गुरुवार, 26 सितंबर 2019

रंगीलो राजस्थान

खेतां हरखै बाजरी,धरती करै रचाव ।
थारै आयां सायबा, ढूंढो करै बणाव॥
थारै आयां सायबा, बोल्या डेडर मोर ।
आभै चमकी बीजळी,बादळ गाज्या जोर ॥
साल बदळसी काल नै , होसी उच्छब अपार ।
घर-घर गोठां चालसी , आगत रै सतकार ।।

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