गुरुवार, 29 अगस्त 2019

राजस्थानी भजन-म्हे थाने सिमरु गजानन देवा


 में थानो सिमरु गजानंद देवा । ....... 

सरस्वती माता शारदा ने सिमरु। हिरदे करो उज्वला जिओ खोलो मारे हिवड़े रा ताला जिओ 

नींद डा निवारो भोलेनाथ री रे  जिओ ........................

जननी नहीं जायो उदार नहीं आयो , गवरी रो लाल कैहवायो जियो

में थानो सिमरु गजानंद देवा................2

हाथ पसारु हीरो हाथ नहीं आवे,  2 

मुठी में कोणी समावे जिओ 

में थानो सिमरु गजानंद देवा । ....... 

सरस्वती माता शारदा ने सिमरु। हिरदे करो उज्वला जिओ खोलो मारे हिवड़े रा ताला जिओ 

नींद डा निवारो भोलेनाथ री रे  जिओ

पानी सु पातलो पवन से भी झीनो सोभा वर्णी नहीं जावे जिओ 

में थानो सिमरु गजानंद देवा । ....... 

सरस्वती माता शारदा ने सिमरु। हिरदे करो उज्वला जिओ खोलो मारे हिवड़े रा ताला जिओ 

नींद डा निवारो भोलेनाथ री रे  जिओ। ......... 

मछिन्दर प्रताप जसी गोरख बोलो कृपा लजिया मोने ने वाली रखो ने जिओ 

में थानो सिमरु गजानंद देवा । ....... 

सरस्वती माता शारदा ने सिमरु। हिरदे करो उज्वला जिओ खोलो मारे हिवड़े रा ताला जिओ 

नींद डा निवारो भोलेनाथ री रे  जिओ". . . . . . 


. गजानद महाराज की जय । .. 

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