"पैली तो काळजा म् ठंड करी, पछ सिर पर छांया करी"....
आज थांकी परिक्ष्या ले ल्यूं काई ?
ध्याणी फैल हुवोक आवै सप्ली या कप्ली !!
प्रशन ई चोकता हीं -
1. कैयां बेरो पड़ै की मतीरो पाच्गो/पाक्गो ?
2. मतीरा न कैयांवणु काटणु चाहीजै ?
3. मतीरा कतरा भांत का हूवैं हैं ?
4. मतीरा का कुण कुणसा भाग हूवैं हैं ?
5. मतीरो और काई काई काम म् आवै ?
6. मतीरा क ठोल्या मारबा को चक्कर काई है ?
7. मतीरे की लड़ाई कठे हुई ?
आज फंसगा न .....
सोचो हो क यारो मतीरो है जद बेगा सा बिन सलटाओ .....
बास्ते लाग गी परिक्ष्या क !
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