।। राम राम सा ।।
मित्रो आजकल सोशल मीडिया पर धारा 370 के विशेषज्ञ लोग गायब हैं
सोशल मिडिया व टी वी पर केवल वित्तीय जानकार और परिवहन विशेषज्ञों की बहुत भीड़ है
मित्रो आजकल देश की अर्थव्यवस्था में मंदी की खूब चर्चाएं हो रही है. दरअसल, पिछले कुछ महीनों में अर्थव्यवस्था से जुड़े कई ऐसे आंकड़े आए हैं, जिससे इस चर्चा को बल जरुर मिला है. लेकिन जो आँकड़े आ रहे है उनसे हम जैसे किसानो व गरीबो को तो कुछ फरक नहीं पड़ता हैं। सोशल मीडिया पर जो बोलते है की ऑटोमोबाइल या अन्य उद्योग मे मन्दी है। तो मै उनसे कहना चाहता हूँ कि हर समय एक सा नही रहता है और आज आप मन्दी मन्दी चिल्ला रहे हो तो कभी किसी भी मिडिया वाले ने या इन नेताओ ने किसानो की मन्दी की बात नही की । जब प्याज टमाटर व अन्य सब्जिया दस रुपए प्रति किलो लागत होती है वो दो तीन रुपए प्रति किलो बेचनी पड़ती है गये वर्ष 20 रुपये प्रति किलो लागत का लहसुन किसानो को 150 से 180 रुपये प्रति क्विंटल बेचना पड़ा तब मन्दी किसी मिडिया को नजर नही आई अरे भाई मन्दी तो नेताओं अफसरो दलालो की काली कमाई मे जरुर आई है ।
मेरे हिसाब से पिछले पाँच छह साल मे मोदी सरकार ने बहुत अच्छा यह किया कि महंगाई को बढ़ने नहीं दिया है। जिससे हम कम से कम पिछले छह साल से महंगाई के मोर्चे पर तो शांति से रह सकते हैं। और पिछले छह साल से महंगाई के मामले में शांति से जीवन बसर कर रहे हैं,।मन्दी में इन्सान , इन्सान की इज्जत करने लग जाता है। खाओ पियो मस्त रहो, सस्ता खाओ, सादा जीवन और उच्च विचार रखो, एक दूसरे की मदद करो सब का भी भला करो। उनके दुख में शामिल हो।
हमारे देश मे किसानो को सब्जिया व अनाज का पुरा मूल्य नही मिलने के कारण व अधिक उपज के लालस मे हम जहर खा रहे हैं।
मित्रो भारत में जो अस्सी प्रतिशत नक़ली भोजन लोग खा रहे हैं। उसको बहुत ही तेज़ी से रोका जाना चाहिए। अस्सी प्रतिशत लोग पूरी तरह से नक़ली भोजन खा रहे हैं। चावल, सब्जी, दालें, फल, दवाएं, सूखे मेवे, सारे के सारे इतने नक़ली आ रहे हैं, सभी को केमिकल डालकर उपजाया जा रहा है इसलिये हमारे शरीर में रोगों से लड़ने की पूरी की पूरी शक्ति समाप्त हो चुकी है। पहले के लोग असली भोजन खाते थे तो उन्हें चार या पांच साल में एक बार बुखार आया करता था। वे सारे लोग अट्ठारह घंटे काम करके भी हष्ट पुष्ट रहा करते थे।
अब तो कुर्सी पर बैठने पर ही गर्दन अकड जाती है, सिर में भयंकर दर्द होता है, तरह तरह के रोग हो जाया करते है। तीस साल के जवानों को रोज़ाना पैरों में सूजन रहती है और लगातार कई सालों तक रहती है। क्योंकि भोजन में किसी भी तरह की ताक़त ही नहीं रही है, एकदम बेजान भोजन खाकर हम बेजान जीवन जी रहे हैं। या नहीं तो उत्तेजित करने वाला भोजन खाकर उसी भोजन का नशा पाल रहे हैं। जवान बच्चे जो भरपूर भोजन खाया करते थे । वो तो पीज्जा संस्कृति में अपना जीवन पूरी तरह से बर्बाद कर रहे हैं। आज नक़ली भोजन खाकर लोग मेहनत करते हैं और केवल पैंतीस साल की आयु से ही एक न एक बड़ी बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं।
भाजपा सरकार में हमेशा से दूरदृष्टि से काम करने की भी काबीलियत रही है। वह भविष्य पर हमेशा नज़र रखती है। सो, लगता है कि भारत मंदी की लड़ाई को बेहतरी से लड़ लेगा और आगे आना वाला भविष्य बेहतर होगा कम से कम कमज़ोर देशों से हम कहीं बेहतर ही हैं । कुछ लोग कह रहे है कि जी एस टी मन्दी का कारण है लेकिन जी एस टी से तो व्यापरीयो को फायदा ही हुआ है। लेकिन सरकार द्वारा नोट बन्दी का फैसले से कुछ फायदा नहीं हुआ है लोगो को परेशानी ही हुई थी जैसे 10 चूहे मारने के लिये आग क्या लगाई फसल जलकर राख हो गई और चूहे बिल मे घुस कर जिन्दा रह गये । अब मोदी सरकार एक एक करके चूहो को निकाल तो रही है पर समय लगेगा।
रविवार, 15 सितंबर 2019
मन्दी का दौर 2019
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