।। राम राम सा ।।
घोडा रेस में बिक रहा है,
वकील केस में बिक रहा है,
अदालत में जज बिक रहा है,
वर्दी में फर्ज बिक रहा है !
यहाँ सब कुछ बिक रहा है.....
मज़बूरी में इंसान बिक रहा है,
जुल्म का हैवान बिक रहा है,
पैसों कि खातिर ईमान बिक रहा है,
गरीबों का प्राण बिक रहा है !
यहाँ सब कुछ बिक रहा है.......
गेट का संत्री बिक रहा है,
पार्टी का मंत्री बिक रहा है,
खिलाडी खेल में बिक रहा है,
कानून जेल में बिक रहा है !
यहाँ सब कुछ बिक रहा है......
पर आज ऐसी हालत होते हुए भी सिर्फ हमारा माल नहीं बिक रहा है !
बहुत मंदी है !! ..
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