शुक्रवार, 27 सितंबर 2019

राजस्थानी भजन- आदी अनादि निमण पन्त मोटो

आदी अनादी नीमन पंत मोटो
ओ साधो संतो वाली तिरिया ओ साधो भाई ||१||

बिना भजन कुन तरिया संतो भाई

मूल महल बिच चारो चोकी गनपत आसन धरिया
आशन पूरी एडिक होए बेठा ओ संतो

अरे जाप हो अज्म्पा जपिया ओ संतो भजन
बिना भजन कुन तरिया संतो भाई

आवे ओ पहलों नीमन, मारो मात पिता ने
उत पूत पालन करिया रे संतो ||१ ||

बिना भजन कुन तरिया संतो भाई
दूजो निमन इन धरती माता, ने जिन पर पघला धरिया रे संतो

बिना भजन कुन तरिया साधो भाई
आदी अनादी नीमन पंत मोटो

ओ साधो संतो वाली तिरिया ओ साधो भाई ||१||
तिजोड़ो नीमन मारा गुरु पिरो ने

ह्रदय में उजाला करिया ओ संतो भाई बिना नीमन कुन तरिया रे

चोथोड़ी नीमन मारी इन सत री सत्संग ने
जिसमे जाए ने सुधारिय ओ संतो भाई बिना भजन कुन तरिया

आदी अनादी नीमन पंत मोटो
ओ साधो संतो वाली तिरिया ओ साधो भाई ||१||

नीमन करा मारा सूर्य देव ने सकल उजाला करिया
अरे घनो नीवन इन अन्न देव ने जिनाथी उदर रे भरिया संतो भाई

बिना भजन कुन तरिया संतो भाई

आदी अनादी नीमन पंत मोटो
ओ साधो संतो वाली तिरिया ओ साधो भाई ||१||

नीमन करा मारा जयोति  सरूपाः ने होए इन्दर हो बरसिया
अम्रत वर्षा बर्षण लागी, नीमन जेट जल भरिय ओ संतो भाई

बिना भजन कुन तरिया संतो भाई

आदी अनादी नीमन पंत मोटो
ओ साधो संतो वाली तिरिया ओ साधो भाई ||१||

बिना पाड रो भवसागर भरियो, बिना पाड भवसागर भरिया
गुरु चरणों में उभरियो जी

गुरु खिमानजी के चरणे माली लिख्मोजी बोले अरे भूल भरम सब करिया
बिना भजन कुन तरिया संतो भाई

आदी अनादी नीमन पंत मोटो

ओ साधो संतो वाली तिरिया ओ साधो भाई ||२||

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