रविवार, 12 अप्रैल 2020

राजस्थानी भजन- म्हाराँ राम रघुनाथ

राम राम सा
म्हारा राम रघुनाथ,
म्हारा राम रघूनाथ,
इतरो वर तो दीजो म्हाने,
नित उठ जोडु हाथ,
इतरो वर तो दीजो म्हाने,
नित उठ जोडु हाथ।।

आतुणौ  तो खेत दीज्यो,
बिच में दीजो नाडी नाडी,
आतुणौ  तो खेत दीजो,
बिच में दीजो नाडी नाडी,
अरे घरवाली ने छोरो दीजो,
भैस लावे पाडी,
घरवाली ने छोरो दीजो,
भैस लावेला पाडी,
म्हारा राम रघूनाथ,
इतरो वर तो दीजो म्हाने,
नित उठ जोडु हाथ।।

दोय म्हाने हलीया दीजो,
हाल दीजो जाढी जाढी,
दोय म्हाने हलीया दीजो,
हाल दीजो जाढी जाढी,
अरे दोय म्हाने बेलीया दीजो,
बीच में दीजो गाडी,
दोय म्हाने बेलीया दीजो,
बीच में दीजो गाडी,
म्हारा राम रघूनाथ,
इतरो वर तो दीजो म्हाने,
नित उठ जोडु हाथ।।

अरे बाजरी री रोटी दीजो,
ऊपर गुड़ ने घी घी,
बाजरी री रोटी दीजो,
ऊपर गुड़ ने घी घी,
अरे ओडन म्हाने गुदड दीजो,
घणो पडेला सी,
ओडन म्हाने गुदड दीजो,
घणो पडेला सी,
म्हारा राम रघूनाथ,
इतरो वर तो दीजो म्हाने,
नित उठ जोडु हाथ।।

अरे दोय म्हाने छाली दीजो,
दोय दीजो लडी लडी,
दोय म्हाने छाली दीजो,
दोय दीजो लडी लडी,
अरे काली भूरी दोनो दीजो,
एक बनासा बडी,
काली भूरी दोनो दीजो,
एक बनासा बडी,
म्हारा राम रघूनाथ,
इतरो वर तो दीजो म्हाने,
नित उठ जोडु हाथ।।

सावन मे म्हाने लेहरीयो दीजो,
फागुन मे फागनीयो,
सावन मे लेहरीयो दीजो,
फागुन मे फागनीयो,
अरे भगता रे थे भेला रहिजो,
देवेला जागनीयो,
भगता रे थे भेला रहिजो,
देवेला जागनीयो,
म्हारा राम रघूनाथ,
इतरो वर तो दीजो म्हाने,
नित उठ जोडु हाथ।।

म्हारा राम रघूनाथ,
म्हारा राम रघूनाथ,
इतरो वर तो दीजो म्हाने,
नित उठ जोडु हाथ,
इतरो वर तो दीजो म्हाने,
नित उठ जोडु हाथ।।

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