गुरुवार, 29 अगस्त 2019

राजस्थानी फागण

ज़ोर जी सफवत घोड़ा बाज़ारा में खड़ीया रे x2
हवले हवले खड़ीया ने बजा झाड़िया रे
घोड़ो बतलायो जॉरजी नारी रो जायो रे

एक तो राजाजी धनियो चौको काम करियो रे
शितर भाटो भांड ने घंटा घर घड़ियो रे
गिर्दी कोर्ट में

म्हारे भेले रिजो रे देवर गाँठ में घी घालु रे
दोपहरी रोटी ने तरकारी चमकाउ रे
वाहा देवर लखिनो या रंग रंगीली होली आई रे

अरे साँप ने सरपटिया दे बदला रे हेते बाजे रे
दोनो हाथ में रुमालिया आगे हदला नाचे रे
होली आई रे यो रंग रंगीलो फाग़न आयोसा

कागदियो लिख महलू रे छोरा बेगो रे मोडो आइजे रे
अवलोडी ए ग्यारस माथे आयो रिजे रे
महीनो फाग़न रो रंग रंगीलो फाग़न आई जी

और तो परन्यो छैल पुन पतलो पड़ गयो रे
राते म्हारे बायली रे जापो होगो रे
गिगो लाड़लो देखो अंजारे रोव रे

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