भजन
अरे राम राम रे भाया राम राम रे,
श्लोक – राम बुलावा भेजिया,
दिया कबीरा रोय,
जो सुख साधु संग मे,
सौ बैकुंठ न होय।।
अरे राम राम रे भाया राम राम रे,
हे म्हारी बोली चाली रा गुणा माफ,
भायो ने म्हारा राम राम रे।।
हे कठे बेवाडू डोडा ऐल जी रे,
भाया राम-राम रे,
हे ओ तो कठोडे बेवाडू नागर वेल,
भायो ने म्हारा राम राम रे।।
हे कागज वे तो मै वासलू रे,
भाया राम-राम रे,
हे ओ तो कर्म मा सु वाचियो नी जाये,
भायो ने म्हारा राम राम रे।।
हे कुओ वे तो मै डाकलू रे,
भाया राम – राम रे,
हे ओ तो समन्दर मा सु डाकियों नी जाये,
भायो ने म्हारा राम राम रे।।
हे धागों वे तो मै तोड़ दु रे,
भाया राम – राम रे,
हे ओ तो प्रेम मा सु तोड़ियो नी जाय,
भायो ने म्हारा राम राम रे।।
हे टाबर वे तो मै राखलू रे,
भाया राम – राम रे,
हे ओ तो रावल मा सु राखियो नी जाय,
भायो ने म्हारा राम राम रे।।
राणी रूपा के री विनती रे,
भाया राम – राम रे,
म्हारा साधुड़ा रो अमरापुर में वास,
भायो ने म्हारा राम राम रे।।
आया जको ने राम – राम,
गिया जको ने राम – राम,
अरे सब भक्तो ने राम – राम।।
अरे राम राम रे भाया राम राम रे,
हे म्हारी बोली चाली रा गुणा माफ,
भायो ने म्हारा राम राम रे।।
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