख बाण रो गोलौ ।मिनख माणसियो, दो होय है।मिनख सूण की दई रोटी खाय है।मिनख हजार वर्ष नींव बांधे, भरोसो पलक को ई कोन्या।मियां की दौड़ महजीत तांई।मियां रोवो क्यूं? कै, बन्दा की सकल ही इसी है।मियूं बीबी दो जणां, क्यूं खावै बै जो चणा?मियूं मर्यो जद जाणियो, जद चलीसो होय।मिल बिछड़ो मत कोय।मिलै मुफतरो माल, सांड रैवै सोरा।मिल्या भिंट्या अर हुंसेर पूरी हुई।मींडका नै तिरणूं कुण सिखावै | हिंदी– मेँढक को तैरना कौन सिखाता है अर्थात् यह तो उसका स्वाभाविक गुण है।मींडका नै तिरणूं कुण सिखावै?मीठी छुरी अर झैर की भरी।मीठै कै लालच जूठो खाय।मुं करे है छाछ सोमुंडै सूं नीसरी बात, कमाण सूं नीसरयो तीर, अर परमात्मा री पोळ गयोड़ा पराण पाछा नीं बावडै ।मुंह गैल थाप।मुंह टोकसी-सो, नांव सरुपली।मुंह सुई-सो, पेट कुई-सो।मुंह सै निकल ज्या सो भाग धणी का।मुकदमा में दो चाये, कोडा अर गोडा।मुख में राम, बगल में छुरी।मुतबल को संसार सनेही।मुतलब बणतां लोग हंसै तो हँसबा द्यो।मुरदां क साथ कांधिया कोन्या बलै।मुरदै पर चाहै एक कस्सी गेरो, चाहै सो कस्सी गेरो।मुर्गी के तो ताकू कोई डाम।मूं आगै नार, पीठ पीछै पराई।मूं करै झ्याउलया को सो - मुंह बनाना ।मूं लागी चाट कोन्या छूटै।मूंग–मोठ में कुणं सो बडो अर कुण सो छोटो (मूंग मोठ में कुण ल्होड़ो-बडो?)मूंछा उखाड्या सैं मुरदा हलका थोड़ा हो छै।मूंड मुंडायां सर ज्याय जिको क्यूं कुमावै?मूरख कह छूटै, बलद बह छूटै।मूरख कै मांथै सींक कोनी होय।मूरख न टक्को दे देणूं, पण अक्कल नहीं देणी।मूरख सै काम पड़ै जब के करणूं? चुप रह ज्याणूं।मूर्खा को माल मसकरा खाय।मूल सैं ब्याज प्यारो।मूसल कै अणी ना, गरीब कै धणी ना।मूसै को जायो बिल ई खोदैगो।मे बाबो आयो, सिट्टा-फली ल्यायो।मेरी ई मूंड मेरी मोगरी।मेरे खुदा बकसियो ढाई सेर की लापसी खा ज्याय, पण खा ज्या कैं भड़वा की? मेरो मियूं घर नहीं, मूझ किसी का डर नहीं।मेरे लला के कुण-कुण यार? धोबी, छीपी अर मणियार।मेरै छोटक्यं नै न्यूत चाहै बडोड़ा नै न्यूंत, सै ढाई सेर्या है।मेवा तो बरसँता भला, होणी होवॅ सो होय ।मेवां की माया, बिरखां की छाया।मेह की रुख तो भदवड़ा'ई बता दें ।मेहा तो तित बरस सी, जित राजी होसी राम।मै गलो कटावै।मैं कुणसी मोल्डी क भाटा की दी ही ।मैं कै गलै छरी।मैं बी राणी, तूं बी राणी, कूण भरैं पैंडे को पाणी?मैं मरूं मेरी आई, तूं क्यूं मरै पराई जाई?मैं लेऊं थी तन्ने, तूं ले बैठी मन्नै।मोटो ब्याज मूल नै खावै ।मोडा करै मलार, पराये घरां पर।मोडा घणा, बैकुण्ड सांकड़ी।मोडां की राड में तूंबा ई उछलै।मोडी गाय सदा बैडकी कुहावै।मोडो कूद्यो अर बैकुण्ड कै मांय।मोड्यो लोटै राख में, दो पोवै दो काख में।मोत मानगी मामलो, मन्दी मांगणहार।मोर जंगल में नाच्योहो पण कुण देख्यो ।मोर नाचै घणूं ई पण पगां न देख र रोवै ।
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