शनिवार, 21 सितंबर 2019

भ्रमण सिनली गाँव री कान्कड़ 19 सितंबर 2019

  
।। राम राम सा ।।
मित्रो  19 सितंबर2019 रे दिन गाँव रे चारो दिशा री कोन्कड़ मे फिरवा रो मौको मिलियो
ईण साल फसलै  तो खास नही है पूरी कोन्कड़ घुमणे रे बाद मून्गो रे फाल व फलीयां  तो आठ-नौ खेतो रे मे हीज दिखी ही । बाकी रा पुरा खेतो मे खासकर मूँग तो बिना फाल फली निजर आया।  पूरा खेतो मे कीटनाशक दवाई व पावडर री खुशबू ही खुशबू आवती री । ज्वार व बाजरा री फसल तो लगेटगे ठीक ही नजर आई ।
सिणली अर चाली गाँव  रै बीच मे  कान्कड़ है उणने मगरा कैवै। मगरा सिणली गाँव रे पश्चिम आयोड़ा है। इण साल मगरो मे फसलै कोई खास नी है ।मगरो री कोन्कड़ मे  मून्गौ रे फाल व फली तो सिर्फ अणदाराम बुदाजी मालवी रे खेत मे देखी ही। बाकी खेतो मे कम ही फाल फलीयां दिखी ही । 
  जिण् रा खेत गाँव सूँ पूर्व दिशा मे है उणने ऊगणा कैवै । उगणो मे  लारले साल फसल चौखी ही अर ईण साल चौखी है । बौको रे वाडिया मे हड़मानराम वरदाजी बोका रे खेत मे मून्गौ रे फाल व फलिया बहुत ही चौखी है।   गाँव रो बड़ो व लम्बो कान्कड़ गाँव रे दक्षिण दिशा मे है जिणने खासकर नाडा रो कोन्कड़ कैवै  पण मिनख आप आप रे खेता ने अलग अलग नोम सूँ कैवै जैसे भुन्गरवालो, नीम्बडी, पसावालो, आदि और जो खेत गाँव रे नजदीक है उणनै वाड़ीया  कैवे  दक्षिण कोन्कड़ मे तीन मारग है सिणली सूँ  पिपरली  सिणली सूँ रोहिचा खुर्द,व सिणली सूँ रोहिचा कल्ला । जिणमे सिनली सूँ रोहिचा कल्ला मार्ग रे दोनो ओर फसलै चौखी है ।
सिणली गाँव रे उत्तर दिशा मे गाँव रो कान्कड़ नही है । एकाध खेत छोड़ ने धवा गाँव रो कान्कड़ आ जावे ।
इण साल इन्द्र भगवान बरखा री कमी तो नी राखी पण लगातार बरसात हुन्वणा सूँ रोड़ हुवतो गियो खेतो मे तीन तीन व चार चार बार बुवाई करवा सूँ धान भी चौखो नी है और जो खेतो मे हुवण वाला काकड़ी, कासर, मतीरा , भी कोई खास नी  है।    
। सिणली गाँव री कान्कड़ मे बाजरी, मोठ,मूँग, तील ,ग्वार , ज्वार,कासर,काकड़िया, मतीरा तिन्डा भी नांमी घणा हुवै। पण छोटा छोटा कासरीया  रो थोड़ो इन्तज़ार करणों पडसी ।  आजकाल लोग खेतों मे रासायनिक खाद व हाइब्रिड बीज रो उपयोग ज्यादा करणा सूँ अनाज रो स्वाद तो पेहला जेडौ नी रहयौ ।
पेहला गाँव  री देसी बाजरी, मूँग मीठा  ताज़ा व ताकत वाला घणा होवता हा । गाँव रा मिनख भी मोटो अनाज ज्यादा खावता हा । काम करणा में तगड़ा अनै चीड़ा होवता हा
मिनख सुबह पांच बजीया सूँ देर रात तक काम करता करता थाकता नी हा । आज इण रसायनिक खाद व हाइब्रिड बीज रे उपयोग करणा  सूँ मिनखौ  मे तरह तरह री बीमारियाँ हुयगी  व काम करणे री  ताकत भी कौनी रही। थोड़ी देर काम करणा सूँ मिनख हांफता नजर आवै । और ऊपर सूँ कैवता फिरे की ईण साल गरमी घणी है । गरमी तो पेहला भी पड़ती ही पण मिनखौ मे गरमी सहन करवा री ताकत ही । आज इण मशीनरी जुग मे किसानो रे मेहनत रो काम भी कम  हो ग्यौ। जल्दी सूँ लाटो रो काम निपटाय ने सात महिना घरे बैठा बैठा कुलर व पंखा री ठण्डी ठण्डी हवा खावे।अर चौमासो आवे जणा कैवै कि गरमी घणी है । आ गरमी नी है आपौ शरीर ने कुहेवा  कर दियो हो ।   
गुमनाराम पटेल सिनली जोधपुर

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