बुधवार, 4 सितंबर 2019

राजस्थानी भजन- सोना रो घडोलियो ने रुपा री इन्डोणी

सोना रो घड़ोलियो ने,
रूपा री ईडाणी।

दोहा – दिन बिता घडियां बीती,
और बीत गया कई मास,
अजमल घर थाली बाजी,
धन धन अजमल रा भाग।

सोना रो घड़ोलियो ने,
रूपा री ईडाणी, 2
डावडिया तो जल भरवा जाई रे, हा@@@...
हे ऐ रमझम करती,
हाले रे डावडिया, 2
आई कुआ रे माई रे, हा@@@....
ललेरे ललेरे बाईसा,
उतारे घडोलियो, 2
सरसर डोर सरकाई रे।। हा@@@....

अरे कणेरे रे पकड़ी रे म्हारी,
डोर रे डोलणीया,2
कुण रे कुआं रे माई रे, ......
बाई रे सुगणा ने बायां,
ऐडो परो केईजो,2
रतनो कुआं रे माई रे।।......

ललेरे ललेरे डावडिया,
ऊपाडे घडोलियो,2
आई ई मेहलो  रे माई रे,
ऐ हाथ रे जोड़े ने,
बोले रे डावडिया,2
साम्भलो नी सुगणा बाई रे।।

ऐ आपणे पीरे ती बाईसा,
आयो रे ओठिडौ ,2
नोकियो कुआं रे माई रे,........
हाथ पग वाडियो,
किदो रे सलोगींयो,2
नोखीयो कुआं रे माई रे।।.......

ऐ झुठी रे डावडिया थे,
झूठ मती बोलो,2
रतनो रणुजा माई रे,.......
ऐ झुठ रे बोलु तो बाईसा,
राम री दुहाई,2
रतनो कुआं रे माई रे।।.......

ऐ गढ रे चढ़े ने बाईसा,
हैलो परो मारियो,2
साम्भलो नी रोमा भाई रे,
ऐ धुप रे धुपेडो बाईसा,
लिदो परो हाथ में,
महेलो रे झरोखे आई रे,
ऐ वारि रे वारि ओ म्हारा,
निकलंग नेजाधारी,
द्धारका री जोत सवाई रे,
ऐ हरि रे चरणों भाटी,
हरजी यु बोले,
भल भल जोत सवाई रे।।

सोना रो घडोलियो ने,
रूपा री ईडाणी,
डावडिया तो जल भरवा जाई रे,
हे ऐ रमझम करती,
हाले रे डावडिया,
आई कुआ रे माई रे,
ललेरे ललेरे बाईसा,
उतारे घडोलियो,
सररर डोर सरकाई रे।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें