।। राम राम सा ।।
मित्रो आप लोगों से गुजारिश है कि इस वायरस को हल्के में न लें। हमारे लिये एक साथ खड़े होने का समय है। जिससे ईस महामारी से सुरक्षित रहें, मिलकर इसका मुकाबला करें। और सबसे जरूरी बात जो आप आसानी से कर सकते हैं - भीड़-भाड़ ना करे सामाजिक समारोहों से दूर रहें। दुसरी बात यह है कि कुछ लोग अभी भी नेताओ को फोन कर रहे हैं हमे हमारे गाँव आने के लिये प्रमीसन दिलाए । वापस आने को लेकर बार बार फोन कर रहे है।
वो एक गाड़ी की परमिशन दिलवाने की मांग कर रहे हैं।लेकिन राजनेता कितनो को प्रमीसन दिलाएंगे। ऐसे भाइयों की संख्या हजारो मे भी नही है लाखौ में है । देर रात और सवेरे जल्दी उनके फोन चालू हो जाते है।आधे नेताओं ने तो अपने फोन ही बन्द कर दिये है मित्रौ आपकी परेशानी और तकलीफ को तो नेता भी समझते है । कुछ लोग कह रहे है कि इधर मुझे खाने पीने की तकलीफ है और उधर माँ बाप को । आप जहाँ रहते हो क्या वहाँ पर आपको कोई दस पन्द्रह दिन खाना नही खिला सकता है क्या ?और आप अपने मारवाड़ में रहने वाले परिजनों को लेकर बिल्कुल ही चिंता नहीं करें। आप
उनको वीडियो कॉल करके अपने घर वालों को समझाओ की वहाँ पर हम पूरी तरह सुरक्षित और स्वस्थ है। साथ ही घर वालों को ये बात भी समझाओ की इस समय यात्रा करना एक ऊड़ता तीर लेने जैसा है जानबूझकर संकट मोल लेने जैसा है। क्योंकि विशेषज्ञों के अनुसार यात्रा के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। अगर आप रास्ते में से ये बीमारी लेकर गाँव आ भी गए तो पूरे परिवार के व गाँव लिए मुसीबत का कारण बन जाओगे। इसलिए इस मुसीबत के इस वक्त में समझदारी का रखे। आपको इस महामारी से लड़ने के लिए सरकार के नियम की पालना करनी भी बेहद ज़रूरी है ।
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के चलते विभिन्न राज्यों के बीच हो रहे प्रवासियों के आवागमन को पूरी तरह रोकने के निर्देश दिए हुए हैं। वो हमारे फायदे और हित के लिए ही बोल रहे हैं। आप भी गम्भीरता से लें। इस समय यात्रा करना जोखिम भरा काम है।आज भारत के सभी
राज्यों में काम करने वाले दुकानदार फेक्ट्रीयौ मे काम करने वाले गरीब और मजदूर तबके के लोग है जो अपने अपने घर आना - जाना चाहते है, एक साथ इतने लोगो का आवागम भी सम्भव नही हो पायेगा। अगर इजाजत दे दी भी जाए तो इस यात्रा से ही पूरे देश मे भगदड़ मच जाएगी। पूरे देश मे महामारी फेल जाएगी।
संक्रमण की स्थिति में यह आवागमन किसी भी हालात मे सही नहीं है। इसलिए जो भाई बन्धु जहां है, वहीं पर रहे ।और किसी भी गरीब मजदूर आदमी को खाने पीने की मदद करे । वैसे भी केन्द्र सरकार व राज्य सरकारे भी मदद कर रही है। लेकिन सरकारी मदद का लाभ तो ज्यादतर लुटेरे ही उठाते है । महामारी की लड़ाई में देश का साथ दे, अभी और दस ग्यारह दिन बचे हुये है इसे बिताते हुये मालुम भी नही पडेगा ।
गुरुवार, 2 अप्रैल 2020
धीरज रखे जहाँ है वही रहे
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