।। राम राम सा ।।
वीर जाण्या छ जीं धरती न
महिमा करि न जावे बखान
प्यारो घणो लागे मन्हें राजस्थान।
तीज को मेळो बूंदी लागे,
कोटा का दशवारो
जयपुर की गणगौर रंगीली,
पुस्कार दुःख हर सारो,
मेवाड़ की आन उदयपुर
झीलां की नगरी छ,
मेवाड़ चित्तौड़ किला
महाराणा की धरती छ,
पद्मिनी जोहार गाथा गावै जुबांण
प्यारो घणो लागे मन्हें राजस्थान।
पृथ्वीराज बसया अजमेरा और
दरगाह छ ख्वाजा की,
कृष्ण प्रेम म डूबी जोगण,
या महिमा मीरा की,
हाडौती कोटा माहि चम्बल
धाराएँ बहाती,
मारवाड़ की आन जोधपुर
सूर्यनगरी कहाती,
जंतर-मंतर छ जयपुर की शान,
प्यारो घणो लागे मन्हें राजस्थान।
बीकानेर ऊँटा को गढ़, या
धरती छ धोरा रीं,
राजस्थान शौर्य की महिमा
गावे दुनियाँ सारी,
मकराना का संगमरमर सूँ ,
ताजमहल बणवाड्या,
धौलपुर को लाल पत्थर,
लालकिले जडवड्या,
गंगा नगर अन्न की खान,
प्यारो घणो लागे मन्हें राजस्थान।
वीर जाण्या छ जीं धरती न
महिमा करि न जावे बखान
प्यारो घणो लागे मन्हें राजस्थान।
तीज को मेळो बूंदी लागे,
कोटा का दशवारो
जयपुर की गणगौर रंगीली,
पुस्कार दुःख हर सारो,
मेवाड़ की आन उदयपुर
झीलां की नगरी छ,
मेवाड़ चित्तौड़ किला
महाराणा की धरती छ,
पद्मिनी जोहार गाथा गावै जुबांण
प्यारो घणो लागे मन्हें राजस्थान।
पृथ्वीराज बसया अजमेरा और
दरगाह छ ख्वाजा की,
कृष्ण प्रेम म डूबी जोगण,
या महिमा मीरा की,
हाडौती कोटा माहि चम्बल
धाराएँ बहाती,
मारवाड़ की आन जोधपुर
सूर्यनगरी कहाती,
जंतर-मंतर छ जयपुर की शान,
प्यारो घणो लागे मन्हें राजस्थान।
बीकानेर ऊँटा को गढ़, या
धरती छ धोरा रीं,
राजस्थान शौर्य की महिमा
गावे दुनियाँ सारी,
मकराना का संगमरमर सूँ ,
ताजमहल बणवाड्या,
धौलपुर को लाल पत्थर,
लालकिले जडवड्या,
गंगा नगर अन्न की खान,
प्यारो घणो लागे मन्हें राजस्थान।
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