शुक्रवार, 2 अगस्त 2019

देसी भजन - चौसठ जोगणी रे भवानी देवलिये रम जाये


चौसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय
घूमर घालणि रे भवानी, देवलिये रमजाय।।

श्लोक
देवा में देवी बड़ी, और बड़ी जगदम्बे माय,
लज्जा मोरी राखियो, कीजो म्हारी सहाय,
कीजो म्हारी सहाय, शरण में आया तेरी,
जगदम्बे महारानी माँ, लाज रख दीजो म्हारी।।

देवलिये रमजाय म्हारे, आंगणिये रमजाय,

चौसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय
घूमर घालणि रे भवानी, देवलिये रमजाय।।

हंस सवारी कर मोरी मैया, ब्रम्हा रूप बणायो,
ब्रम्हा रूप बणायो नवदुर्गा, ब्रम्हा रूप बणायो,
चार वेद मुख चार बिराजे, चारा रो जस गायो।।

घूमर घालनी रे भवानी, देवलिये रमजाय।।

गरुड़ सवारी कर मेरी मैया, विष्णु रूप बणायो,
विष्णु रूप बणायो नवदुर्गा, विष्णु रूप बणायो,
गदा पदम संग चक्र बिराजे, मधुबन रास रचायो।।

घूमर घालनी रे भवानी, देवलिये रमजाय।।

नंदी सवारी कर मेरी मैया, शक्ति रूप बणायो,
शक्ति रूप बणायो नवदुर्गा, शक्ति रूप बणायो,
जटा मुकुट मै गंगा खळके, शेष नाग लीपटायो।।

घूमर घालनी रे भवानी, देवलिये रमजाय।।

सिंघ सवारी कर मेरी मैया, शक्ति रूप बणायो,
शक्ति रूप बणायो नवदुर्गा, शक्ति रूप बणायो,
सियाराम तेरी करे स्तुति, भक्त मंडल जस गायो ।।

घूमर घालनी रे भवानी, देवलिये रमजाय।।

चौसठ जोगणी भवानी, देवलिये रमजाय,
घूमर घालणि रे भवानी, देवलिये रमजाय।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें