।। राम राम सा ।।
मित्रो हमारे देश मे कुछ कानून ऐसे बने है जिससे कोई भी औरत किसी को भी आसानी से ब्लेकमेल कर सकती है ।
एक तरफ सरकार adultry मतलब विवाहेत्तर संबंधों को भी जायज़ ठहरा रही है वही दूसरी तरफ सेक्स करने के बाद पुरुष महिला के हाथों का खिलौना बनने की कगार पे पहुच जाता है
क्या ये न्यायोचित है कि किसी भी लड़की से संभोग से पहले उसके द्वारा एक सपथ पत्र पर लिया जाए कि ये सब उसकी मर्जी से हो रहा है।
यहां पर मैं चिन्मयानंद के कार्य को सही नही बता रहा, क्योंकि अभी तक इस बात की कोई सही जानकारी नही प्राप्त हुई है कि ये सब लड़की की मर्ज़ी से हुआ है अथवा नहीं। क्योंकि हमारे समाज मे बर्तमान परिस्थियां बिल्कुल भी सही नही है क्योंकि लोगो को किसी भी मुद्दे पर एक एक्सट्रीम पे जा के ही निर्णय कर मिलता है और ये एक्सट्रीम भी खास तौर पे किसी महिला के पक्ष में जा के ही दिखाते हैं, सामान्यता कोई भी महिला केवल कह दे और अच्छी प्रतिष्ठा प्राप्त व्यक्ति तुरंत ही गुनाहगार साबित हो जाता है।
जान लेने लायक ये भी है कि कोई व्यक्ति अगर संत है तो इसका ये मतलब बिल्कुल भी नही निकालना चाहिए कि उसने बुद्धत्व को प्राप्त कर लिया है आज के दौर में जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, साइंटिस्ट, कार्टूनिस्ट, पत्रकार जैसे धंधे हैं उसी तरह बाबा या संत का चोगा पहन लेना भी एक धंधा है इसे बिल्कुल भी ये नही समझना चाहिए कि साक्षात महावीर या बुद्ध की तरह उन्हें ज्ञान प्राप्त हो गया है आप उदाहरण के लिए समझिए कि असल मे ज्ञानी व्यक्ति तो मोहमाया से दूर रहता है और आजकल लोग जिन बाबाओं को गलत कार्यो में लिप्त पा रहे है उनकी संपत्ति को देखिए उनके रहन सहन को देखिए उसके बाद भी अगर आप उन्हें बहुत ऊंचा संत समझ रहे है तो आपसा मूर्ख कोई नही।
और यदि किसी संत को आप फाइव स्टार होटल में रहते हुए और सुपर लक्सरी कार से घूमते देख के बुरा नही मानते तो केवल उनके यौनिक क्रियाओ पर ही क्यों रोक लगाना चाहता है समाज। आप अपने भीतर की छुपी कुंठा को व्यक्त करते हैं क्योंकि महिलाएं लगभग प्रत्येक पुरुष को पसंद होती है और उनको बुरा महसूस होता है जब किसी खूबसूरत महिला को किसी पुरुष के साथ देखते हैं और जब भी मौका मिलता है उसकी धज्जियां उड़ाना शुरू कर दी जाती हैं।
मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए अपराधी को कठोर दंड मिलना चाहिए लेकिन कोई केवल संत की वेशभूषा में है इस बात की सज़ा नही मिलनी चाहिए।
और अगर समाज ने अपनी दोगली सोच को नही सुधारा तो वो दिन भी आ जायेगा जब पुरुषो का इस कदर शोषण शुरू हो जाएगा कि वो किसी भी महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाने में घबराएंगे।
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