शनिवार, 3 अगस्त 2019

दोहा छन्द 1

दोहा – कहे संत संग्राम राम ने,
भूलो किकर,
भूलीया भूंडी होवसी,
माजनो जासी बिखर,
बिखर जासी माजनो ने,
देवे गधे री जून,
मोरो पडसी टाकीया,
ऊपर लदसी लून,
ऊपर लदसी लून,
चढावे सामा सिकर,
कहे संत संग्राम राम ने,
भूलो किकर।

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