।। राम राम सा ।।
(लाह )
मित्रो पुराने जमाने से चली आ रही लाह प्रथा अब लगभग कम हो गई है गाँवो कोई भी मौके जैसे निदान, कटाई, कराई ,कालर घर निर्माण आदि पर गाँवों के लोग परस्पर सहभागिता से एकजुट होकर काम करते हैं। इस प्रक्रिया को लाह(अदौल )कहते हैं। कटाई के समय किसान अपने पड़ोसियों व अन्य किसानों को कटाई में सहायता के लिये आमंत्रित करता है। सामान्यतया प्रत्येक परिवार से एक सदस्य इस काम में भाग लेता है। इस प्रकार सब परिवार एक दूसरे के खेत में फसल कटाई में मदद करते हैं। कभी-कभी तो लाह इतनी बड़ी होती है कि पड़ोसी गाँव के लोग भी उसमें सहभागिता (कटाई) हेतु भाग लेते हैं।
यह एक सामुदायिक काम है जो पारस्परिक सहयोग से होत है। किसान काम करने आये लोगों को मजदूरी नहीं देता है बल्कि वह सभी लोगों को अपनी हैसियत के मुताबिक अच्छा खाना, लाप्सी आदि खिलाता है।
खेत में लाह से काम जल्दी और एक बार में पूरा हो जाता है।
लाह से ग्रामीणों के आपसी सम्बन्ध में प्रगाढ़ता आती है।
इस अवसर पर अच्छा खाना परोसा जाता है और सभी लोग इसे उत्सव की तरह मनाते हैं।
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