शुक्रवार, 16 अगस्त 2019

चौमासो चौखो घणौ साजन हो जद साथ

आभै चमके बिजळी, धण नैना में प्यार |

जळ बरसावे बादळी, हिवड़ो रस री धार ||

चौमासो चोखो घणो, साजन हो जद साथ |

मुधरा मुधरा मुळकता, बिते दिन और रात ||

बीज झबूके बादली, घूँघट गौरी नैन |

मनचीती पूरी करे, सावन सांचों सैण ||

घुट घुट आवे बादली, घुट घुट उमड़े नेह |

भीगे मनभर गोरड़ी, आँगन बरसे मेह ||

नदी नालां जल उफणे, हिवडे प्रीत हिलोर |

धरा, हिये दोन्यू जगह, मधरा नाचे मोर ||

हरियाळो गौरी हियो, हरियल धरती सेज |

सुपणा हरियल नैन में,इंद्र,अनंग रंगरेज़ ||

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